Ram Mandir Ke Bare Me Jankari: भगवान राम की नगरी अयोध्या हजारों महापुरुषों की कार्य भूमि रही है यह पवित्र भूमि हिंदुओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है यहां पर भगवान राम का जन्म हुआ था यह राम जन्मभूमि है इस राम जन्मभूमि पर एक भव्य मंदिर बना था जिसे तोड़ दिया गया था| आज के लेख में हम आपको अयोध्या राम मंदिर के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे| यदि आपको इस विषय से संबंधित जानकारी नहीं है और आप Ram Mandir Ke Bare Me Jankari प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे लेख को अंत तक जरूर पढ़ें| क्योंकि इस लेख के अंतर्गत राम मंदिर का इतिहास, शिलान्यास समारोह, डिजाइन आदि से संबंधित सभी जानकारियां प्रदान की गई हैं|
Ram Mandir Ke Bare Me Jankari
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन के बाद राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ और इसके साथ ही श्रद्धालुओं का भव्य राम मंदिर बनने का सपना भी पूरा हो गया| जल्द ही यहां राम लाल का भव्य मंदिर दिखेगा इतिहास में जाए तो राम मंदिर की एक बड़ी ही अजीबोगरीब कहानी देखने को मिलती है| कई बार यह मंदिर बना और कई बार तोड़ा गया तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण किसने करवाया था|
कहा जाता है कि भगवान राम द्वारा जल समाधि लेने के बाद अयोध्या धीरे-धीरे राम जन्मभूमि पर बना महल जस का तस रहा| भगवान राम के पुत्र कुछ ने फिर अयोध्या का पुनर्निर्माण किया और उसके बाद सूर्यवंश की 44 पीढ़ीया ने यहां शासन किया सूर्यवंशी के अंतिम राजा महाराजा बृहद्बल तक राम जन्मभूमि की देखभाल की जाती थी|
महाभारत युद्ध के दौरान सूर्यवंश के अंतिम राजा महाराजा बृहद्बल की मृत्यु अभिमन्यु के हाथों हुई थी| इसके बाद भी लोगों में राम जन्मभूमि को लेकर मान्यता बनी और पूजा का कार्य चलता रहा लेकिन उपलब्ध साक्ष्यों के अनुसार समय के साथ मंदिर का निर्माण होता रहा लेकिन अयोध्या धीरे-धीरे उजड़ गई| इतिहास के मुताबिक उसके बाद सम्राट विक्रमादित्य ने राम मंदिर का निर्माण करवाया था|
(History of Ram Temple) राम मंदिर का इतिहास
सनातन धर्म में श्री राम को भगवान विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है वह दुनिया में व्यापक रूप से पूजे जाने वाले राजा है प्राचीन महाकाव्य वाल्मीकि रामायण में बताया गया है कि प्रभु श्री राम का जन्म त्रेता युग में अयोध्या में हुआ था| अयोध्या में जहां पर उनका जन्म हुआ था उस जगह को राम जन्मभूमि के नाम से जाना जाता है कहा जाता है कि 15वीं शताब्दी में मुगल शासको ने राम जन्मभूमि पर एक मस्जिद का निर्माण करवाया था|
सनातन धर्म के अनुयायियों का कहना है कि इस मस्जिद का निर्माण मुगलों ने राम जन्मभूमि पर मंदिर को खंडित करके करवाया था हिंदुओं के इस दावे के बाद वर्ष 1850 से इस मामले में विवाद होना शुरू हो गया था|
इसके बाद कई बार विश्व हिंदू परिषद ने विवादित जगह पर राम मंदिर बनाने की घोषणा की इसके लिए 1990 के दशक में विश्व हिंदू परिषद ने श्री राम लिखी आईटी और धनराशि एकत्रित की एक समय पर सरकार ने विश्व हिंदू परिषद को मंदिर बनाने की अनुमति दे दी थी| लेकिन कुछ कर्म की वजह से वहां राम मंदिर का निर्माण शुरू नहीं हो सका इस बीच मंदिर को लेकर विवाद बढ़ता गया और वर्ष 1992 में इस विवाद ने हिंसक रूप ले लिया|
वर्ष 1992 में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिरा दिया गया और इसके बाद वर्ष 2019 में भारत के सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बैच में फैसला सुनाया की विवादित जगह को सरकार एक ट्रस्ट को सौंप दे| इसके बाद सरकार ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन करके वह जमीन ट्रस्ट को सौंप दी ट्रस्ट ने मार्च 2020 से राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया है जिसके आगामी वर्ष 2024 में पूरा होने की संभावना है|
कैसी थी अयोध्या
पहले अयोध्या कौशल जनपद की राजधानी थी वाल्मीकि कृत रामायण के बालकांड में उल्लेख मिलता है कि अयोध्या 12 योजन लंबी और तीन योजन जोड़ी थी वाल्मीकि रामायण में अयोध्या पुरी का वर्णन विस्तार में किया गया है| रामायण में अयोध्या नगरी के सरयू तट पर बसे होने और उसे नगरी के भाव एवं समृद्ध होने का उल्लेख मिलता है| वहां चौड़ी सड़के और भव्य महल थे, बगीचे और आम के बाग थे और साथ ही चौराहों पर लगने वाले बड़े-बड़े जैसा था यह महापुरी 12 योजन चौड़ी थी इस नगरी में सुंदर लंबी और चौड़ी सड़के थी इंद्र की अमरावती की तरह महाराज दशरथ ने उस पूरी को सजाया था|
राम मंदिर शिलान्यास समारोह
श्री राम जन्मभूमि मंदिर का शिलान्यास भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को दोपहर 12:00 तुम्हें पीएम नरेंद्र मोदी ने चांदी की एट की स्थापना की इसके पहले श्री राम जन्मभूमि पर पंडितों ने तीन दिवसीय वैदिक अनुष्ठान किया इस दौरान भगवान राम की पूजा की गई और मंदिर के शिलान्यास में सभी प्रमुख देवी देवताओं को आमंत्रित किया गया|
भारत के कई धार्मिक स्थानों से मिट्टी और पवित्र पानी लाया गया इस दौरान पाकिस्तान की शारदा पीठ से भी मिट्टी लाई गई साथ ही गंगा, सिंधु, यमुना, सरस्वती और कावेरी नदी का जल अर्पित किया गया शिलान्यास समारोह के उत्सव में अयोध्या में मंदिरों में 7000 से अधिक दिए जलाए गए|
अयोध्या में भगवान राम का मंदिर 2.7 एकड़ भूमि में बन रहा है जिसमें 54,700 वर्ग फुट भूमि शामिल है राम का पूरा परिसर लगभग 70 एकड़ भूमि में तैयार हो रहा है| इस परिसर में इतनी जगह होगी कि लाखों भक्त एक साथ मंदिर में भगवान राम के दर्शन कर सकेंगे| राम मंदिर का निर्माण कार्य श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के देखरेख में लार्सन ऐंड टुब्रो कंपनी कर रही है इस मंदिर का निर्माण राजस्थान के बंसी पर्वत के बलुआ पत्थरों से हो रहा है|
राम मंदिर का डिजाइन (Ram Mandir Design)
मंदिर का डिजाइन चंद्रकांत सोमपुरा ने अपने बेटों के साथ बनाया है चंद्रकांत सोमपुरा को इस मंदिर का डिजाइन बनाने के लिए साल 1992 में नियुक्त किया गया था| चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया कि नगर शैली में बनाए जा रहे| इस मंदिर का प्रवेश द्वार पूर्व की ओर बनाया जाएगा जो गोपुरम शैली में होगा यह द्वारा दक्षिण के मंदिरों और प्रतिनिधित्व करेगा मंदिर की दीवारों पर भगवान राम के जीवन को दर्शाने वाली कलाकृतियां प्रदर्शित होगी|
मंदिर का घंटा – Temple Bell
2100 किलो का एक विशाल घंटा मंदिर में लगाया जाएगा जो 6 फीट ऊंचा और 5 फुट चौड़ा होगा इसके अलावा मंदिर में विभिन्न आकार के 10 छोटे घंटे भी लगाए जाएंगे| जिनका वजन 500, 250 और 100 किलो होगा घंटे का निर्माण पीतल के साथ अन्य धातुओं को मिलकर किया जाएगा| इन घंटे का निर्माण जलेसर एटा की फॉर्म सावित्री ट्रेडर्स कर रही है एटा का जलेसर पूरी दुनिया में घुंघरू और घंटी उद्योग के लिए प्रसिद्ध है यहां के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी इन चीजों का निर्माण कर रहे हैं देश के कई मंदिरों में जलेसर के बने हुए घंटे लगे हुए हैं|
Ram Mandir Photo
मंदिर को मिल रहा है दान
अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनाने के लिए श्रद्धालु लगातार दान कर रहे हैं रामलाल के मंदिर को प्रतिमाह करोड़ों रुपए दान में मिल रहे हैं| श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि इन दोनों रामलाल के बैंक खाते में प्रतिमाह एक से डेढ़ करोड़ रुपए दान के रूप में आ रहे हैं जबकि दान पत्र में 60 से 70 लाख रुपए प्रतिदिन भक्तों के द्वारा दिए जा रहे हैं|
जैसे-जैसे मंदिर निर्माण का कार्य पूर्ण होता जाएगा दान में बढ़ोतरी होती जाएगी वर्तमान में रामलला के दर्शन करने के लिए 50000 श्रद्धालु प्रतिदिन आते हैं मंदिर के निर्माण पूरा हो जाने के बाद यहां पर एक लाख श्रद्धालु प्रतिदिन आने की संभावना है|
Ayodhya Ram Mandir opening date 2024 (उद्घाटन तिथि 2024)
राम जन्मभूमि अयोध्या इस वर्ष खुशियों की रोशनी से जगमगाने वाली है क्योंकि बहु प्रतीक्षित राम मंदिर अयोध्या जल्द ही पूरा होने जा रहा है जैसा कि हम सभी जानते हैं कि अयोध्या भगवान राम का जन्म स्थान है और भगवान राम हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक है| आपको पता होना चाहिए की राम मंदिर का इंतजार सैकड़ो वर्षों से किया जा रहा था लेकिन बाबरी मस्जिद से टकरा के कारण यह संभव नहीं हो सका, हालांकि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 2019 में निर्णय पारित किया जिसमें राम मंदिर ट्रस्ट को भूमि आवंटित की गई और ट्रस्ट बनाने का अधिकार भारत सरकार को दिया गया|
उसके बाद भारत सरकार ने राम मंदिर के लिए बजट आवंटित किया और स्थल पर निर्माण शुरू किया गया हमारे पास आ रही जानकारी के मुताबिक राम मंदिर निर्माण लगभग पूरा हो चुका है| और इसे पूरा होने में दो-चार महीने सकते हैं इसके अलावा आपको पता होना चाहिए कि अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन तिथि 2024 की घोषणा की गई है जिसके अनुसार उद्घाटन भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी अन्य प्रतिनिधियों की उपस्थिति में करेंगे|
Ram Mandir Timeline (अयोध्या राम मंदिर टाइमलाइन)
1528- 1529- मुगल बादशाह बाबर ने बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया|
1850– जमीन को लेकर सांप्रदायिक हिंसा की शुरुआत हुई|
1949– मस्जिद के अंदर राम मूर्ति मिली सांप्रदायिक तनाव तेज हुआ|
1950– मूर्ति पूजा की अनुमति के लिए फैजाबाद सिविल कोर्ट में दो मुकदमे दायर किए गए|
1961– अप सुन्नी सेंट्रल वर्क बोर्ड ने मूर्ति को हटाने की मांग की|
1986– जिला अदालत ने हिंदू उपासकों के लिए स्थल खोला|
1992– 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद को गिराया गया|
2010– इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित क्षेत्र को सुननी वक्त बोर्ड निर्मोही अखाड़ा और रामलाल के बीच तीन हिस्सों में बांटने का आदेश दिया|
2011– उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाई|
2016– सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की राम मंदिर के निर्माण की मांग की|
2019– सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया कि अयोध्या भगवान राम की जन्म भूमि थी पूरी 2.77 एकड़ विवादित भूमि ट्रस्ट को सौंप दी और सरकार को वैकल्पिक स्थल के रूप में सनी वक्त बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया|
2020– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन किया और शीला न्यास किया|
FAQ’s – Ram Mandir Ke Bare Me Jankari
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट|
प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले हैं इसमें अनेकों मूर्तियां और स्तंभ शामिल है|
वर्ष 2023 के अंत तक राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना है इसके बाद यह मंदिर भगवान श्री राम को समर्पित कर दी जाएगी|
साकेत और रामनगरी|
राम मंदिर पर कितना खर्च हुआ?
राम मंदिर के निर्माण में अभी तक करीब 18,000 करोड रुपए खर्च हो चुके हैं|