TRAI क्या है|ट्राई की फुल फॉर्म |ये कैसे काम करता है? इसके नियम व कार्य

TRAI Kya Hai: दोस्तों क्या आप जानते हैं कि ट्राई क्या होता है यदि आपको यह जानकारी नहीं है तो आपको निराश होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हम अपने आर्टिकल के माध्यम से आपकी सभी सवालों के बहुत आसान तरीके से जवाब देते हैं और उस विषय में सभी जानकारियां विस्तार से प्रदान करते हैं उसी प्रकार आज के आर्टिकल में ट्राई क्या है से संबंधित जानकारी आपको प्रदान करने वाले हैं जैसा कि आप सभी जानते होंगे कि वर्तमान समय में पब्लिकेशन के दौर में उपभोक्ताओं को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है इसलिए भारत सरकार द्वारा उपभोक्ताओं की रक्षा के लिए ट्राई की स्थापना की गई है जिससे भारत की कम्युनिकेशन और अधिक अग्रणी हो जाएगी और भारत की पहचान एक अच्छे कम्युनिकेट देश में होगी इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को TRAI के बारे में जानकारी होनी चाहिए|

यदि आप भी इस विषय में नहीं जानते हैं तो आज का आर्टिकल आप सभी के लिए बेहद उपयोगी साबित होने वाला है क्योंकि इस आर्टिकल में हमने आपको TRAI Kya Hai के अलावा TRAI Full Form, इसकी स्थापना कब हुई ट्राई के उद्देश्य कार्य तथा इसकी नियम आदि के बारे में सभी जानकारियों को बहुत सरल भाषा में समझाया है आपको इस विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़ना होगा|

TRAI Kya Hai

ट्राई एक प्रकार की संस्था है इसका उद्देश्य भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण है यह सरकार द्वारा स्थापित एक नियामक संस्था है भारत में दूरसंचार अधिनियम 1997 की धारा तीन के तहत 1997 में भारत में दूरसंचार उद्योग की देखरेख करने के लिए ट्राई दूरसंचार क्षेत्र के समान विकास और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और उपभोक्ताओं दोनों के हितों की रक्षा के लिए जिम्मेदार है यह तकनीकी सुधारों को बढ़ावा देता है और दक्षता और तकनीकी अनुकूलता में सुधार के लिए सुझाव प्रदान करता है|

TRAI Kya Hai
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TRAI Full Form (ट्राई की फुल फॉर्म)

Telecom Regulatory Authority Of India (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया) हिंदी में इसको भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण कहते हैं| यह मुख्य रूप से एक संस्था है|



ट्राई का अर्थ

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण भारत सरकार द्वारा भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम 1997 की धारा तीन के तहत स्थापित है| यह भारत में दूरसंचार क्षेत्र का नियामक है इसमें एक अध्यक्ष होता है और 2 से अधिक पूर्णकालिक सदस्य नहीं होते हैं और 2 से अधिक अंशकालिक सदस्य नहीं होते हैं|

ट्राई की स्थापना

जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि ट्राई एक संस्था है और इसकी शुरुआत 20 फरवरी 1997 में की गई थी ट्राई एक ऐसी संस्था है जिसमें एक अध्यक्ष एवं न्यूनतम 2 और अधिकतम 6 सदस्य शामिल किए जाते हैं और केंद्र सरकार द्वारा इनकी नियुक्ति की जाती है लेकिन ट्राई में केवल वही अध्यक्ष शामिल किया जाता है| जो उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश है या फिर वह पहले रह चुका हूं इसके अतिरिक्त या फिर उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश या फिर पहले रह चुका हो वही TRAI में उन सदस्यों को शामिल किया जाता है जो दूरसंचार उद्योग वित्त लेखांकन विधि प्रबंधन एवं उपभोक्ता मामलों के क्षेत्र में से किसी में विशेष ज्ञान एवं पेशेवर में पूर्ण रूप से अनुभव प्राप्त कर चुका हो और उसे हर विषय में संपूर्ण जानकारी हो|

TRAI के उद्देश्य

  • ट्राई अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित रखती है और इसका उद्देश्य रेगुलेटरी व्यवस्था को प्रदान करना है जिस प्रकार की भी सुविधा है टेलीकॉम के उद्देश्य की उपलब्धि को हासिल करना है|
  • TRAI का उद्देश्य भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण हैं यह सरकार द्वारा स्थापित संस्था है|
  • ट्राई सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को निष्पक्ष पारदर्शी और अनुमति देता है ताकि हो सके और सामान्य उपभोक्ता को संबोधित करना|
  • देश में दूरसंचार व्यवस्था को लागू करना और यह देखना कि उपभोक्ता को अधिक कीमत पर कम्युनिकेशन का इस्तेमाल तो नहीं कराया जा रहा है| दुनिया में सबसे अच्छा करने के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी नीति प्रदान करना |
  • निर्धारण और सेवा की गुणवत्ता की निगरानी और ग्रामीण क्षेत्रों में दूरसंचार सुविधाओं के प्रसार के लिए ऑपरेटरों को प्रोत्साहित करना टीवी चैनलों की बढ़ती मांग को देखकर ऑपरेटर को नहीं जाएं प्रदान करना इसका मुख्य उद्देश्य है|

ट्राई के कार्य

अब हम आपको ट्राई के कुछ कार्यों के बारे में बताने वाले हैं ट्राई के मुख्य कार्य निम्न प्रकार हैं जिनके बारे में जानकारी प्रदान की है|

  • 60 दिनों के भीतर ट्राई के पास सिफारिशों के अनुरोध की तिथि से केंद्र सरकार को सिफारिश को आगे करने की जिम्मेदारी है|
  • 7 दिनों के भीतर केंद्र सरकार का यह कर्तव्य है कि वह ट्राई के अनुरोध की तारीख तक कार्यवाही को आगे बढ़ाएं|
  • केंद्र सरकार किसी भी संशोधन की आवश्यकता होने पर ट्राई द्वारा की गई सिफारिशों को पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकती है|
  • इस संदर्भ तिथि से ट्राई 15 दिन की अवधि के भीतर जवाब दे सकता है|
  • यहां तक कि केंद्र सरकार भी सेवा प्रदाता को नोटिस जारी कर सकती है|
  • राई का यह कर्तव्य है कि वह अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए अपने कार्यों का निर्वहन करते हुए पारदर्शिता सुनिश्चित करें|
  • ट्राई के पास अधिकारों में यह सूचित करने की शक्ति होती है कि भारत में और बाहर दूरसंचार सेवाओं में किस दर पर उपलब्ध कराई जा रही है|
  • TRAI के सेक्शन 12 के तहत सूचना मांगने और जांच कराने की शक्ति है|
  • धारा 13के तहत ट्राई के पास निर्देश जारी करने की शक्ति है|
  • हाल ही में ट्राई ने वॉइस डाटा क्वालिटी और ट्रेकिंग के लिए तीन मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल पेश किए हैं|
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ट्राई के नियम

  • जब किसी ग्राहक को टेलीकॉम ऑपरेटर के प्रति शिकायत दर्ज करनी होती है तो वह अपनी शिकायत ट्राई को ही करता है|
  • इसके बाद यदि कोई ऑपरेटर दिए गए रूल रेगुलेशन का उल्लंघन करता है तो ट्राई उसके प्रति कार्यवाही कर सकता है|
  • ट्राई ने सेवा प्रदाताओं के लिए समय एवं आवश्यकताओं की अनुशंसा करने के कार्य करता है|
  • ट्राई एक सेवा प्रदाता के लिए लाइसेंस की सेवा कर तू की अनुशंसा करने के कार्य की जिम्मेदारी बखूबी निभाता है|

FAQ’s

(TRAI) ट्राई का क्या मतलब है?

ट्राई का मतलब भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण भारत में दूरसंचार पर नियंत्रण हेतु एक स्वायत्त नियामक प्राधिकरण है सन 1997 को भारत सरकार द्वारा इसका गठन किया गया|

ट्राई की स्थापना कब हुई?

20 फरवरी 1997 को भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण यानी ट्राई की स्थापना हुई|

ट्राई फुल फॉर्म (TRAI Full Form)?

Telecom Regulatory Authority Of India हिंदी में इसको भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण कहते हैं|

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