Vidhayak Ki Salary Kitni Hoti Hai?विधायक को कितनी सैलरी मिलती है

Vidhayak Ki Salary Kitni Hoti Hai – हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में राज्य सरकार द्वारा निगमित निकाय को विधानसभा कहा जाता है राज्य के लिए बनने वाले कानूनों को विधानसभा द्वारा ही बनाया जाता है ऐसे में विधानसभा के प्रतिनिधित्व के रूप में विधायक यानी कि क्षेत्र में एमएलए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं| इसलिए अक्सर लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि Vidhayak Ki Salary Kitni Hoti Hai यदि आप भी विधायक के वेतन के बारे में जानना चाहते हैं तो आज हम आपको अपने लेख के माध्यम से विधायक को कितनी सैलरी मिलती है के बारे में बताएंगे इस विषय में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे लेख को अंत तक जरूर पढ़ें|

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Vidhayak Ki Salary Kitni Hoti Hai

किसी भी विधानसभा क्षेत्र में विधायक महत्वपूर्ण जनप्रतिनिधि होता है विधायक का चुनाव व्यस्क मताधिकार के आधार पर किया जाता है जिसके अंतर्गत 18 वर्षीय अधिक आयु के नागरिक अपने क्षेत्र के विधायक का चुनाव करते हैं क्योंकि विधायक की सैलरी का निर्धारण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है ऐसे में देश में हर राज्य में विधायकों को अलग-अलग सैलरी प्रदान की जाती है|

विधायक को मूल वेतनमान के अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के भत्ते भी प्रदान किए जाते हैं जिसके आधार पर विधायकों की सैलरी तय की जाती है साथ ही विधायकों को अपने क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए हर वर्ष एक निर्धारित फंड भी प्रदान किया जाता है जिससे कि वह अपने क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्य करवा सकते हैं|

विधायक का कार्यकाल कितना होता है

विधायक का कार्यकाल 5 वर्ष के लिए होता है विधायक बनने के 5 वर्ष बाद फिर से विधायक बनने के लिए चुनाव लड़ना पड़ता है लेकिन अगर देश में चुनाव होने से पहले किसी कारण से चुनाव की प्रक्रिया में देरी हो जाती है या अचर संहिता लागू होती है तो विधायक और 6 महीने तक अपने पद पर रह सकता है|



लेकिन भारतीय संविधान के अनुसार विधायक का कार्यकाल 5 वर्ष तक का ही होता है लेकिन चुनाव में देरी होने के कारण संविधान के अनुसार 6 महीने तक पद पर रहकर विधायक अपना कार्यभार संभाल सकता है इसके लिए भी विधायक को अलग से सैलरी दी जाती है|

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राज्यवार विधायकों की सैलरी

सरकार द्वारा हर माह विधायकों को एक निश्चित सैलरी दी जाती है जिसका निर्धारण राज्य विधानसभा द्वारा किया जाता है विधायकों को प्रतिमाह आवास भत्ता पर्सनल असिस्टेंट भत्ता यातायात भत्ता टेलीफोन भत्ता और विभिन्न प्रकार के भत्ते प्रदान किए जाते हैं इसके आधार पर विभिन्न राज्यों की विधायकों की सैलरी इस प्रकार है|

राज्यविधायकों की मासिक सैलरी
तेलंगाना 2.50 लाख 
मध्यप्रदेश 2.10 लाख 
दिल्ली 2.10 लाख 
उत्तर प्रदेश 1.87 लाख 
महाराष्ट्रा 1.70 लाख 
जम्मू & कश्मीर 1.60 लाख 
उत्तराखंड 1.60 लाख 
आंध्रप्रदेश 1.30 लाख 
राजस्थान 1.25 लाख 
हिमाचल प्रदेश 1.25 लाख 
गोवा 1.17 लाख 
हरियाणा 1.15 लाख 
पंजाब 1.14 लाख 
बिहार 1.14 लाख
पश्चिम बंगाल 1.13 लाख 
झारखण्ड 1.11 लाख 
छतीसगढ़ 1.10 लाख
तमिलनाडु 1.05 लाख 
कर्नाटक 98 हजार 
सिक्किम86.5 हजार 
केरल 70 हजार 
गुजरात 65 हजार 
ओडिशा 62 हजार 
मेघालय 59 हजार 
पुदुचेरी 50 हजार 
अरुणाचल प्रदेश 49 हजार 
मिजोरम 47 हजार  
असम 42 हजार 
मणिपुर 37 हजार 
नागालैंड 36 हजार 
त्रिपुरा 34 हजार 

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विधायकों को मिलने वाले वेतन का ब्यौरा

विधायक को मिलने वाली बेसिक सैलरी के साथ विभिन्न भक्तों को जोड़कर प्रतिमाह सैलरी दी जाती है विधायक को मिलने वाली सैलरी की गणना इस प्रकार की जा सकती है|

विधायक को मिलने वाले वेतन का मासिक ब्योरा इस प्रकार है|

  • मूल वेतन मान 75000 रुपए
  • पेट्रोल और डीजल खर्च के लिए 24000
  • पर्सनल असिस्टेंट की फीस 6000
  • इलाज खर्च 6000
  • मोबाइल खर्च 6000
  • आवास भत्ता खाने-पीने एवं यातायात भत्ता 69000
  • कुल सैलरी 1,87000

FAQs

विधायकों को प्रतिमाह कितनी सैलरी प्रदान की जाती है?

प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा विधायकों के लिए अलग-अलग सैलरी का निर्धारण किया जाता है ऐसे में विभिन्न राज्यों के विधायकों को मिलने वाली सैलरी भी अलग अलग ही होती है|

विधायकों की सैलरी कौन निर्धारित करता है?

विधायकों की सैलरी का निर्धारण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है|

विधायक का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?

विधायक का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है|

विधायक को कितनी पेंशन मिलती है?

पूर्व विधायक को प्रतिमाह दी जाने वाली सैलरी की 30% पेंशन के रूप में दी जाती हैं|

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