UCC Kya Hai: दोस्तों यूनिफॉर्म सिविल कोड की इस समय बहुत अधिक चर्चा हो रही है इसलिए अधिकतर लोग इस विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है| तो हम आपको बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का अर्थ होता है समान नागरिक संहिता संविधान में भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए एक कानून का प्रावधान है फिर चाहे वह किसी भी जाति, धर्म समुदाय से संबंधित हो|
समान नागरिक संहिता में शादी तलाक और जमीन जायदाद के हिस्से में सभी धर्मों के लिए केवल एक ही कानून लागू किया गया है| यूनिफॉर्म सिविल कोड का अर्थ स्पष्ट है सभी नागरिकों के लिए एक कानून इसका किसी भी समुदाय से कोई संबंध नहीं है|
इस कोड के तहत राज्य में निवास करने वाले लोगों के लिए एक समान कानून का प्रावधान किया गया है यानी कि धर्म के आधार पर किसी भी नागरिक को विशेष लाभ नहीं मिलेगा|
यदि आपको यूसीसी के बारे में सभी जानकारी नहीं है और आप इस विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारी पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें इसमें क्योंकि इसमें आपको UCC Kya Hai के बारे में सभी जानकारियां विस्तार पूर्वक प्रदान की गई है|
UCC Kya Hai
UCC (Uniform Civil Code) का मतलब है “समान नागरिक कानून संहिता”। यह एक ऐसा कानून होता है जो सभी नागरिकों के लिए समान और एकसार्थक होता है। UCC का उद्देश्य यह है कि सभी धार्मिक समुदायों के सदस्यों के लिए एक ही सामान्य कानून होना चाहिए, जिससे कि धर्म, जाति और लिंग के आधार पर विभाजित नहीं हों।
यहां तक कि UCC इसकी जरूरत को लेकर एक संविधानिक संशोधन के रूप में भी विचार किया जा रहा है। यह कई विवादों और विपक्षीय धार्मिक संगठनों के बीच विवादित भी है।
UCC के तहत, विवाह, तलाक, संपत्ति, उपनयन, वारसत, और अन्य सभी नागरिक अधिकार और कर्तव्यों के मामलों पर एक सामान नागरिक कोड बनाया जाता है। यह उन भारतीय नागरिकों को संरक्षित करने का एक प्रयास है जो अपनी धार्मिक समुदाय के अनुसार नहीं चलना चाहते हैं, और सामान्य नागरिक अधिकारों का लाभ उठाना चाहते हैं।
क्यों हो रही है यूसीसी की चर्चा
दरअसल समान नागरिक संहिता को लेकर पीएम मोदी ने मंगलवार को एक बयान दिया था पीएम ने यूसीसी का विरोध करने वालों से सवाल किया था कि आखिर दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल सकता है| उन्होंने कहा था कि संविधान में भी सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार का जिक्र किया गया है| ऐसे में बीजेपी ने तय किया है कि वह तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति के बजाय संतुष्टि करण के रास्ते पर चलेगी ऐसे में अब इस बयान के बाद विपक्षी दलों में बहस के लिए एक विशेष शुरू हो गया है|
समान नागरिक संहिता क्या है
समान नागरिक संहिता यानी एक देश और एक कानून जिस देश में भी समान नागरिक संहिता लागू होती है उस देश में विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना, संपत्ति के बंटवारे से लेकर अन्य सभी विषयों को लेकर जो ही कानून बनाए गए हैं| वह सभी धर्म के नागरिकों को समान रूप से मानने होते हैं फिलहाल भारत में कई निजी कानून धर्म के आधार पढ़ते किए गए हैं ऐसे में यदि समान नागरिक संहिता को भविष्य में लागू किया जाता है तो देश में सभी धर्मों के लिए वही कानून लागू होगा जिसे भारतीय संसद द्वारा तय किया जाएगा|
यूनिफॉर्म सिविल कोड कहां लागू है
अभी तक अलग अलग रख अलावा केंद्र सरकार की ओर से सभी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के विषय में चर्चा की गई है लेकिन अभी तक भी इस मुद्दे में कार्यान्वयन नहीं हो पाया है भारत में अभी केवल एक राज्य है जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया गया है| वह राज्य गोवा है गोवा में पुर्तगाल सरकार के समय से ही यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू किया गया था|
वर्ष 1961 में गोवा सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड के साथ ही बनी थी| भारतीय संविधान के भाग 4 में अनुच्छेद 44 के अंतर्गत भारतीय राज्य को देश में सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता का निर्माण करने को कहा गया है जो पूरे देश में लागू होता है|
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यूसीसी में शामिल विषय
- विवाह, तलाक, गोद लेना
- व्यक्तिगत स्तर
- संपत्ति का आधार और संचालन
इन देशों में लागू है समान नागरिक संहिता
- अमेरिका
- पाकिस्तान
- बांग्लादेश
- तुर्की
- इंडोनेशिया
- सूडान
- आयरलैंड
- इजिप्ट
- मलेशिया
Uniform Civil Code के फायदे
अब हम आपको यूनिफॉर्म सिविल कोड के कुछ फायदे बताएंगे|
- यूनिफार्म सिविल कोड लागू होने से सभी समुदाय के लोगो को एक समान अधिकार दिए जायेंगे।
- लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा।
- समान नागरिक सहिंता लागू होने से भारत की महिलाओं की स्थिति में सुधार होगा।
- कानूनों में सरलता और स्पष्टता आएगी। सभी नागरिकों के लिए कानून समझने में आसानी होगी।
- कुछ समुदाय के पर्सनल लॉ में महिलाओं के अधिकार सीमित है। ऐसे में यदि Uniform Civil Code लागू होता है तो महिलाओं को भी समान अधिकार लेने का लाभ मिलेगा।
- महिलाओं का अपने पिता की सम्पति पर अधिकार और गोद लेने से संबंधी सभी मामलों में एक सामान नियम लागू हो जायेंगे।
- व्यक्तिगत या धर्म कानूनों के आधार पर होने वाले भेदभाव को समाप्त किया जा सकेगा।
- कानून के तहत सभी को सामान अधिकार दिए जायेंगें।
- मुस्लिम समाज में बेटी की शादी की न्यूनतम आयु 9 साल है। UCC लागू होने से मुस्लिम लड़कियों की छोटी आयु में विवाह होने से रोका जा सकेगा।
- धार्मिक रूढ़ियों के कारण समाज के किसी वर्ग के अधिकारों के हनन को रोका जा सकेगा।
- मुस्लिम समाज में अभी भी कई तरह के तलाक हो रहे हैं जिनका खामियाजा मुस्लिम महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है। यूसीसी के लागू होने से सभी समुदाय में तलाक की प्रक्रिया एक जैसे होगी।
FAQ’s UCC Kya Hai
समान नागरिक संहिता लागू होने से भारत की महिलाओं की स्थिति में भी सुधार आएगा कुछ धर्मों के पर्सनल लॉ में क्या ओके अधिकार सीमित है इतना ही नहीं महिलाओं का अपने पिता की संपत्ति पर अधिकार और गोद लेने जैसे मामलों में भी एक समान नियम लागू होंगे|
यू सी सी का पूरा नाम यूनिफॉर्म सिविल कोड है जिसको हिंदी में समान नागरिक संहिता के नाम से जाना जाता है|
समान नागरिक संहिता लागू होने से सभी क्रिसमस लॉ समान रूप से लागू हो पाएंगे और देश की न्याय प्रणाली में होने वाला विरोधाभास दूर होगा|
UCC विवाह ,तलाक ,रखरखाव ,विरासत ,गोद लेने और उत्तराधिकार जैसे क्षेत्र कवर किए जाते हैं|
पाकिस्तान, बांग्लादेश, तुर्की, मलेशिया, सूडान, इंडोनेशिया जैसे देशों में यूनिफॉर्म सिविल कोड को अपनाया गया है|