Income Tax Return: दोस्तों क्या आप आयकर रिटर्न के बारे में जानते हैं यदि आप इस बारे में नहीं जानते हैं तो आज हम आपको Income Tax Return के बारे में बताने वाले हैं| दोस्तों आपकी आमदनी पर केंद्र सरकार कर वसूलते हैं इसे आयकर या इनकम टैक्स कहा जाता है| आयकर से होने वाली कमाई को सरकार अपनी गतिविधियों और जनता को सुविधा और सेवाएं देने के लिए इस्तेमाल करती है| वर्ष में एक बार आपको ITR फॉर्म में सरकार को आमदनी खर्चे निवेश और टैक्स देनदारी के बारे में बताना होता है इसको आयकर रिटर्न कहा जाता है आज के आर्टिकल में हम आपको आयकर रिटर्न के बारे में बताने वाले हैं इस विषय में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे साथ अंत तक बन रहे|
Income Tax Return क्या है? – What is ITR
आयकर रिटर्न एक दस्तावेज या फॉर्म है जिस व्यक्ति या व्यापारी निर्मित करता है जिससे उसकी आयु है और उससे संबंधित विवरण को सरकार को सौप जा सके| यह विशेष कर सरकारी आयकर विभाग के साथ होता है और इसका उपयोग आयकर भरने और निर्भरता की सही रकम को सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है|
Income Tax Return में आपको अपनी कुल आय आयकर कटौती निवेश संपत्ति और अन्य संबंधित विवरण को सही और पूर्ण रूप से भरना होता है| यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि आप निर्भरता की सही राशि का भुगतान कर रहे हैं और सरकार को आपकी आय के हिसाब से आयकर प्राप्त हो सकता है|
आयकर रिटर्न भरना अक्सर विशेष आयकर विधि नियम और निर्देशों के अनुसार किया जाता है और इसे निर्धारित समय सीमा के भीतर जमा किया जाना चाहिए|
आयकर रिटर्न किसे भरना चाहिए
यदि आप जानना चाहते हैं की आयकर रिटर्न किसे भरना चाहिए तो इस बारे में आपको नीचे बताया गया है|
- पहले अगर आपकी आयु 60 वर्ष से कम है और आपका इनकम एक वित्तीय वर्ष यानी वन फाइनेंशियल इयर्स 1 अप्रैल से 31 मार्च में 2.5 लाख से अधिक है तो आपको आयकर रिटर्न आने आईटीआर फाइल करना जरूरी है|
- दूसरा अगर आपकी आयु 60 वर्ष से 80 वर्ष के बीच है और आपकी इनकम एक वित्तीय वर्ष में 3 लाख से अधिक है तो आपको आयकर रिटर्न यानी आईटीआर फाइल करना जरूरी है|
- तीसरा अगर आपकी आयु 80 वर्ष से अधिक है और आपकी इनकम एक वित्तीय वर्ष में 5 लाख से अधिक है तो आपको आएगी रिटर्न नहीं आनी आईटीआर फाइल करना जरूरी है|
इसके अलावा आपको बता दें कि आईटीआर फाइल करने से ही आपको टैक्स देना पड़ेगा यह जरूरी नहीं है जैसे अगर आपकी आयु 60 वर्ष से कम है और आपकी इनकम एक वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख से अधिक है तो आपको आयकर रिटर्न यानी आईटीआर फाइल करना जरूरी है लेकिन इसमें टैक्स आपको तभी देना होगा जब आपकी एक वित्तीय वर्ष में इनकम 5 लाख से अधिक होगी क्योंकि इनकम टैक्स देने की मिनिमम लिमिट 5 लाख से अधिक इनकम पर है|
यानी अगर आपकी इनकम 5 लाख से कम है और आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं तो ऐसी स्थिति में आपका नील फाइल होगा यानी इस पर आपको किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा|
आयकर रिटर्न क्यों भरना चाहिए?
आयकर रिटर्न यानी Income Tax Return फाइल क्यों भरना चाहिए इसके बारे में हम आपको बता दें कि सरकार के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से गाइडलाइन है उसके हिसाब से अगर आपकी इनकम एक वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख से ज्यादा है और आपकी आयु 60 वर्ष से कम है तो आपका आयकर रिटर्न यानी आईटीआर फाइल करना जरूरी है|
लेकिन अगर आपकी इनकम एक वित्तीय वर्ष में 25 लाख से काम भी हो तो भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहिए ऐसे में इसलिए कह रहा हूं की मान लीजिए आपका कोई बिजनेस है जिसमें एक वित्तीय वर्ष यानी Financial Year में 6 लाख का Turn Over है यानी Current Account/ Saving Account में 6 लाख का Transaction हुआ जिसमें से आपकी इनकम केवल 2 लाख है ऐसे में आपको लगेगा कि मेरी इनकम तो केवल 2 लाख है तो आईटीआर फाइल करने की लिमिट 2.5 लाख ऐसे में मुझे आयकर रिटर्न भरने की कोई जरूरत नहीं है|
लेकिन हम आपको बता दें कि ITR File करना या इनकम टैक्स भरना यह हमारे इनकम के हिसाब से लिया जाता है ना कि टर्नओवर प सरकार को पता चलेगा कि हमारे Total Turn Over में से हमारे इनकम कितनी है ऐसे में सरकार हमारे Total Turn Over को इनकम मान लेती है ऐसी स्थिति में आपका Turn Over तो 6 लाख का है और सरकार के हिसाब से आपकी इनकम 2.5 लाख से अधिक है तो आपको ITR फाइल करना चाहिए और आपकी Income Tax के मिनिमम लिमिट 5 लाख से अधिक है ऐसे में आपको टैक्स भी भरना चाहिए लेकिन आपने ना तो Income Tax Return Pay किया और ना ही आईटीआर फाइल किया ऐसे में सरकार के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको लीगल नोटिस भेज सकते हैं और ऐसी स्थिति में आपके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है|
अगर हमारे इनकम एक वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख से काम भी है तो भी हमें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहिए|
Income Tax Return भरने के फायदे क्या है?
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का हमें सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि हमारे बिजनेस के इनकम का एक प्रूफ मिल जाता है| कि हम अपने बिजनेस से इनकम करते हैं और इन इन तरीके से इनकम करते हैं बिजनेस के नजरिए से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल को बिजनेस का एक Valid के रूप में माना जाता है| इसे हम बिजनेस के एड्रेस प्रूफ के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं|
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल हमारे बिजनेस के लिए तो फायदेमंद होता ही है साथ ही हमारे पर्सनल लाइफ के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं जैसे की-
- यदि हम कोई लोन लेने के लिए अप्लाई करते हैं तो जैसे हम होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन या फिर पर्सनल लोन ही क्यों ना हो हमसे ITR File के डॉक्यूमेंट मांगे जाते हैं|
- यदि हम प्रतिवर्ष सही समय पर आईटीआर फाइल करते हैं और हमें क्रेडिट कार्ड की जरूरत हो तो हमें आसानी से क्रेडिट कार्ड मिल जाता है और हमारी Income के हिसाब से उसकी Limit भी अधिक होती है|
- यदि हम बैंक में कोई एचडी या इंश्योरेंस करते हैं और उसमें किसी प्रकार की कोई टीडीएस काट लिया गया है तो आईटीआर फाइल करके हम उसे कटे हुए TDS रकम को वापस प्राप्त कर सकते हैं|
- अगर हमें कोई नया बिजनेस शुरू करना है और उसके लिए लोन लेना है या सरकार के किसी योजना के तहत लोन लेना है तब हमसे Income Tax Return की कॉपी मांगी जाती है|
- अगर हम विदेश में नौकरी या पढ़ाई के लिए जाना चाहते हैं और वीजा के लिए अप्लाई करते हैं तो तब भी हमसे इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी दिखाने को कहा जाता है|
- यदि हमें अधिक बड़ी रकम का Insurance Loan लेना है तब हमें इनकम का सोर्स और चुकाने की स्थिति को जचने के लिए इंश्योरेंस कंपनियों को हमें इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी दिखानी पड़ती है|
- शेयर मार्केट या म्युचुअल फंड्स में निवेश करने के लिए भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है|
भारत में आयकर दाखिल करने की पात्रता
सरकार द्वारा निर्धारित नियमों और विनियमों के अनुसार जो निम्न में से किसी भी मानदंड से मेल खाते हैं वह आयकर दाखिल करने के लिए जिम्मेदार हैं|
- यदि 60 वर्ष से कम आयु के लोग सकल कुल वार्षिक आय 2,50,000 (80 सी से 80 यू के तहत कटौती से पहले)
- यदि 60 वर्ष से अधिक लेकिन 80 वर्ष से कम आयु वाले व्यक्ति सकल कुल वार्षिक आय 3,00,000 है|
- यदि 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग सकल कुल वार्षिक आय 5,00,000 रुपए|
- यह एक फर्म या कंपनी है तो वित्तीय वर्ष में हुए नुकसान या लाभ की परवाह किए बिना|
- अगर टैक्स रिटर्न का दावा करना है|
- यदि किसी भारतीय निवासी का वित्तीय हिट या संपत्ति विदेश में स्थित है|
- यदि आए शेयर्स के अंतर्गत हानी को आगे ले जाने की आवश्यकता है|
- यदि धन वापसी का दावा किया जाना है|
- अगर इनकम टैक्स रिफंड का दावा करना है|
FAQ’s
1 अप्रैल से 30 मार्च आयकर रिटर्न का वित्तीय वर्ष माना जाता है|
यदि एक वित्तीय वर्ष आपकी आए यानी इनकम 5 लाख से कम है तो ऐसी स्थिति में आपको आयकर नहीं देना पड़ता है|
भारत सरकार के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जमा किए जाने वाले फार्म को इनकम टैक्स रिटर्न कहते हैं| इस फॉर्म में जमा करने वाले व्यक्ति की इनकम और उस पर लगने वाली टैक्स की जानकारी होती है|
इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरने पर व्यक्ति को जेल भी हो सकती है|