G20 Kya Hai: दोस्तों क्या आप जानते हैं कि g20 का शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को नहीं आयोजित होने जा रहा है| g20 को ग्रुप ऑफ ठंडी भी कहा जाता है यह आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख मंच है g20 का मंच अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है| यदि आपको जी-20 के बारे में जानकारी नहीं है और आप जानना चाहते हैं कि G20 क्या है तो आज के आर्टिकल के अंतर्गत हम आपको G20 Kya Hai के बारे में सभी जानकारियां विस्तार पूर्वक प्रदान करेंगे| यदि आप यह सभी जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक ध्यान पूर्वक जरूर पढ़ें क्योंकि इस आर्टिकल के माध्यम से हमने g20 मंच के बारे बहुत सी जानकारियां प्रदान की है|
G20 Kya Hai
G20 एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संगठन है जिसमें 19 बड़े और एक क्षेत्रीय संगठन, यानी यूरोपीय संघ की तरह, का सदस्य हैं। G20 का पूरा नाम “Group of Twenty” है और यह 1999 में जापान में स्थापित किया गया था। G20 का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास, वित्तीय स्थिरता, और वैश्विक आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए सहयोग करना है।
क्यों हुआ जी 20 का गठन
शुरुआत में यह वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के ऊपर नारों का संगठन हुआ करता था इसका पहला सम्मेलन दिसंबर 1999 में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में हुआ था| वर्ष 2008 में दुनिया ने भयानक मंदी का सामना किया था| इसके बाद इसे शीर्ष नेताओं के संगठन में तब्दील कर दिया गया इसके बाद यह तय किया गया कि वर्ष में एक बार जी 20 राष्ट्रों के नेताओं की बैठक की जाएगी|
G20 के सदस्य देश हैं:
- आर्जेंटीना
- ऑस्ट्रेलिया
- ब्राज़िल
- कैनाडा
- चीन
- फ्रांस
- जर्मनी
- इंडिया
- इंडोनेशिया
- इटली
- जापान
- मेक्सिको
- रूस
- सऊदी अरबिया
- दक्षिण अफ्रीका
- दक्षिण कोरिया
- तुर्की
- यूनाइटेड किंगडम
- यूनाइटेड स्टेट्स
G20 का मकसद
इस मंच का सबसे बड़ा मकसद आर्थिक सहयोग है मालूम हो कि इसमें शामिल देशों की कुल जीडीपी दुनिया भर के देशों की 80 फीस दी है समूह साथ में आर्थिक ढांचे पर तो कार्य करते ही हैं| साथ ही आर्थिक स्थिरता जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे पर भी बातचीत करते हैं| इसके केंद्र में आर्थिक स्थिति को कैसे स्थिर और बरकरार रखें इसके साथ ही यह मंच विश्व के बदलते हुए परिदृश्य को भी ध्यान में रखता है| और इससे जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करता है इसमें व्यापार कृषि रोजगार ऊर्जा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई आतंकवाद जैसे मुद्दों को भी शामिल किया जाता है|
भारत का विश्व मंच पर वर्चस्व
- भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़ पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना।
- भारत यूएन सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य बना।
- यूएन सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग का रूस और अमेरिका ने समर्थन किया।
- भारत के पास जी-20, SCO की अध्यक्षता।
इस प्रकार करता है जी 20 काम
- जी-20 में दो समांतर ट्रक है इसमें पहला वित्त ट्रक है और दूसरा शेरपा ट्रैक|
- वित्त ट्रैक का नेतृत्व वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंक के गवर्नर करते हैं|
- वही शेरपा ट्रैक को शेरपा द्वारा नेतृत्व किया जाता है|
- आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यहां शेरपा का अर्थ पहाड़ों पर चढ़ाई करते समय गाइड करने वाले शेरपा से नहीं हैं|
- G20 के संदर्भ में शेरपा उच्च रैंक वाले सरकारी अधिकारी और डिप्लोमेट होते हैं| जो अपने देश के प्रतिनिधि मंडल की मीटिंग और सम्मेलनों की योजना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं|
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भारत के लिए जी-20 क्यों जरूरी है
G20 मंच की सबसे बड़ी बात है प्रतिवर्ष शिखर सम्मेलन में दुनिया के कई देशों के शीर्ष नेताओं की आपस में मुलाकात साथ ही इस वर्ष 30 दिसंबर 2023 तक जी-20 के अध्यक्ष के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी है भारत के सामने इसे लेकर कठिन चुनौतियां हैं| भारत की जीत प्राथमिकताओं में समावेशी न्याय संगत और सतत विकास महिला सशक्तिकरण डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा और तकनीक सक्षम विकास जलवायु वित्त पोषण वैश्विक खाद सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा अन्य शामिल है|
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FAQ‘s
G20 का उद्देश्य वैश्विक अर्थव्यवस्था से संबंधित प्रमुख मुद्दों को हल निकालने के लिए गठित किया गया है|
जी-20 में कुल 19 देश शामिल है|
नरेंद्र दामोदरदास मोदी|