National Anthem in Hindi: भारत का राष्ट्रगान जन गण मन रविंद्र नाथ टैगोर ने लिखा है और हमारे भारत देश में इस गान का बहुत बड़ा महत्व है| राष्ट्रगान प्रत्येक विद्यालय में जन गण मन का गान गया जाता है और यह राष्ट्रगान हमारे देश की महानता को दर्शाता है|
राष्ट्रगान हमारी गान है और राष्ट्रगान गाने से हमारे भारत के बच्चे बच्चे में नहीं ताकत पैदा होती है| राष्ट्रगान सुनकर हमारे अंदर आत्मविश्वास देश सम्मान बढ़ता है और हमें भारतीय होने पर गर्व महसूस होता है|
विशेष तौर पर राष्ट्रगान Independence Day 15 August के दिन और Republic Day 26 January के दिन पूरे भारत देश में बड़े गर्व और सम्मान के साथ जन गण मन राष्ट्रगान गया जाता है| यदि आप National Anthem in Hindi के बारे में अधिक जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे लेख को अंत तक जरूर पढ़ें|
भारत का राष्ट्रगान (National Anthem in Hindi)
”जन गण मन -अधिनायक जय है भारत भाग्य विधाता!
पंजाब सिंधु गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंगा
बिंध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छल जलधि तरंग
तब शुभ नामें जागे तब शुभ आशीष मांगे,
गाहे तब जय- गाथा|
जन गण मन अधिनायक जय है भारत भाग्य विधाता!
जय है जय है जय है जय जय जय जय है.”
भारत के राष्ट्रगान का इतिहास
राष्ट्रगान जन गण मन को रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा पहले बंगाली में लिखा गया था लेकिन इसका हिंदी संस्करण संविधान सभा द्वारा 24 जनवरी 1950 को स्वीकार किया गया| 1911 में टैगोर ने राष्ट्रगान के गीत और संगीत को रचा था और इसको पहली बार कोलकाता में 27 दिसंबर 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मीटिंग में गया गया था|
राष्ट्रगान को संपूर्ण संस्करण बंगाली से अंग्रेजी में अनुवादित किया गया और इसका संगीत मदनापल्ली में सजाया गया जो कि आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में है|
भारत के राष्ट्रगान जन गण मन का अर्थ
राष्ट्रगान का मौलिक संस्करण अंग्रेजी भाषा से अनुवादित किया गया था और 1950 में इसमें कुछ संशोधन किया गया था| सिंह की जगह सिंधु किया गया क्योंकि देश के बंटवारे के बाद सिंध पाकिस्तान का हिस्सा हो चुका था राष्ट्रगान का मतलब कुछ इस प्रकार है|
”सभी इंसानों के दिमाग के शासन कला तुम ही हो
भारत की किस्मत बनाने वाले|
तुम्हारा नाम पंजाब सिंधु गुजरात और मराठों के दिल के साथ ही बंगाल, उड़ीसा और द्रविड़ों को भी उत्तेजित करता है|
इसका शोर विंध्य और हिमाचल के पहाड़ों में सुनाई पड़ता है|
गंगा और जमुना के संगीत में मिलती है और भारत की समुद्र की लहरों के द्वारा बखान किया जाता है|
वह तुम्हारा आशीर्वाद के लिए विनती करते हैं और तुम्हारी तारीफ के गीत गाते हैं|
तुम भारत की किस्मत को बनाने वाले|
जय हो जय हो जय हो तुम्हारी|”
भारत का राष्ट्रीय गान
भारत का राष्ट्रगान भारतीय द्वारा कुछ खास अवसरों पर गया जाता है इसकी शुरुआत जन गण मन से होती है और अंत जय है जय है जय है जय जय जय है पर होता है| इसे अत्यधिक संस्कृत भाषा बंगाली में लिखा गया था वास्तविक राष्ट्रगान रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था| जिसे बाद में आबिद अली ने हिंदी और उर्दू में अनुवाद किया था आबिद अली द्वारा वास्तविक राष्ट्रगान से हिंदी संस्करण में किया गया रूपांतरण थोड़ा अलग था|
राष्ट्रगान का पूरा संस्करण गाने में 52 सेकंड का समय लगता है जबकि छोटे संस्करण के लिए (पहले और अंतिम पंक्ति) के लिए 20 सेकंड| नेहरू जी के विशेष अनुरोध पर इसे आर्केस्ट्रा की दोनों पर अंग्रेजी संगीतकार हर्बट मुरिल्ल द्वारा भी गया गया| टैगोर के द्वारा इसका दोबारा अंग्रेजी में अनुवाद किया गया टैगोर ने बांग्लादेश का राष्ट्रगान (अमार सोनार बांग्ला) भी लिखा है|
भारत के राष्ट्रगान का गीत
राष्ट्रगान का मूल ग्रंथ बंगाली में है जो की एक अत्यधिक संस्कृत से पूर्ण भाषा है (जिसे साधु भाषा भी कहा जाता है) इसे पूरी तरह से संज्ञा का इस्तेमाल कर लिखा गया है जो क्रिया की तरह भी कार्य करता है| सभी के द्वारा इसका अनुवादित संस्करण आसानी से समझा जा सकता है जबकि भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इसके उच्चारण में फर्क दिखाई पड़ता है राष्ट्रगान के शब्द और संगीत को लयबद्ध किया गया है कबीर कवि रवींद्र नाथ टैगोर ने इसके पूरे संस्करण को गाने में 52 सेकंड का समय लगता है साथ ही इसमें पांच दोहा है|
जब राष्ट्रगान पर लगाया गया प्रतिबंध
1975 से पहले फिल्म के बाद राष्ट्रगान को गाने की परंपरा थी लेकिन वहां पर लोगों द्वारा इसको उचित सम्मान ना देने पर इसको पर रोक लगा दी गई| कुछ वर्षों बाद फिल्मों के प्रदर्शन से पहले केरल के सरकारी सिनेमाघर में फिर से राष्ट्रगान को बढ़ावा दिया गया|
राष्ट्रगान आचार संहिता क्या है
आचार संहिता एक प्रकार का नियम होता है जिसके अंतर्गत यह बताया गया है कि राष्ट्रगान का गायन करते समय क्या-क्या करना चाहिए और कौन सी बातें ध्यान में रखनी चाहिए|
राष्ट्रगान को पूरा गाने में 52 सेकंड का समय लगता है गवर्नमेंट ने एक कानून धारा 71 लागू किया है| जिसके अंतर्गत जिस व्यक्ति के द्वारा भारत के राष्ट्रगान का अपमान किया जाएगा उसके खिलाफ जमाने के अलावा कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी| जिसके अंतर्गत उसे 3 वर्ष तक की सजा भी हो सकती है नीचे आपको कुछ नियमों के बारे में बताया गया है जो राष्ट्रगान गाने के दरमियान ध्यान में रखना चाहिए|
- राष्ट्रगान किसी भी पर्व और औपचारिक राज्य के कार्यक्रम में गया जा सकता है|
- इसके अलावा राष्ट्रपति के सामने जब परेड संपन्न हो जाए अथवा उपराज्यपाल के सामने या फिर राज्यपाल के समक्ष जब परेड संपन्न हो जाए तब राष्ट्रीय गान गया जा सकता है|
- यह राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्र के नाम संबोधन के उपरांत या उससे पहले और राज्यपाल और उप राज्यपाल के आगमन पर गया जाता है|
- नेवी में कलर को फैलाने के दरमियान और रेजीमेंट के रंग की प्रस्तुति होने पर राष्ट्रगान गा सकते हैं|
- किसी अहम मौके पर जब भारतीय गवर्नर के द्वारा कोई खास निर्देश दिया गया हो तब राष्ट्रगान गा सकते हैं|
- बैंड द्वारा गाने पर राष्ट्रगान को ड्रम के आगे रखना चाहिए अथवा ड्रम के द्वारा साथ की धीमी गति से राष्ट्रीय सलामी पूरी होने के बाद इसे गा सकते हैं|
- किसी भी कार्यक्रम में झंडा फहराने के बाद राष्ट्रगान गा सकते हैं|
- सुबह के समय स्कूल में राष्ट्रगान गा सकते हैं|
- राष्ट्रगान गाने के दरमियान सभी लोगों को सावधान की मुद्रा में खड़ा होना चाहिए|
National Anthem in Hindi – FAQ’s
भारत के राष्ट्रगान में सात राज्यों के नाम है|
रविंद्र नाथ टैगोर|
जन गण मन अधिनायक|
52 सेकंड|
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता सत्र में|