Loktantra Kya Hai – लोकतंत्र क्या है और इसके प्रकार विशेषताएं एवं परिभाषा

लोकतंत्र क्या है (Loktantra Kya Hai) लोकतंत्र की विशेषताएं, परिभाषा, अर्थ, महत्व, एवं लोकतंत्र के प्रकार जाने हिंदी में

Loktantra Kya Hai: दोस्तों आज की पोस्ट के माध्यम से हम आपको लोकतंत्र के विषय में आने वाले हैं वैसे तो लोकतंत्र शब्द बोलने में बहुत छोटा है लेकिन इसका अर्थ उतना ही बड़ा और कंपलेक्स है डेमोक्रेटिक शब्द यूनानी भाषा के डेमो और कृतियां यह दो शब्दों से मिलकर बना है| जिसका अर्थ होता है लोग और शासन शाब्दिक अर्थ में जनता का शासन लोकतंत्र की परिभाषा के अनुसार यह जनता द्वारा जनता के लिए जनता का शासन है यानी प्रजातंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली है जिसके अंतर्गत जनता अपनी इच्छा से निर्वाचन में आए हुए किसी भी दल को अपना मत देकर अपना प्रतिनिधि चुन सकती हैं और उनकी सरकार बना सकती है|

इस ब्लॉग के माध्यम से विस्तार से जानते हैं कि Loktantra Kya Hai इसका इतिहास, विशेषताएं, महत्व और लोकतंत्र के प्रकार आदि के बारे में हम आपको सभी विस्तार पूर्वक जानकारियां प्रदान करेंगे यह सभी जानकारियां जाने के लिए हमारे साथ अंत तक बने रहे|

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Loktantra Kya Hai

Loktantra Kya Hai – यदि आप जानना चाहते हैं कि लोकतंत्र क्या है तो हम आपको बता दें कि लोकतंत्र का शाब्दिक अर्थ लोगों का शासन संस्कृत में लोग जनता तथा तंत्र शासन है| इस प्रकार लोकतंत्र या प्रजातंत्र एक ऐसी शासन व्यवस्था और लोकतांत्रिक राज्य दोनों के लिए प्रयुक्त होता है|



अरस्तु ने प्रजातंत्र को एक विकृत शासन प्रणाली बताया था जिसमें बहु संख्या निर्धन वर्ग अपने वर्ग के हित के लिए शासन पर आता है और भीड़ तंत्र का रूप धारण कर लेता है और साथ ही अरस्तु के लोकतंत्र को राजनीति के नाम से जाना जाता है जैसा कि हमने आपको अभी बताया कि लोकतंत्र जनता द्वारा जनता के लिए जनता का शासन है लेकिन अलग-अलग देश काल और परिस्थितियों में अलग-अलग धाराओं के प्रयोग से इसकी अवधारणा कुछ जटिल हो गई है|

प्राचीन काल से ही लोकतंत्र के संदर्भ में कई प्रस्ताव रखे गए हैं लेकिन इनमें से कई कभी क्रियान्वित नहीं हुए लोकतंत्र केवल राजनीतिक सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था का प्रकार ही नहीं है| बल्कि जीवन के प्रति विशेष दृष्टिकोण में भी इसका नाम है प्रजातंत्र में सभी व्यक्तियों को एक दूसरे के प्रति वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा व्यवहार अपने प्रति पसंद लोगों से करते हैं|

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लोकतंत्र की परिभाषा

विद्वानों द्वारा लोकतंत्र शब्द को अपने-अपने दृष्टिकोण से परिभाषित किया गया है कुछ ऐसे प्रमुख विद्वानों द्वारा दी गई लोकतंत्र की राजनीतिक परिभाषाएं हैं जो निम्न प्रकार है जिनके बारे में हम आपको बताएंगे|

अब्राहम लिंकन के अनुसार लोकतंत्र जनता का जनता के लिए तथा जनता के द्वारा शासन है|

ब्राइस के अनुसार लोकतंत्र शासन का रूप है जिसमें राज्य के शासन की शक्ति किसी वर्ग विशेष या वर्गों में निहित ना होकर संपूर्ण जन समाज के सदस्यों में निहित है|

प्रो.हरनर्शा के अनुसार राज्य के प्रकार के रूप में लोकतंत्र शासन की ही एक विधि नहीं है वरन सरकार की नियुक्त करने उस पर नियंत्रण करने तथा उसे अपदस्थ करने की विधि है|

डायसी के अनुसार लोकतंत्र शासन का वह प्रकार है जिसमें शासक समुदाय संपूर्ण राष्ट्र का एक अपेक्षा कृत एक बड़ा भाग होता है|

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लोकतंत्र का महत्व

लोकतंत्र शासन अनेक प्रकार की आलोचनाओं और दोषों के होते हुए भी लोकतंत्र का अपना एक अलग ही महत्व है लोकतंत्र के महत्व के बारे में हम नीचे बताने वाले हैं|

  • लोगों की आवश्यकता के अनुरूप आचरण करने के मामले में लोकतंत्रिक शासन प्रणाली किसी अन्य शासन प्रणाली से बहुत ही बेहतर है|
  • बेहतर निर्णय देने की संभावना बढ़ाने के लिए लोकतंत्र अलग ही भूमिका निभाता है|
  • लोकतांत्रिक शासन पद्धति अन्य सभी पद्धति से बेहतर है क्योंकि यह आशंका अधिक जवाबदेही वाला स्वरूप होता है|
  • लोकतंत्र जनता एवं नागरिकों का सम्मान बढ़ाता है|
  • लोकतांत्रिक व्यवस्था दूसरों से बेहतर है क्योंकि इसमें हमें अपनी गलती ठीक करने का अवसर प्रदान किया जाता है|
  • लोकतंत्र मतभेदों और टकराव को संभालने का अलग ही तरीका है|

भारत में लोकतंत्र का इतिहास

भारत की आजादी के बाद सन् 1947 में लोकतंत्र की एक नई व्याख्या प्रस्तुत हुई भारत ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा थोपे गए संविधान का पालन नहीं करना चाहता था जिसके कारण भारत में संविधान के नव निर्माण हेतु अप्रत्यक्ष रूप से चुने हुए लोगों द्वारा एक संविधान सभा का गठन किया गया| इस संविधान सभा में सरदार पटेल भीमराव अंबेडकर जवाहरलाल नेहरू एवं गाडगिल ने भारतीय लोकतंत्र शासन प्रणाली को स्वीकार किया| लेकिन इसी संविधान सभा में बृजेश्वर प्रसाद लोक नाथ मिश्र एवं आरएन सिंह ने इस संसदीय व्यवस्था का विरोध किया क्योंकि उनका मानना था कि अध्यक्षीय शासन प्रणाली में एक ईमानदार राष्ट्रपति को चुनना तुलनात्मक रूप से बेहद आसान कार्य हैं|

इसके उपरांत 19 वी सदी में आधुनिक राजनीति की शुरुआत के बाद कई सार्वजनिक मुद्दों पर लोगों को एकत्रित करने एवं राज्य के समक्ष अपनी मांगों को रखने का सिलसिला भी आरंभ हुआ| इसके बाद भारत में मध्यम वर्ग के लोगों द्वारा कई सार्वजनिक सभा जैसे संगठनों का निर्माण हुआ जिसने भारत में लोकतंत्र की नींव रखी ऐसा माना जाता है कि ब्रिटिश शासन काल में लोकतंत्र की शुरुआत केंद्रीय एवं प्रांतीय विधान परिषदों के विकास के कारण हुआ था|

(Loktantra) लोकतंत्र की विशेषताएं

लोकतंत्र की कुछ मुख्य विशेषताएं निम्न प्रकार हैं|

  • लोकतंत्र में चुनाव जनता को एक ऐसा अवसर उपलब्ध कराता है जहां वह निष्पक्ष मतदान द्वारा सरकार को चुन सकते हैं|
  • चुनाव का यह विकल्प लोकतंत्र में सभी लोगों को समान रूप से पूरे चीन से उपलब्ध होता है एक व्यक्ति एक वोट और एक मूल्य|
  • लोकतंत्र में शासक जनता द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं और लोगों द्वारा चुने गए यह शासक ही सभी अंतिम एवं महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं|
  • चुनाव द्वारा बनी सरकार संविधान द्वारा निर्धारित किए गए कानूनों और नागरिकों अधिकारों दायरो को मानते हुए कार्य करती है|
  • सरकार के निर्णय में सलाह दबाव तथा जनमन द्वारा जनता का हिस्सा होता है|
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लोकतंत्र के गुण

यदि हम बात करें लोकतंत्र के गुण की तो किसी भी सरकार में गुण दोषों का मूल्यांकन करने के लिए दो मापदंडों की आवश्यकता होती है| उसकी पहली कसोटी यह है कि क्या सरकार का शासन उत्तम है या नहीं और दूसरी कसोटी यह है कि उसके शासन का प्रजा के चरित्र निर्माण पर अच्छा अथवा बुरा प्रभाव पड़ता है|

  • उच्च आदर्शों पर आधारित
  • जनकल्याण पर आधारित
  • परिवर्तनशील शासन व्यवस्था
  • देश प्रेम की भावना का विकास
  • सार्वजनिक शिक्षण
  • क्रांति से सुरक्षा
  • चंदा में अपना विश्वास एवं उत्तरदायित्व की भावना का विकास

लोकतंत्र के दोष

Loktantra के गुणों के बारे में तो आप जान चुके हैं अब हम आपको लोकतंत्र के दोषों के बारे में बताएंगे|

  • लोकतंत्र आयोग लोगों का शासन है
  • प्रजातंत्र गुणों पर नहीं बल्कि संख्या पर बल देता है
  • पेशेवर राजनीतिक लोगों का बहुमूल्य
  • बहुमत द्वारा निर्णय युक्तिसंगत नहीं
  • संकट काल के लिए अनुपयुक्त
  • खर्चीला शासन
  • उग्र दल बंदी

लोकतंत्र के प्रकार

  • लोकतंत्र के प्रकार निम्नलिखित हैं
  • समाजवादी लोकतंत्र
  • जनवादी लोकतंत्र
  • सहभागी लोकतंत्र
  • राष्ट्रीय लोकतंत्र
  • प्रत्यक्ष लोकतंत्र
  • अप्रत्यक्ष लोकतंत्र
  • प्रतिनिधि लोकतंत्र
  • ई- लोकतंत्र
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