Eye Flu Kya Hai? जानिए आई फ्लू के लक्षण और उपचार

Eye Flu Kya Hai : दोस्तों अगर आए थे उनके बारे में हम बात करें तो यह एक प्रकार का आंखों का संक्रमण है जिसको पिंक आई और कंक्रीट वाइट्स भी कहा जाता है इस इंफेक्शन में आंखों में लालिमा दर्द और सूजन जैसी परेशानियां होती है ऐसा संक्रमण है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को होता है| वर्तमान समय में भी आई फ्लू बहुत अधिक तेजी से चल रहा है ऐसे में सभी लोग जानना चाहते हैं कि आई फ्लू क्या होता है (Eye Flu Kya Hai ) और इसके लक्षण और उपचार क्या होते हैं| यदि आप बी आई फ्लू से संबंधित जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं और इसके उपचारों के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक ध्यान पूर्वक जरूर पढ़ें इसमें आपको आई फ्लू से संबंधित सभी जानकारियां प्रदान की गई है|

Eye Flu Kya Hai (Eye Flu Diseases)

आई फ्लू एक नेत्र रोग है जिसको वायरल कंजक्टिविटीज़ के रूप में भी जाना जाता है यह एक आम आंखों का संक्रमण है जिसका सामना हम अपने जीवन में कभी ना कभी करते हैं यह संक्रमण आंखों में जलन पैदा करता है और ऐसी स्थिति पैदा करता है| जब किसी व्यक्ति की आंखों में दर्द होता है वायरल कंजक्टिविटीज़ सर्दी के लिए जिम्मेदार वायरस में से एक से प्रभावित महामारी हो सकता है|

आई फ्लू, जिसे “इन्फ्लुएंजा” भी कहा जाता है, एक संक्रामक बीमारी है जो आमतौर पर वायरसों के कारण होती है। यह वायरस आमतौर पर फ्लू वायरस के रूप में जाने जाते हैं और यह वायरसों के विभिन्न प्रकार हो सकते हैं, जैसे कि इन्फ्लूएंजा ए वायरस, इन्फ्लूएंजा बी वायरस, इन्फ्लूएंजा सी वायरस आदि।

इस बीमारी के लक्षण में सिरदर्द, शरीर में दर्द, बुखार, थकान और सूखी खासी शामिल हो सकते हैं। यह लक्षण अचानक होते हैं और व्यक्ति के दिनचर्या को प्रभावित कर सकते हैं।



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आई फ्लू के लक्षण

Eye Flu, आई फ्लू के कई लक्षण हो सकते हैं जिनमें से कुछ लक्षण हमने आपको नीचे बताएं हैं|

  • आँखों का लाल हो जाना और सूज जाना
  • आँखों से पानी निकलना
  • धुंधली दृष्टि हो जाना
  • आँखों से खून बहना
  • पलकों पर सूजन होना
  • रगड़ के कारण सूजन आना
  • पलकों का चिपक जाना
  • आँखों में तेज खुजली या दर्द होना
  • आँख रेत की तरह किरकिरी होना और दर्द होना
  • सूरज की रोशनी या तेज रोशनी के प्रति असंवेदनशीलता, जिसे फोटोफोबिया भी कहा जाता है।
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आई फ्लू के कारण

आई फ्लू के निम्न कारण है जिनके बारे में नीचे बताया गया है|

  • आँखों में यह संक्रमण एक वायरस या बैक्टीरिया के कारण होता है।
  • वायरस जो आई फ्लू का खतरा बढ़ाते हैं, एडिनोवायरस कुछ प्रकार के हर्पीस वायरस होते हैं।
  • बैक्टीरियल समस्याओं में स्टैफिलोकोकस ऑरियस, स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया, हीमोफिलस स्पेसिस आदि शामिल हैं।
  • बैक्टीरियल कंजक्टिविटीज़ कभी-कभी क्लैमाइडिया जैसे सैक्सुअल ट्रांस्मिटेड इंफेक्शन (एसटीआई) द्वारा निर्मित होता है। यदि लक्षण एक महीने के बाद भी कम नहीं होते हैं, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि एसटीआई हो गया है।
  • अधिकांश विभिन्न प्रकार के बैक्टिरियल कंजक्टिविटीज़ अधिक तत्काल उपचार के साथ ठीक हो जाते हैं। इंफेक्टिव कंजक्टिविटीज़ बहुत संक्रामक होती है और जल्दी से किसी अन्य व्यक्ति को इससे पारित किया जा सकता है।
  • नवजात शिशुओं में गुलाबी आँख आई-फ्लू संक्रमण, जलन या अवरुद्ध आँसू वाहिनी के कारण हो सकती है। कभी-कभी प्रसव के दौरान माँ से बैक्टीरिया या वायरस स्थानांतरित हो जाता है, भले ही उसमें लक्षण न हों। बैक्टीरिया या वायरस को एसटीआई से जोड़ा जा सकता है।
  • यदि नवजात शिशु को क्लैमाइडिया का बैक्टिरियल कंजक्टिविटीज़ है, तो आमतौर पर प्रसव के 5 से 12 दिनों में लक्षण दिखाई देते हैं। यदि जीवाणु सूजाक के कारण होते हैं, तो वे सामान्य रूप से 2 से 4 दिनों के बाद देखे जा सकते हैं।

Eye Flu के बचाव

  • आँखों को छूना या रगड़ना नहीं है।
  • हाथों को नियमित रूप से साबुन और गर्म पानी से धोएं या हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
  • हमेशा सोने से पहले कॉन्टैक्ट लेंस हटा दें।
  • चश्मा साफ रखें।
  • अलग-अलग लोगों के साथ अपना सामान जैसे तौलिया, तकिया, मेकअप, कॉन्टैक्ट लेंस आदि साझा ना करें।
  • स्विमिंग पूल में चश्मे का उपयोग करें और संक्रमण होने पर तैराकी ना करें।
  • उस पानी में तैरने से बचें जिसमें रेग्यूलर क्लोरिनेशन हो।
  • आँखों को दिन में 2 से 3 बार ताजे पानी से साफ करें।
  • पहले से ही इस्तेमाल किये गए तौलिये या रूमाल के इस्तेमाल से बचें।
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Eye Flu के उपचार

आई फ्लू (Influenza) का उपचार विशेष रूप से विश्राम, पौष्टिक आहार और अत्यधिक पानी पीने पर आधारित होता है, जिससे शरीर का प्रतिरक्षण प्रणाली मजबूत हो सके। यहां कुछ आम आई फ्लू के उपचार उपाय दिए गए हैं, लेकिन यदि आपको गंभीर लक्षण हैं या स्थिति बिगड़ रही है, तो चिकित्सक से सलाह लेना महत्वपूर्ण है:

  • पुरी आराम और नींद: बुखार, थकान और शरीर में दर्द के कारण आपको पूरी आराम की आवश्यकता होती है। अपने शरीर को पुरी तरह से आराम दें और प्राथमिकता से नींद पूरी करें।
  • पौष्टिक आहार: आई फ्लू के समय में पौष्टिक आहार खाना बहुत महत्वपूर्ण है। फल, सब्जियाँ, प्रोटीन-युक्त आहार, दूध, और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  • अधिक पानी पीना: अच्छे से हाइड्रेटेड रहना आपके शरीर को ताकत देगा और फ्लू के लक्षणों को कम करने में मदद करेगा। गरम पानी, सूप, नींबू पानी, नारियल पानी, आदि पीने से आराम मिलता है।
  • दर्द और बुखार की दवाएँ: यदि आपको दर्द और बुखार है, तो आप डॉक्टर की सलाह पर दर्द और बुखार की दवाएँ ले सकते हैं। बाजार में बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएँ नहीं खानी चाहिए, क्योंकि वे आपके स्वास्थ्य को और बिगाड़ सकती हैं।
  • गर्म सूप और ताजगी: गर्म सूप पीने से आपके शरीर में आराम मिलता है और ठंडी-कशोर गले में भी आराम पहुँचता है।
  • हाथ धोने और मास्क पहनने की सलाह: आई फ्लू वायरस संक्रमण से बचाव के लिए अच्छे से हाथ धोना और एक चिकित्सकीय मास्क पहनना महत्वपूर्ण होता है।
  • विश्राम और सोशल डिस्टेंसिंग: आई फ्लू के समय अपने आपको विश्राम देना और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना आपकी सुरक्षा में मदद कर सकता है।
  • डॉक्टर की सलाह: यदि आपके लक्षण गंभीर हैं या वे बढ़ रहे हैं, तो आपको तुरंत एक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
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आई फ्लू का इलाज

यदि किसी को आई फ्लू हो जाता है तो उसको तुरंत इलाज करना चाहिए आई फ्लू इलाज के लिए आपको ओवर दे अकाउंट सेवन नहीं करना चाहिए इसके लक्षण दिखने पर आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और डॉक्टर आप के लक्षणों के आधार पर आपको दवाई देते हैं आप उस तरीके से ही दवाइयों का सेवन करें|

आमतौर पर संक्रमण रोकने हेतु डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं और ड्रॉप्स का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं|  हॉट ओर कोल्ड कंप्रेस से भी इस समस्या में आराम मिलता है इसके अलावा बाहर निकलते समय काला चश्मा पहनने की भी सलाह देता है|

आई फ्लू के प्रकार (Types Of Eye Flu)

आई फ्लू (Influenza) एक वायरल संक्रामक बीमारी है जो आमतौर पर ठंडी में होती है और नाक-कान और गले के संक्रमण के कारण होती है। यह वायरस विभिन्न प्रकार के होते हैं और इनमें से कुछ बहुत गंभीर संक्रामकता रखते हैं। आई फ्लू के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित होते हैं:

  • एच1एन1 इंफ्लुएंजा (H1N1): यह इंफ्लूएंजा वायरस का एक प्रकार है जिसे “स्वाइन फ्लू” भी कहा जाता है। इसका प्रकार H1N1 है और यह पिछले समय में मानवों में प्रसारित हुआ था।
  • एच3एन2 इंफ्लूएंजा (H3N2): यह भी एक प्रमुख आई फ्लू वायरस है और मानवों में संक्रमित होने की क्षमता रखता है।
  • बी इंफ्लूएंजा (Type B): यह भी एक प्रकार की आई फ्लू होती है, लेकिन इसकी संक्रामकता और गंभीरता कम होती है जब उसे एच टाइप्स की तुलना में देखा जाता है।
  • एच5एन1 इंफ्लूएंजा (H5N1): यह वायरस पक्षियों में पाया जाता है और कई बार मानवों में भी संक्रमित हो गया है। यह बहुत गंभीर वायरस होता है जिसका प्रकार H5N1 है।

इन प्रमुख प्रकार के अलावा भी कई अन्य प्रकार के आई फ्लू वायरस होते हैं, जिनमें से कुछ बहुत गंभीर संक्रामकता रखते हैं और कुछ मानव स्वास्थ्य के लिए कम हानिकारक होते हैं। आई फ्लू के वायरस में मुख्य भिन्नता उनके हेमग्लुटिनिन (H) और न्यूमेरिक न्यूक्लीक एसिड (N) की संरचना में होती है, जो उनके प्रकार को परिभाषित करती है।

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FAQ’s About Eye Flu Disease

आई फ्लू क्यों होता है?

जैसे कि हमने आपको बताया कि मानसून में कम टेंपरेचर और हाई ही उम्मीद थी के कारण लोग बैक्टीरिया वायरस और एलर्जी के कांटेक्ट में आते हैं यही एलर्जी रिएक्शन और आई इनफेक्शन जैसे कंजेक्टिवाइटिस का कारण बनते हैं|

आई फ्लू कैसे ठीक करें?

Eye Flu ठीक करने के लिए आपको दिन में दो या तीन बार लुब्रिकेंट ड्रॉप डालनी चाहिए इससे आपको जल्द राहत मिलेगी|

आई फ्लू कैसे फैलता है?

संक्रमित द्वारा छोड़ी गई वस्तुओं को छूने से इसका संक्रमण फैलता है ना कि आई फ्लू से संक्रमित शख्स की आंखों में देखने से|

फ्लू कब तक संक्रामक है?

वयस्कों के लिए यह लगभग 1 सप्ताह है, लेकिन छोटे बच्चों के लिए यह अधिक लंबा हो सकता है|

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