Periodic Table in Hindi : यदि आपने केमिस्ट्री विषय से पढ़ाई की है या कर रहे हैं तो आप Periodic Table के बारे में जरूर जानते होंगे क्योंकि केमिस्ट्री सब्जेक्ट के सबसे महत्वपूर्ण टॉपिक में से एक आवर्त सारणी ही है लेकिन विद्यार्थियों से जब स्कूल में या सामान्य ज्ञान के सवालों में प्रिडिक टेबल क्या है कि बारे में मालूम किया जाता है तो विद्यार्थी इसका ठीक प्रकार से जवाब नहीं दे पाते हैं क्योंकि उनको इस विषय में पूरी जानकारी प्राप्त नहीं होती है| यही कारण है कि आज हम आज के आर्टिकल में आपको Periodic Table in Hindi के बारे में सभी जानकारियां विस्तार पूर्वक प्रदान करेंगे इसलिए हमारे आर्टिकल को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें यह है प्रत्येक विद्यार्थी के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा|
Periodic Table in Hindi
आवर्त सारणी एक विज्ञानिक सारणी होती है जो विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है, जैसे रासायनिक तत्वों के नाम, प्रतीक, एटमिक संख्या, एटमिक भार, इलेक्ट्रॉनिक कन्फिगरेशन और रासायनिक गुणधर्म। यह तत्वों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ढूंढ़ने और पहचानने में मदद करती है।
आवर्त सारणी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा “आवर्त संख्या” होती है, जिसमें तत्वों को एक आवर्त माध्यम से सजाया जाता है। इसे “पीरियडिक सारणी” ‘’Periodic Table’’ भी कहा जाता है क्योंकि तत्वों के आवर्त माध्यम में नियमित रूप से पुनरावृत्ति होती है।
आवर्त सारणी को दो भागों में विभाजित किया जाता है:
- समूह (Group): यह तत्वों को उनकी इलेक्ट्रॉनिक कन्फिगरेशन के आधार पर समूहबद्ध करता है। इसे 1 से 18 तक के ग्रुपों में वर्गीकृत किया गया है।
- वर्ग (Period): यह तत्वों के पांच आवर्तों के आधार पर वर्गीकृत करता है। इसे 1 से 7 तक के वर्गों में वर्गीकृत किया गया है।
आवर्त सारणी में तत्वों की व्यवस्था पैमाने पर गई है ताकि उनकी समानताएं और अंतर देखने में आसानी हो। यह महत्वपूर्ण रासायनिक जानकारी का संग्रहशाली स्रोत है और विज्ञान, रासायनिक गतिविधियों, और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उपयोगी होती है।
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आवर्त सारणी के बारे में कुछ जानकारी
Periodic Table in Hindi
आधुनिक समय की जो आवर्त सारणी है उसे एक बेहतर तरीके से व्यवस्थित करने का दूसरे हैं वह हमेशा से ही दमित्री को ही दिया जाता है क्योंकि उनके द्वारा किए गए आवर्त सारणी के जो समूह है वह लोगों को बहुत ही अच्छी तरीके से समझ आते हैं निम्नलिखित में से कुछ जरूरी जानकारी आपको हम बताने वाले हैं|
- वर्तमान की जो Periodic Table है वह तत्व को परमाणु संख्या के बढ़ते हुए क्रम में रखने का कार्य करती है|
- इस विशेष आवर्त सारणी में 118 ज्ञात तत्व को सम्मिलित किया गया है|
- Periodic Table का जो 18 समूह है उसमें विशेष तौर पर निष्क्रिय गैसों को रखा गया है|
- Periodic table के Blocks कितने हैं|
- विशेष तौर पर आवर्त सारणी में चार लोगों को बांटा गया है जिनमें 7 Horizontal Raw तथा 18 Vertical Colum है जिनके बारे में हम आपको बताने वाले हैं|
संयोजक इलेक्ट्रॉनों के आधार पर आवर्त सारणी
संयोजक इलेक्ट्रॉनों के आधार पर आवर्त सारणी को चार भागों में विभाजित किया गया है जो इस प्रकार है
- S -Block -वर्ग एक से दो
- D- Block- वर्ग 3 से 12
- P- Block -वर्ग 13 से 18
- F- Block -लैंथेनाइड और अक्थेनाइड समूह
S block वाले तत्व
- Hydrogen
- Lithium
- Sodium
- Potassium
- Rubidium
- Caesium
- Francium
- Beryllium
- Magnesium
- Calcium
- Strontium
- Barium
- Radium
D block वाले तत्व
- Scandium
- Titanium
- Vanadium
- Chromium
- Manganese
- Iron
- Cobalt
- Nickel
- Copper
- Zinc
- Yttrium
- Zirconium
- Niobium
- Molybdenum
- Technetium
- Ruthenium
- Rhodium
- Palladium
- Silver
- Cadmium
- Lanthanum, Sometimes (Often Considered A Rare Earth, Lanthanide)
- Hafnium
- Tantalum
- Tungsten
- Rhenium
- Osmium
- Iridium
- Platinum
- Gold
- Mercury
- Actinium, Sometimes (Often Considered A Rare Earth, Actinide)
- Rutherfordium
- Dubnium
- Seaborgium
- Bohrium
- Hassium
- Meitnerium
- Darmstadtium
- Roentgenium
- Copernicium Presumably Is A Transition Metal.
P Block वाले तत्व
- Aluminum
- Gallium
- Indium
- Thallium
- Tin
- Lead
- Bismuth
- F Block
Lanthanide Group
- Lanthanum
- Cerium
- Praseodymium
- Neodymium
- Promethium
- Samarium
- Europium
- Gadolinium
- Terbium
- Dysprosium
- Holmium
- Erbium
- Thulium
- Ytterbium
- Lutetium
Actinide Group
- Actinium(Ac)
- Thorium(Th)
- Protactinium(Pa)
- Uranium(U)
- Neptunium (Np)
- Plutonium(Pu)
- Americium(Am)
- Curium(Cm)
- Berkelium(Bk)
- Californium(Cf)
- Einsteinium(Es)
- Fermium(Fm)
- Mendelevium(Md)
- Nobelium(No)
- Lawrencium(Lr)
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आवर्त सारणी की विशेषताएं
- आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या जो होती है वह क्रम से एक से आठ तक बढ़ती रहती है|
- दूसरे और तीसरे आवर्त में बाएं से दाएं जब जाते हैं तो हाइड्रोजन के सापेक्ष संयोजकता एक से बढ़कर 4:00 तक हो जाती है 4 से घटाकर 1 तक हो जाती है|
- अधिकतर यह देखना चाहता है कि किसी भी आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर तत्वों के जो आकार होते हैं वह परमाणु आकार घटते रहते हैं।
- किसी भी आवर्त में जब बाएं से दाएं जाते हैं तो दो तो आइए पूजा होती है बढ़ती चली जाती है जिससे परमाणु का आकार घटने लगता है जिससे परिणाम स्वरूप विद्युत धनात्मक जो होता है उसका गुण कम हो जाता है और ऋणआत्मक बढ़ जाता है|
आवर्त सारणी का इतिहास
आवर्त सारणी रासायनिक तत्वों को एक स्थानीय और आवर्ती आदर्श के रूप में व्यवस्थित करने के लिए उपयोग होती है। इसमें तत्वों की प्रति, उनके प्रतीक, परमाणु क्रमांक और अनुपातित गुणों की जानकारी होती है।
आवर्त सारणी का इतिहास काफी पुराना है और यह निरंतर विकसित हुआ है। पहली बार इसका प्रयोग जॉहान वॉलेंश्टाइन द्वारा किया गया था, जो 1862 में रासायनिक तत्वों को आवर्ती आदर्श के रूप में प्रस्तुत करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने तत्वों को उनके विद्यमानीयता और गुणों के आधार पर व्यवस्थित किया था।
1869 में, रॉबर्ट बॉर ने वॉलेंश्टाइन के आदर्श का सुधार किया और नया आवर्त सारणी प्रस्तुत किया। इस नए सारणी में तत्वों को उनके परमाणु क्रमांक द्वारा व्यवस्थित किया गया था।
बाद में इसमें और भी सुधार किए गए और अन्य वैज्ञानिकों ने भी अपने योगदान दिए। 20वीं सदी में हेनरी मोस्ली, ग्लेन टी सीस्टर्न, एडवार्ड गोपेलेंड और आईउपैका ने अपने-अपने आदर्शों के साथ आवर्त सारणी को अद्यतित किया।
सबसे प्रमुख आवर्त सारणी जो हम आज उपयोग करते हैं, उसका नाम “मॉडर्न आवर्त सारणी” है और इसका विकास डिमित्री मेंदेलीव द्वारा 1869 और 1871 के बीच किया गया था। इसमें 118 तत्वों की जानकारी होती है, जो उनके प्रतीक, परमाणु क्रमांक, परमाणु मास, और अणु के गुणों के साथ दी जाती है।
आवर्त सारणी का इतिहास विज्ञान की प्रगति के साथ संबंधित रहा है और इसे निरंतर अद्यतित किया जाता है, ताकि नवीनतम रासायनिक खोजों और तत्वों की जानकारी को शामिल किया जा सके।
आवर्त सारणी के नियम
आवर्त सारणी, जिसे में तत्वों की संरचना और गुणधर्मों की जानकारी होती है, को देखने के लिए दृष्टिगत आवर्त सारणी के नियमों का अध्ययन किया जाता है। निम्नलिखित नियम आवर्त सारणी के नियमों में से कुछ हैं:
प्रतिद्वंद्वता नियम (Law of Periodicity): आवर्त सारणी में तत्वों की व्यवस्था ऐसी होती है कि तत्वों की गुणधर्मों का प्रतिद्वंद्वता प्रत्येक समानांतर आवर्त में होता है।
समानांतर आवर्त सारणी (Table of Elements in Periodic Order): आवर्त सारणी के प्रत्येक खाने में तत्वों की व्यवस्था ऐसी होती है कि उनके प्रदेशिक संख्या के आधार पर उन्हें एक समानांतर आवर्त में व्यवस्थित किया जाता है।
संक्रमण नियम (Law of Chemical Periodicity): आवर्त सारणी में, तत्वों की गुणधर्मों का प्रतिद्वंद्वतापूर्ण व्यवस्थापन उनके प्रदेशिक संख्या के साथ होता है। इसका मतलब है कि आवर्त सारणी में एक समानांतर आवर्त में स्थित तत्वों की गुणधर्मों में सामान्यतः एक नियमितता होती है।
धातुओं के वृद्धि क्रम (Order of Metallic Character): आवर्त सारणी में, धातुओं का मेटालिक चरित्र प्रदेशिक संख्या के साथ बढ़ता है। यानी, शुरुआती खानों में अधिकतर गैर-मेटालिक तत्व होते हैं, जबकि अंतिम खानों में अधिकतर धातु तत्व होते हैं।
आवर्त संख्या (Atomic Number): प्रत्येक तत्व को आवर्त सारणी में उसके प्रदेशिक संख्या के द्वारा पहचाना जाता है। आवर्त संख्या एक एकदिमी संख्या होती है और तत्वों को आवर्त सारणी में उनकी व्यवस्था के आधार पर श्रेणीबद्ध करने में मदद करती है।
ये कुछ मुख्य नियम हैं जो आवर्त सारणी के नियमों को परिभाषित करते हैं। इन नियमों के माध्यम से, आवर्त सारणी में तत्वों की व्यवस्था, उनकी गुणधर्मों के साथ एक निश्चित व्यवस्था को दर्शाती है।
FAQ’s – Periodic Table in Hindi
आवर्त सारणी को अंग्रेजी में Periodic Table कहते हैं?
सारणी क्या है आवर्त सारणी एक सारणी पद प्रदर्शन है जहां सभी तत्वों को उनके रासायनिक गुणों के अनुसार व्यवस्थित किया जाता है|
एक आवर्त सारणी में आधुनिक 18 समूह और 7 आवर्त होते हैं|