Republic Day Kyon Manaya Jata Hai: प्रतिवर्ष 26 जनवरी का दिन भारत में गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है| 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू किया गया था भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया इसी वजह से प्रतिवर्ष 26 जनवरी का दिन राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है| 26 जनवरी 1949 को देश की संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था इसलिए इस दिन को देश में संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है| और आज के लेख में हम आपको गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है के बारे में सभी विस्तार पूर्वक जानकारियां प्रदान करेंगे|
यदि आप जानना चाहते हैं कि Republic Day Kyon Manaya Jata Hai तो आज के हमारे आर्टिकल में आपको इस विषय में सभी जानकारियां सरल भाषा में प्रदान की गई है|
Republic Day Kyon Manaya Jata Hai (गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है)
भारत में गणतंत्र दिवस का यह महत्वपूर्ण दिन गणतंत्र और संविधान की स्थापना के उपलक्ष में मनाया जाता है| वर्ष 1950 में 26 जनवरी के दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा भारत देश को पूर्ण रूप से स्वराज घोषित कर दिया गया था| इसके बाद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में चुन लिया गया था| जब 15 अगस्त 1947 को भारत को पूर्ण रूप से आजादी मिल गई तो तब से 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा| भारत के स्वतंत्र होने के बाद एक संविधान सभा का गठन किया गया, इसके बाद संविधान सभा में शामिल होने वाले महान व्यक्तित्व डॉ भीमराव अंबेडकर जवाहरलाल नेहरू डॉ राजेंद्र प्रसाद सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1947 में दिनांक 9 दिसंबर को कार्यभार की शुरुआत कर दी थी| और इसके बाद से ही इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा|
कहां और कैसे मनाया गया था पहले रिपब्लिक डे
क्या आप जानते हैं कि पहले रिपब्लिक डे यानी गणतंत्र दिवस कहां सेलिब्रेट किया गया था? दिल्ली में 26 जनवरी 1950 को देश का प्रथम गणतंत्र दिवस सेलिब्रेट किया गया था| तब गणतंत्र दिवस की पहली परेड भी आयोजित की गई थी तब पुराना किला के पास ब्रिटिश स्टेडियम हुआ करता था यहीं पर पहले पीरियड लोगों को देखने को मिली थी| आज यह जगह काफी बदल चुकी है देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा दिल्ली के पुराने किले पर ध्वजारोहण किया गया था इस अवसर पर प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी वहां उपस्थित थे|
26 जनवरी का दिन क्यों चुना गया
एक खास बात आपको और बताना चाहेंगे कि 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 26 जनवरी 1929 को अंग्रेजों की गुलामी के खिलाफ कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज का नारा दिया था| इसके बाद से ही इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में चुना गया था इस दिन को लोग काफी खास तरीके से मनाते हैं|
संविधान कितने दिन में तैयार हुआ
पूरा संविधान तैयार करने में दो वर्ष 11 माह 18 दिन लगे थे| यह 26 नवंबर 1949 को पूरा हुआ था| वही इस पूरे भारत में 26 जनवरी 1950 को लागू कर दिया गया था| हाथ से लिखे हुए संविधान पर 24 जनवरी 1950 में 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे| इसमें करीब 15 महिलाएं भी शामिल थी|
गणतंत्र दिवस समारोह आयोजन
प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी के दिन दिल्ली की लाल किले पर भारत के राष्ट्रीय ध्वज फहरा जाने का कार्य क्रम रखा जाता है जिसमें भारत के कई दिग्गज नेता शामिल होते हैं| दिल्ली के लाल किले पर फहराया जाने वाले ध्वज को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा फहराया जाता है जिसके बाद सामूहिक रूप से राष्ट्रीय गान गया जाता है| गणतंत्र दिवस के इस पर्व को दिल्ली में बड़े उत्सव के साथ मनाया जाता है क्योंकि इस दिन प्रतिवर्ष एक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है जिसका आयोजन इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक राजपथ की राजधानी नहीं दिल्ली में आयोजित किया जाता है इस परेड में भारतीय सेवा के विभिन्न रेजीमेंट वायु सेवा नौसेना आदि सभी शामिल होकर ध्वजारोहण के कार्यक्रम में शिरकत करते हैं|
गणतंत्र दिवस का महत्व (Importance of Republic Day)
गणतंत्र दिवस को एक राष्ट्रीय उत्सव के रूप में पूरे जोश के साथ प्रतिवर्ष मनाया जाता है| इस पर्व में अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए स्कूलों और कॉलेज में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसकी तैयारी एक महीने पहले से ही शुरू कर दी जाती है क्योंकि स्कूलों और कॉलेज में राष्ट्रीय नृत्य गीत और विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम किए जाते हैं और इनमें से सबसे प्रमुख ध्वजारोहण का कार्यक्रम माना जाता है| देश की कई संगठन तथा सरकारी कार्यालय में भी कार्यक्रम आयोजित किया जाता है की जगह पर कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया जाता है|
(Republic Day) गणतंत्र दिवस समारोह में क्या होता है?
भारत के राष्ट्रपति के आगमन के बाद परेड शुरू होती है| राष्ट्रपति के गुण स्वर अंगरक्षक पहले राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देते हैं जिसके बाद राष्ट्रगान बजाया जाता है| इसके बाद 21 तोपों की सलामी दी जाती है| भारतीय सेवा की साथ तोपों से यह सलामी दी जाती है जिन्हें 25 पोंडर्स के नाम से जाना जाता है| हर एक टॉप से तीन राउंड फायर होती है| मार्च में भाग लेने वाले सेवा के प्रत्येक सदस्य को जांच की चार परतों से गुजरना पड़ता है| यहां तक की उनके हथियारों का भी बड़े पैमाने पर निरीक्षण किया जाता है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह जिंदा कारतूस नहीं ले जा रहे हैं|
FAQ’s
यह देश में संविधान लागू होने की याद दिलाता है|
यह दिन भारत के संविधान के लागू होने की याद दिलाता है जो 26 जनवरी 1950 को हुआ था|
एक राजनीतिक प्रणाली होती है जिसमें शासकीय शक्ति जनता के हाथों में होती है|
भारतीय ध्वज फहराने वाली पहली महिला मैडम भीकाजी कामा थी|
राष्ट्रपति
26 जनवरी 1950 को पहली बार गणतंत्र दिवस मनाया गया|