Bharat Ke Rajyapal Kaun Hai – हाल ही में राज्यों के राज्यपालों को नियुक्त किया गया है और हम आपको आज इस पोस्ट में भारत के राज्यपाल कौन हैं (Bharat Ke Rajyapal Kaun Hai) के विषय में ही बताएंगे राज्यपाल किसे कहते हैं यह तो आप सभी जानते ही होंगे यदि नहीं जानते हैं तो आज के लेख में हां हमने आपको इस बारे में भी बताया है आपको बता दें कि भारत में संवैधानिक प्रमुख है इसके अतिरिक्त कौन है राष्ट्रपति द्वारा 5 वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है गवर्नर राज्य सरकार के लाक्षणिक मुखिया होते हैं एक राज्यपाल को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में परिषद मंत्रियों की सलाह के अनुसार कार्य करना होता है आगे हम आपको राज्यपाल से संबंधित जानकारी ही आपको प्रदान करेंगे और भारत के राज्यपालों की सूची भी इस लेख के अंतर्गत दर्श आएंगे|
राज्यपाल किसे कहते हैं : Bharat Ke Rajyapal Kaun Hai
Bharat Ke Rajyapal Kaun Hai – भारत गणराज्य में राज्यपाल 28 राज्यों में राज्य प्रमुख का संवैधानिक पद होता है राज्यपाल की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति 5 वर्ष के लिए करते हैं और वे राष्ट्रपति की मर्जी से पद पर रहते हैं| राज्यपाल राज्य सरकार का विद्युत मुखिया होता है जिसकी कार्यकारी कार्यवाही राज्यपाल के नाम पर संपन्न होती है|
भारत के राज्यपाल
- भारत में राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख है और किसी राज्य की सभी कार्यकारी कार्रवाई राज्यपाल के नाम पर की जाती है|
- वे 29 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख हैं|
- यह राष्ट्रपति द्वारा 5 वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किए जाते हैं|
- राज्यपाल राष्ट्रपति के पद के अधीन रहते हैं राज्यपाल राज्य सरकार के अलंकारिक प्रमुख है|
- भारत के एक राज्यपाल को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले परिषद मंत्रियों की सलाह के अनुसार कार्य करना चाहिए|
- जबकि राज्यों को गवर्नर्स द्वारा शासित किया जाता है केंद्र शासित प्रदेशों को लेफ्टिनेंट गवर्नर सिया पर शासकों द्वारा शासित किया जाता है|
ये भी पढ़े – वर्तमान में कौन क्या है |
ये भी पढ़े – संविधान क्या है |
भारत के राजयपालो की सूची राज्य के अनुसार
क्रमांक | राज्य | गवर्नर |
1. | आंध्र प्रदेश | विश्व भूषण हरिचंदन |
2. | अरुणाचल प्रदेश | ब्रिगेड बी.डी मिश्रा |
3. | असम | प्रो जगदीश मुखी |
4. | बिहार | फागू चौहान |
5. | छत्तीसगढ़ | अनसुड़या उड़के |
6. | गोवा | पीएस श्रीधरन पिल्ले |
7. | गुजरात | आचार्य देवव्रत |
8. | हरियाणा | बंडारू दत्तात्रेय |
9. | हिमाचल प्रदेश | राजेंद्र विश्वनाथ |
10. | झारखंड | रमेश बैस |
11. | कर्नाटक | थावरचंद गहलोत |
12. | केरल | आरिफ मोहम्मद खान |
13. | मध्य प्रदेश | मंगू भाई छगनभाई पटेल |
14. | महाराष्ट्र | भगत सिंह कोशियारी |
15. | मणिपुर | ला गणेशन |
16. | मेघालय | सत्यपाल मलिक |
17.. | मिजोरम | हरी बाबू कंभमपति |
18. | नागालैंड | जगदीश मुखी |
19. | उड़ीसा | गणेशी लाल |
20. | पंजाब | बनवारीलाल पुरोहित |
21. | राजस्थान | कलराज मिश्र |
22. | सिक्किम | गंगा प्रसाद |
23 | तमिल नाडु | आरएन रवि |
24. | तेलंगाना | तमिलिसाई सुंदर्राजन |
25. | त्रिपुरा | सत्यदेव नारायण आर्य |
26. | उत्तर प्रदेश | आनंदीबेन पटेल |
27. | उत्तराखंड | पूर्व ले जनरल गुरमीत सिंह |
28. | पश्चिम | जगदीप धनखड़ |
केंद्रशासित प्रदेश के उप राजयपाल एवं प्रशासक
क्रमांक | केंद्रशासित प्रदेश | लसिटेंट गवर्नर |
1. | अंडमान और निकोबार दीप समूह | एडमिरल डीके जोशी |
2. | दिल्ली | अनिल बैजल |
3. | पांडुचेरी | डॉक्टर तमिलिसाई सुंदर्राजन |
4, | जम्मू कश्मीर | मनोज सिन्हा |
5. | लद्दाख | राधाकृष्ण माथुर |
ये भी पढ़े – वर्तमान में भारत के प्रधानमंत्री कौन है |
ये भी पढ़े – Loktantra Kya Hai |
राज्यपाल के पद के लिए योग्यता
अनुच्छेद 157 के अनुसार राज्यपाल पद पर नियुक्त किए जाने वाले व्यक्ति में निम्न योग्यताओं का होना जरूरी है|
- व भारत का नागरिक होना चाहिए|
- वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो|
- वह राज्य सरकार या केंद्र सरकार या इन राज्यों के नियंत्रण के अधीन किसी सार्वजनिक उपक्रम में लाभ पद पर नहीं होना चाहिए|
- वह राज्य विधानसभा का सदस्य चुने जाने के योग्य हो|
राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है
संविधान के अनुच्छेद 155 के अनुसार राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा प्रत्यक्ष रूप से की जाएगी किंतु राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा भारत के प्रधानमंत्री की सिफारिश पर की जाती है राज्यपाल की नियुक्ति के संबंध में निम्न दो प्रकार की प्रथाएं बन गई थी|
- किसी व्यक्ति को उस राज्य का राज्यपाल नहीं नियुक्त किया जाएगा जिसका वह निवासी है|
- राज्यपाल की नियुक्ति से पहले संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री से विचार विमर्श किया जाएगा|
यह प्रथा 1950 से 1967 तक अपनाई गई लेकिन 1967 के चुनावों में जब कुछ राज्यों में गैर कांग्रेसी सरकारों का गठन हुआ तब दूसरी प्रथा को समाप्त कर दिया गया और मुख्यमंत्री से विचार विमर्श किए बिना राज्यपाल की नियुक्ति की जाने लगी|