Paryayvachi Shabd In Hindi – आज के लेख में हम आपको पर्यायवाची शब्दों के बारे में बताएंगे हिंदी में एक ही अर्थ के लिए अनेक शब्दों का प्रयोग होता है इन्हीं को हम पर्यायवाची शब्द कहते हैं प्रत्येक विद्यार्थी छोटी कक्षा में पर्यायवाची शब्दों का ज्ञान प्राप्त करता है यदि आप भी अपने बच्चों को या फिर आप खुद Paryayvachi Shabd के बारे में जानना चाहते हैं तो आज का हमारा लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा क्योंकि इसलिए इसके अंतर्गत हम आपको 300 से भी अधिक पर्यायवाची शब्दों के बारे में बताएंगे आपको आज के लेख में अ से ज्ञ तक Paryayvachi Shabd के बारे में बताएंगे 300 से भी अधिक (Paryayvachi Shabd) पर्यायवाची शब्दों के बारे में जानने के लिए हमारे लेख को अंत तक पढ़ें|
पर्यायवाची शब्द किसे कहते है (Paryayvachi Shabd In Hindi)
Paryayvachi Shabd In Hindi – पर्याय शब्द का अर्थ ‘समान’ होता है और पर्यायवाची शब्द का अर्थ हुआ ‘समान अर्थ वाला’ अर्थ की समानता व्यक्त करने वाले शब्दों के समूह को ‘पर्यायवाची शब्द’ कहते हैं| अर्थात् जिन शब्दों के अर्थ में समानता होती है उन्हीं को पर्यायवाची शब्द कहा जाता है उन्हें पर्यायवाची शब्द का समानार्थी शब्द कहते हैं या किसी शब्द विशेष के लिए प्रयुक्त समानार्थक शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहते हैं यद्यपि पर्यायवाची शब्द के अर्थ में समानता होती हैं लेकिन प्रत्येक शब्द की अपनी विशेषता होती है और भाव में एक दूसरे से थोड़ा भिन्न होते हैं पर्यायवाची शब्द को अंग्रेजी में ‘Synonyms’ कहां जाता है
Paryayvachi का अर्थ
समान अर्थ वाला अर्थात समानार्थी हिंदी भाषा में एक शब्द के समान अर्थ वाले कई शब्द हमें मिल जाते हैं अतः पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग करते हुए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए|
उदाहरण के लिए सौ के पर्यायवाची शब्द सेकड़ा, सदी, शताब्दी, शतक आदि है| सैकड़ा, सौ वस्तुओं का समूह होता है| और सौ वर्षों के समूह को सही कहा जाता है सभी को शताब्दी और क्षति भी कहते हैं जबकि शतक का आशय अंकों के समूह से होता है|
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महत्वपूर्ण पर्यायवाची शब्द
- अंक – गोद, क्रोड़, पार्श्व, संख्या, गिनती, आँकड़ा
- अंग – भाग, अंश, हिस्सा, गात्र, पक्ष, अवयव, अज़ो
- अंगिका – कंचुकी, अँगिया, चोली, ब्रा, बॉडिस
- अँगूठि – मुद्रिका, मुँदरी, छल्ला, रिंग
- अंचल – क्षेत्र, इलाका, प्रदेश, प्रान्त, भाग, आँचल, पल्लू, किनारा
- अंजाम – नतीजा, परिणाम, फल, अंत, ख़ात्मा, परिणाम
- अंत – अवसान, इति, आख़िर, उन्मूलन, नाश, संहार
- अंतर – फ़र्क़, भिन्नता, भेद, असमानता, फ़ासला, दुरी
- अंतराल – मध्यांतर अवकाश अंतर समयांतर
- अंतर्धान – ओझल, ग़ायब, तिरोभूत, तिरोहित, लुप्त
- अक्सर – अधिकतर, अमूमन, बहुधा, बार-बार
- अनादर – निरादर, तिरस्कार, अपमान, अवज्ञा, अवहेलना, तौहीन
- अकस्मात् – अचानक, एकाएक, सहसा
- अनाज – अन्न, धान्य, शस्य, धान, गल्ला, दाना, खाद्यान्न
- अकाल – दुर्भिक्ष, सूखा
- अध्यापक – आचार्य, गुरु, शिक्षक, उपाध्याय, प्रवक्ता, व्याख्याता, अवबोधक
- अखंड – अभंग, अविभक्त, अक्षत, पूरा, साबुत, निरंतर, अछिन्न
- अर्जुन – पार्थ, गाण्डीवधारी, गुडाकेश, धनंजय, सव्यसाची
- अजीब – अद्भुत, अनोखा, विचित्र, विलक्षण, असामान्य
- अहंकार – घमण्ड, अभिमान, दर्प, मद, गुमान, दम्भ
- अटल – अडिग, पक्का, अविचल, फिर, अपरिवर्तनीय
- अमृत – पीयूष, सुधा, अमिय, सोम, सुरभोग, अमी
- अतुल – अनुपम, अद्वितीय, बेजोड़, बेमिसाल, बेनज़ीर
- अरण्य – वन, जंगल, कानून, विपिन, आटवी, कान्तार
- अधर – ओठ, ओष्ठ, रदपुट, लब
- अत्याचार – अनाचार, अन्याय, उत्पाद, ज़ुल्म, नृशंसता, अपकार
- अधर्मी – निकृष्ट, नीच, पतित, गिरा हुआ, कमीना, कुत्सित, क्षुद्र, घटिया
- अधिकार – आधिपत्य, कब्ज़ा, दावा, स्वत्व, हक़, स्वामित्व
- अनार – दाड़िम, शुकोदन, शुकप्रिय, रामबीज
- अनुपम – अनोखा, अनूप, अनूठा, अद्भुत, अतुल, अद्वितीय, निराला
- अनुमान – क़यास, अटकल, अंदाज़
- अक्षर – अविनाशी, ब्रह्म, हरफ़
- अजनबी – अनजान, अपरिचित, अज्ञात, नावाकिफ़
- अंधा – नेत्रहीन, अंधियारा, चक्षुहीन, दृष्टिहीन
- अंत:पुर – रानिवास, ज़नानख़ाना, भागपुर, हरम
- अंतरंग – आंतरिक, आभ्यंतर, धनिष्ठ, दोस्ताना, भीतरी, मैत्रीपूर्ण, हार्दिक
- अंधकार – तम, तिमिर, अँधेरा, अंधियारा, ध्वान्त, तमिस्त्र
- अंदाज़ – अटकल, अनुमान, कूत, तख़मीना, ढंग, ढब, तर्ज़, तौर-तरीक़ा
- अतिथि – मेहमान, पाहुन, आगन्तुक, अभ्यागत
- अधर्मी – निकृष्ट, नीच, पतित, गिरा हुआ, कमीना, कुत्सित, क्षुद्र, घटिया
- अधिकार – आधिपत्य, कब्ज़ा, दावा, हक़, स्वामित्व
- अनार – दाड़िम, शुकोदन, शुकप्रिय, रामबीज
- अनुपम – अनोखा, अनूप, अनूठा, अद्भुत, अद्वितीय, निराला
- अकर्मण्य – निकम्मा, आलसी, निखट्टू, निठल्ला
- अग्नि – अनल, आग, पावक, ज्वाला, कृशानु
- अधीन – आश्रित, निर्भर, नीचे, परवश, मातहत, वशीभूत, अवलंबित
- असुर – दानव, राक्षस, निशाचर, दनुज, रजनीचर, तमचर, मनुजाद, दैत्य, सुरारी
- अधीर – आकुल, आतुर, उद्विग्न, बेताब, व्यग्र, विकल
- अश्व – घोड़ा, तुरंग, तुरंगम, वाजी, हय, घोटक, सैन्धव
- अज्ञानी – अबोध, मूढ़, मूर्ख, नादान, अज्ञ, अहमक, भोंदू, उज़बक
- अनचाहा – अनभिष्ट, अनिच्छित, अनाकांक्षित, अनभिलषित
- अनजान – अजनबी, अपरिचित, अनभिज्ञ, अनचीन्हा, ग़ैर, बेगाना
- आँख – नेत्र, नयन, चक्षु, दृग, लोचन, अक्षि, नज़र, अक्ष, चश्म
- आकाश – नभ, अम्बर, गगन, व्योम, अनन्त, तारापथ, अन्तरिक्ष, अभ्र, आसमान, फलक, दिव, नाक, खगोल, पुष्कर, शून्य
- आम – आम्र, रसाल, सहकार, अमृतफल, अतिसौरभ, पिकबन्धु, मधुदूत, मामूली, सामान्य, साधारण
- आत्मा – चैतन्य, ब्रह्म, क्षेत्रज्ञ, सर्वज्ञ, सर्वव्याप्त, विभु, जीव
- आयु – उम्र, वय, अवस्था, जीवनकाल, वयस्, ज़िन्दगी
- आनन्द – प्रसन्नता, आह्लाद, उल्लास, मोद, प्रमोद, खुशी, सुख, मज़ा, लुत्फ़, हर्ष
- आज्ञा – आदेश, हुक़्म, निर्देश, फ़रमान, इजाज़त, अनुमति, अनुज्ञा
- आभूषण – अलंकार, भूषण, गहना, आभरण, मण्डन, ज़ेवर, टूम
- आश्चर्य – अचम्भा, अचरज, ताज्जुब, विस्मय, हैरत, हैरानी
- आदरणीय – सम्माननीय, सम्मान्य, मान्य, समादरणीय
- इच्छा – अभिलाषा, आकांक्षा, कामना, चाह, लिप्सा, लालसा, ईहा, स्पृहा, वांछा, मनोरथ, वासना, तमन्ना, अरमान, मुराद, हसरत, आरज़ू
- इन्द्र – देवराज, सुरपति, मघवा, पुरन्दर, देवेश, शक्र, शतऋतु, देवेन्द्र, शचीपति, वासव, सुरेश, सहस्त्राक्ष
- इन्द्राणी – शची, इन्द्रवधू, ऐन्द्री, इन्द्रा, पुलोमजा
- ईर्ष्या – कुढ़न, ख़ार, जलन, डाह, द्वेष, रश्क, मत्सर, स्पर्धा, हसद
- ईश्वर – जगदीश, जगन्नाथ, परमात्मा, परमेश्वर, प्रभु, ब्रह्मा, अल्लाह, खुदा, निरंजन, रब, सच्चिदानंद, साईं, साहब, स्वयंभू, परवरदिगार
- उत्सव – क्षण, मह, उद्धर्ष, उद्धव, जलसा, जश्न, समारोह, पर्व, त्यौहार
- उग्र – अविनीत, उत्कट, उद्दण्ड, उद्धत, कर्कश, तूफ़ानी, तेज़, प्रचंड, विकट, भीषण
- उत्साह – उमंग, अध्यवसाय, उत्साह, उल्लास, जोश, हौसला
- उन्नति – विकास, उत्कर्ष, उत्थान, अभ्युदय, उठना, प्रगति, तरक़्क़ी, बढ़ोतरी
- उदय – आरोहण, उन्नति, चढ़ना, प्रकट होना, उद्गमन
- उपहास – मज़ाक, खिल्ली, परिहास, मख़ौल, हँसी
- उत्पत्ति – उद्भव, जन्म, जनन, उद्गम, व्युत्पत्ति, पैदाइश, आरंभ, आविर्भाव, उदय, शुरुआत, प्राकट्य, मूल स्रोत, स्रोत
- उद्दण्ड – असभ्य, क्रूर, दुराचारी, दुष्ट, अविनीत, उच्छृंखल
- उत्पाद – उपद्रव, ऊधम, झगड़ा, दंगा, फ़साद, हंगामा, अशांति
- उपव न – बाग़, बगीचा, उद्यान, वाटिका, गुलशन, आरामगाह
- उपयोग – इस्तेमाल, उपभोग, प्रयोग, व्यवहार, सेवन
- एकत्र – इकट्ठा, एकमुश्त, पुंजीभूत, संचित, समवेत, संगृहीत, जमा, संकलित
- कनक – कंचन, सोना, स्वर्ण, हिरण्य, हेम, हाटक
- कमल – सरोज, जलज, पंकज, इंदीवर, नलिन, उत्पल, अंबुज, नीरज, तामरस, सारंग, शतपत्र, कोकनद, राजीव, अरविंद, शतदल, कंज, पुण्डरीक, सरसीरूह, वारिज
- कपट – छल, छद्म, धोखा, व्याज, वंचना, प्रवंचना, छलछिद्र, ठगी, दग़ा , फ़रेब, धूर्तता
- कपड़ा – वस्त्र, चीर, वसन, अम्बर, पट, दुकूल, परिधान, पोशाक, लिबास, ड्रेस
- करुणा – दया, अनुग्रह, अनुकम्पा, कृपा, कारुण्य
- कष्ट – दु:ख, वेदना, पीड़ा, क्लेश, खेद, व्यथा, तकलीफ़, दर्द, संताप
- कल्याण – शिव, मंगल, क्षेम, शुभ, श्रेय, उपकार, भला, हित
- कल्पवृक्ष – देववृक्ष, सुरतरु, पारिजात, कल्पतरु, मंदार, कल्पद्रुम, हरिचंदन
- कला – विद्या, कौशल, हुनर, फ़न, शिल्प, करिश्मा, करतब
- कान – कर्ण, श्रुति, श्रवणेन्द्रियाँ
- कपोत – पारावत, कबूतर, रक्तलोचन, हारीत, परेवा
- कमज़ोर – अशक्त, दुर्बल, निर्बल, शक्तिहीन, असमर्थ
- कामदेव – मदन, काम, पंचशर, मन्मथ, मनसिज, मार, रतिपति, स्मर, मीनकेतु, पुष्पधन्वा, कुसुमशर, आनंग, कन्दर्प, मनोज
- किरण – रश्मि, अंशु, मरीचि, मयूख, दीधिति, कर
- क्रोध – गुस्सा, रिस, अमर्ष, कोप, आक्रोश
- केश – बाल, कच, कुन्तल, चीकुर, शिरोरूह, मेचक, काकुल
- कोष – भंडार, निधि, ख़ज़ाना, आकर, जख़ीरा
- कोयल – कोकिल, काक, पिक, बसंतदूत, पाली, वनप्रिय, श्यामा, कलापी
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- कुत्ता – श्वान, कुक्कुर, शुनक, सारमेय, गंडक, कूकुर, मृगारि, सोनहा
- केला – कदली, भानुफल, रम्भा, गजवसा, कुंजरासरा, मोचा
- कृष्ण – माधव, मुकुन्द, दामोदर, ब्रजवल्लभ, गोपीनाथ, हृषिकेश, नन्दनन्दन, कंसारी, मुरलीधर, मधुसूदन, द्वारिकाधीश, यदुनन्दन
- कौआ – काक, वायस, पिशुन, करट, काण, काग, बलिपुष्ट, एकास, करटक
- कुबेर – यक्षराज, किन्नर देव, धनाधिप, राजराज, धनद
- कर्ण – सूर्यपुत्र, सूतपुत्र, राधेय, अंगराज
- कारीगर – शिल्पी, शिल्पकार, दस्तकार, मिस्त्री, निपुण, प्रवीण, हुनरमंद
- कटि – कमर, श्रोणी, लंक, मध्यांग, करिहाँव
- कलिका – कली, मुकुल, कोड्मल, कोरक, डोंडी, शिगूफ़ा, गुंचा
- कस्तूरी – मृगनाभि, मृगमद, मदलता
- कुमारी – कन्या, कुआँरी, अविवाहिता, अनूढ़ा
- खंभा – खंभ, स्तम्भ , स्तूप
- खर – तेज, तीक्ष्ण, खरा, स्पष्ट
- खल – उधम, पामर, नीच, दुष्ट, दुर्जन, कुटिल, धूर्त, शठ
- ख़ून – रुधिर, रक्त, शोणित, लहू
- खिड़की – वातायन, गवाक्ष, झरोखा, अंतर्द्वार, बारी, दरीचा
- गंगा – मंदाकिनी, जाह्नवी, भागीरथी, देवनदी, देवपगा, त्रिपथगा, विष्णुपदी, सुरसरि, सुरधुनी
- गजानन – गणेश, विनायक, गणपति, लम्बोदर, गजवदन, भवानीनन्दन, एकदन्त, मूषकवाहन, गिरिजानन्दन, वक्रतुंड, द्वियातृज, हेरम्ब
- गण्यमान्य – ख्यातिप्राप्त, ख्यातिनामा, प्रतिष्ठित, यशस्वी, लब्धप्रतिष्ठि
- गरुड़ – खगपति, खगेश, नागान्तक, सुपर्ण, वैनतेय
- गन्ना – ईक्षु, ईख, ऊख, पौंडा
- गाय – धेनु, सुरभी, गौ, दग्धी, भद्रा, गौरी, गैया, माहेयी, गऊ, पयस्विनी
- गृह – घर, गेह, धाम, भवन, निकेतन, मकान, सदन, निलय, आगार, आलय, आवास, ओक, अयनशाला, मन्दिर, अयन, वास, निवास-स्थान, शाला
- ग़दर – विद्रोह, विप्लव, बगावत
- गधा – गर्दभ, गदहा, खर, रासभ, वैशाखनन्दन, खोता, शंखकर्ण
- घी – घृत, हव्य, सर्पि, आज्य, अमृत, नवनीत
- घड़ा – घट, कलश, कुम्भ, कुट
- घाटा – हानि, नुक़सान, क्षति, टोटा
- घाव – नासूर, फोड़ा, व्रण
- चतुर – नागर, प्रवीण, कुशल, होशियार, विज्ञ, विदग्ध, दक्ष, निपुण, चालाक, पटु
- चाँदनी – चन्द्रिका, ज्योत्स्ना, कौमुदी, उजियारी, हिमकर, चंद्रमरीचि, अमृतद्रव, कलानिधि
- चाँद – चन्द्र, चन्द्रमा, शशि, निशाकर, कलानाथ, सोम, विधु, क्षपाकर, मृगलांछन, सुधाकर, सुधांशु, हिमांशु, द्विजराज, अमृतनिधान, राकेश, शशांक, मृगांक, इन्दु, मयंक, राकापति, रजनीपति, निशानाथ, तारकेश्वर, महताब
- चाँदी – रजत, रूपक, रूपा, रौप्य, कलधौत, रूप्य, जातरूप
- चरण – पाद, पद, पैर, पाँव, पग
- चरित्र – आचरण, व्यवहार, आचार, शील, चालचलन
- चिह्न – निशान, पहचान, लक्षण, अलामत
- चोर – तस्कर, मौषक, कुंभिल, रजनीचर, खनक
- चंदन – मलय, श्रीखण्ड, मंगल्य, गंधसार, सर्पावास, गंधराज
- छत्र – छाता, छतरी, आतपत्र
- जल – नीर, सलिल, वारि, जीवन, तोय, उदक, पानी, पय, अम्बु, अमृत, अम्भ, आप, रस, आब
- जन – मनुष्य, मनुज, व्यक्ति, लोग, नर, लोक
- जगत् – विश्व, दुनिया, संसार, भव, जगती, जग, जहान
- जीभ – जिह्वा, रसना, रसज्ञा, रसिका, रसला, ज़बान
- जलयान – जहाज़, पोत
- झरना – प्रपात, सोता, निर्झर, स्रोत, उत्स
- झूठ – असत्य, मृषा, मिथ्या, अनृत
- झण्डा – पताका, ध्वज, निशान, ध्वजा, केतन, वैजयन्ती
- तरु – पेड़, वृक्ष, पादप, सरोरुह, विटप, द्रुम, रूँख, गाछ, अगम
- तलवार – खड्ग, असि, चन्द्रहास, करवाल, कृपाण
- तालाब – सर, तड़ाग, पद्माकर, जलाशय, पुष्कर, सरोवर, सरसी, ताल, हृद
- तारा – तारक, उडुगन, नक्षत्र, सितारा, उडु
- तरकश – तूणीर, तूणी, निषंग, तूण, इषुघि, उपासंग
- तोता – शुक, कीर, सुग्गा, दाड़िमप्रिय, रक्ततुण्ड, सुआ
- ताम्बा – ताम्र, तामा, रक्तधातु, ताम्रक
- दाँत – दन्त, द्विज, रद, दशन, रदन
- दास – नौकर, चाकर, सेवक, भृत्य, किंकर, अनुचर, परिचर, परिचारक, सेवादार
- दिन – दिवस, वासर, वार
- देवता – देव, सुर, अमर, अजर, विवुध, त्रिदश, भगवान
- दानव – राक्षस, असुर, दैत्य, दनुज, निशाचर, रजनीचर, दमुल
- देह – शरीर, काय, वपु, घट, काया, गात, विग्रह
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- दीन – ग़रीब, विपन्न, हीन, निर्धन, बेचारा, मलिन, अकिंचन
- दु:ख – वेदना, पीड़ा, यातना, खेद, यन्त्रणा, कष्ट, संकट, क्लेश, व्यथा, क्षोभ, विषाद, सन्ताप
- दुर्गा – चण्डी, चामुण्डा, कामाक्षी, शाम्भवी, कालिका, सिंहवाहिनी, चण्डिका, कल्याणी, सुभद्रा, महागौरी
- द्रव्य – धन, सम्पत्ति, वित्त, सम्पदा, दौलत, विभूति, समृद्धि
- दूध – क्षीर, दुग्ध, गोरस, पय
- दक्ष – चतुर, कुशल, ब्रह्मा का पुत्र
- दण्ड – डण्डा, लाठी, दमन
- दीपक – दीप, प्रदीप, दिया, ज्योति, गृहमणि
- दुर्जन – दुष्ट, पामर, नीच, खल
- धरती – पृथ्वी, धरा, वसुंधरा, मेदिनी, इला, भू, धरणी, भूमि, मही, अचला, अवनी
- धनुष – धनु, कोदण्ड, शरासन, कमान, चाप, विशिखासन
- धूप – आतप, गन्धद्रव्य
- नरक – यमपुर, यमलोक, रौरव, दुर्गति
- नदी – सरिता, वाहिनी, तटिनी, स्रोतस्विनी, तरंगिणी, शैवालिनी, आपगा, शैलजा, सिंधुगामिनी, निम्नगा
- नारद – देवर्षि, ब्रह्मपुत्र, ब्रह्मर्ष
- नाव – तरिणी, तरी, नैया, नौका, जलयान, नौ, पतंग, बेड़ी
- निर्मल – स्वच्छ, अमल, शुद्ध, पवित्र, पावन, विमल
- निशा – रात, रात्रि, रजनी, निशि, विभावरी, यामिनी, क्षपा, तमिस्त्रा, निशीथ, शर्वरी, रैन
- नाश – ध्वंस, क्षय, विनाश, प्रलय, अवसान
- नारी – स्त्री, महिला, औरत, वामा, रमणी, वनिता, ललना, कामिनी, भामिनि, अबला
- नेता – नायक, प्रमुख, सरदार, अगुआ, प्रधान
- पान – ताम्बूल, नागबेल, मुखमण्डल, बालदल, मुखभूषण
- पिता – जनक, बाप, तात, पितृ
- पर्याप्त – प्रभूत, भरपूर, विपुल, काफ़ी, बहुत
- पत्थर – प्रस्तर, पाषाण, पाहन, उपल, अश्म, शिला
- पराग – पुष्परज, रज, पुष्पधूलि, केशर, कुसुमराज
- पहाड़ – गिरि, अद्रि, पर्वत, भूधर, महीधर, शैल, नग, धरणीधर
- पक्षी – खग, पखेरू, विहग, नभचर, विहंग, शकुन्त, चिड़िया, द्विज
- प्रिय – प्यारा, पति, स्वामी, प्राणेश, वल्लभ, भर्ता, भरतार, प्राण, प्राणाधार
- पति – स्वामी, बालम, साँई
- पार्वती – गिरिजा, गौरी, शैलसुता, अपर्णा, शैलजा, शिवानी, भवानी, दुर्गा
- प्रभा – आभा, छवि, दीप्ति
- पुत्र – सुत, तनय, आत्मज, नन्दन, पूत, बेटा, लड़का, लाल, वत्स, तनुज
- पुत्री – सुता, तनया, आत्मजा, नन्दिनी, दुहिता, बेटी, लड़की, तनुजा
- प्रकाश – आलोक, उजाला, आभा, प्रभा, ज्योति, दीप्ति, छवि
- पवन – अनिल, वायु, वात, मारुत, समीर, समीरण, पवमान, बयार
- प्रातः – प्रभात, उषा, अहर्मुख, अरुणोदय, प्रातः काल
- पत्नी – गृहिणी, अर्धांगिनी, बहू, वधू, दारा, भार्या, कलत्र
- पंडित – विद्वान, मनीषी, बुद्ध, कोविद, विचक्षण, बुद्धिमान, प्राज्ञ, सुधी
- पूजा – उपासना, अर्चना, आराधना, भक्ति
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- प्रेम – स्नेह, अनुराग, प्रीति, राग
- प्रतिष्ठा – मान, आदर, इज़्ज़त, आबरू, गरिमा, आन, गौरव
- पत्ता – दल, पर्ण, पल्लव
- पुरस्कार – पारितोषिक, ईनाम, विजयोपहार
- पाला – हिम, नीहार, तुषार
- प्रस्तावना – भूमिका, प्राक्कथन, आमुख, लेखकीय, उपोद्घात
- फूल – पुष्प, पुहुप, कुसुम, सुमन, प्रसून, गुल
- बाढ़ – शर, सायक, नाराच, विशिख, शिलीमुख, पत्री, तरी, आशुग
- बंदर – मर्कट, हरि, शाखामृग, कपि, वानर, कीश
- बिजली – विद्युत, चपला, तड़ित, दामिनी, घनदाम, बीजुरी, सौदामिनी, क्षणप्रभा, घनवल्ली, चंचला
- बादल – मेघ, पयोधर, जलधर, नीरद, पयोद, घन, वारिद, अम्बुद, बलाहक
- ब्राह्मण – द्विज, भूदेव, भूसुर, विप्र, अग्रजन्मा, महीदेव
- बुद्धि – मति, प्रज्ञा, धिषणा, मनीषा, धी, शेमुषी
- ब्रह्मा – चतुरानन, हिरण्यगर्भ, आत्मभू, लोकेश, विधि, स्त्रष्टा, विरंचि, नाभिज, विधाता, प्रजापति
- बहुत – प्रचुर प्रभूत, अति, पर्याप्त, अमित, अत्यन्त
- बलराम – बलभद्र, हलधर, हलायुध, हली, मूसली, रवेतीरमण, राम
- बरसात – बारिश, वर्षा, पावस, वृष्टि, दुर्दिन, वर्षण
- बरतन – पात्र, वासन, भांडा
- बसन्त – ऋतुराज, मधुमास, कुसुमाकर, माधव, पिकमित्र
- बहिन – सहोदरा, भगिनी, बान्धवी, सहगर्भिणी
- बाघ – शार्दूल, व्याघ्र, चित्रक
- बाधा – व्यवधान, रुकावट, रोक, अड़चन, विघ्न, अटकाव
- भौंरा – भ्रमर, भँवरा, मधुप, भृंग, अलि, षट्पद्, द्विरेफ, मधुकर
- भाई – भ्राता, सहोदर, बन्धु, भैया, सगर्भा, सजाता
- भैंस – महिषी, कासर, सैरिभी, लुलापा
- मछली – मत्स्य, मीन, शफ़री, झख, मकर, पाडोन
- महादेव – शिव, शम्भू, पशुपति, महेश्वर, शंकर, विधुशेखर, इन्दुशेखर, शशिशेखर, भूतेश, गिरीश, हर, मदनरिपु, पिनाकी, नीलकण्ठ, त्रिनयन, त्रिलोचन, कैलाशपति, चन्द्रमौलि, रुद्र, चन्द्रशेखर
- मित्र – सहचर, संगी, साथी, दोस्त, सहृदय, सखा, वयस्क, मीत, सपक्ष
- मुख – वदन, मुँह, आनन, चेहरा
- मदिरा – सुरा, वारुणी, मद, शराब, दारू, हाला, कादम्बरी
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- मूर्ख – बेवकूफ़, मूढ़, अज्ञ, अबोध, जड़, बुद्धिहीन
- मैला – मलिन, अस्वच्छ, अशुचि, म्लान, गन्दा, अपवित्र
- मूल्य – मोल, कीमत, दाम, अर्थ
- मोर – मयूर, केकी, सारंग, नीलकण्ठ, कलाजी, शिव-सुत-वाहन, शिखी,
- माता – माँ, जननी, जन्मदायिनी, प्रसू, अम्बा
- मुर्गा – कुक्कुट, तमचुर, ताम्रचूड़, ताम्रशिख, उपाकर, अरुणशिखा
- मेंढ़क – मण्डूक, दादुर, भेक, वर्षाभू, शातूर, दर्दुर
- मृत्यु – देहावसान, स्वर्गवास, निधन, मरण, देहान्त, मौत
- मट्ठा – छाछ, तक्र, गोरस
- मुक्ति – मोक्ष, निर्वाण, कैवल्य, अपवर्ग, सद्गति, परमधाम, परमपद
- मक्खन – नवनीत, दधिसार, लौनी
- मूँगा – प्रवाल, विद्रुम, रक्तांग, रक्तमणि
- मोती – मुक्ता, मौक्तिक, सीपज, शशिप्रभा
- मैना – सारिका, चित्रलोचना, सारी, कहहप्रिया, मधुरालया
- यम – यमराज, धर्मराज, कृतांत, शमन, सूर्यपुत्र, जीवितेश, काल
- यमुना – कालिंदी, अर्कजा, रवितनया, जमुना, तरणि-तनुजा, सूर्यजा, कृष्णा
- युवती – किशोरी, तरुणी, श्यामा
- युद्ध – रण, संग्राम, समर
- रमा – लक्ष्मी, श्री, कमला, विष्णुप्रिया, पद्मा, पद्मासना, हरिप्रिया, इन्दिरा, चंचला, लोकमाता, सिंधुसुता, सिन्धुजा, क्षीरोदतनया
- राजा – भूपति, महीप, राव, नृप, भूमिपति, भूप, नृपति, नरेश, नरेंद्र, भूपाल, नरपति, शासक
- राम – रघुपति, राघव, रघुवर, रमापति, दशरथनन्दन, रघुवंशमणि, सीतापति
- रावण – दशकन्ध, दशासन, दशशीश, दशानन, लंकापति, लंकेश
- राधा – वृषभानुजा, ब्रजरानी, कृष्णप्रिया, राधिका
- लहर – तरंग, उर्मि, वीचि
- लोहा – अयस्, सार, लौह
- लक्ष्मण – सौमित्र, रामानुज, शेष, लखन
- विशाल – विराट्, वृहत्, दीर्घ
- विष – हलाहल, गरल, ज़हर, कलाकूट
- वर्ष – वत्सर, साल, बरस, अब्द
- विष्णु – जनार्दन, चक्रपाणि, गरुड़ध्वज, अच्युत, गोविंद, चतुर्भुज, मधुरिपु, शेषशायी
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- लक्ष्मीपति – नारायण, दामोदर, हृषिकेश, मुकुन्द, विट्ठल, हरि, वन्माली, उपेन्द्र
- विनती – प्रार्थना, निवेदन, अर्ज़, गुज़ारिश
- विवाह – ब्याह, पाणिग्रहण, परिणाम, परिणय-सूत्र, उद्वाह
- वीर्य – शुक्र, बीज, तेज, सार, जीवन
- वज्र – कुलिश, पवि, अशनि, दंभोलि
- शत्रु – अरि, रिपु, दुश्मन, अमित्र, अराति, विपक्षी, बैरी
- शरीर – काया, कलेवर, गात, विपु, तन, विग्रह
- शेषनाग – अहीश, धरणीधर, सहस्त्रासन, फणीश
- शहद – पुष्पासव, मधु, मकरन्द, पुष्प-रस
- शारदा – सरस्वती, वाणी, भारती, वाग्देवी, वीणापाणि, वाक्
- शिकार – आखेट, मृगया, अहेर
- शेर – सिंह, मृगराज, शार्दुल, केहरी, हरि, वनराज, पंचानन, मृगेन्द्र, केशरी, केशी, नाहर
- शुभ्र – धवल, शुक्ल, श्वेत, सफ़ेद, अवदात, वलक्ष, गौर
- संदेह – आशंका, खटका, चिंता, अंदेशा, शक, शुबहा, संशय
- सुंदर – मनोहर, शोभन, कल, ललित, मंजुल, सुरम्य, रम्य, रमणीय, चारु, रुचिकर, सुहावना, ललाम
- सूर्य – आदित्य, दिनकर, दिनेश, दिवाकर, भास्कर, प्रभाकर, मार्तण्ड, सविता, हरि, अर्क, भानु, सहस्त्रांशु, दिनमणि, अंशुमाली, पतंग, रवि, पूषा
- सिर – सर, शीश, शिर, मुण्ड, मस्तक
- समुद्र – जलधि, सिन्धु, सागर, रत्नाकर, उदधि, वारिधि, नदीश, पारावार,
- सेना – कटक, अनी, अनीक, अनीकिनी, दल, सैन्य, वाहिनी, चमू
- साँप – सर्प, व्याल, नाग, विषधर, भुजंग, अहि, पन्नग, सरीसृप, उरग
- समूह – मण्डली, टोली, वर्ग, दल, वृन्द, समुदाय, गण, निकाय
- सब – सर्व, समस्त, अखिल, निखिल, समग्र, सकल
- स्वर्ग – नाक, सुरलोक, देवलोक, दिव, परमधाम, द्युलोक, द्यौ
- सोना – स्वर्ण, कनक, हिरण्य, कंचन, हाटक, हेम, जातरूप, चामीकर, सुवर्ण
- स्तन – कुच, पयोधर, उरोज, वक्षोज, थन
- संसार – संसृति, दुनिया, लोक, जगत्, विश्व, सृष्टि
- सुरभि – सुगन्ध, इष्टगन्ध, घ्राण, तर्पण, सौरभ, सुवास, ख़ुशबू
- सहेली – सखी, सहचरी, सजनी, आली, सैरन्ध्री
- सीता – जानकी, वैदेही, जनकनन्दिनी, भूमिजा, रामप्रिया
- स्वतन्त्र – स्वाधीन, स्वायत्त, आज़ाद, मुक्त, स्वच्छंद
- हरिण – मृग, कुरंग, सारंग, चमरी, कृष्णसार
- हाथी – गज, कुंजर, हस्ती, मतंग, करी, नाग, दन्ती, द्विज, द्विरज, वितुण्ड, सिन्धुर, कुंभी, गयन्द
- हनुमान – पवनसुत, अंजनीपुत्र, महावीर, कपीश, आंजनेय, वज्रांग, बजरंग बली
- हंस – मराल, चक्रांग, कलहंस, कारंडव, सूर्य, आत्मा, मानसौक
- हिमालय – हिमगिरी, हिमाद्रि, हिमवान, पर्वतराज, नगराज
- हाथ – हस्त, कर, पाणि, बाहु, भुजा
- हानि – नुक़सान, अनिष्ट, अपकार, अहित, बुरा
- क्षमारहित-अक्षम, अशक्त, असमर्थ, क्षमाशून्य।
- क्षमाशील- क्षम, क्षमी, क्षमावान, क्षमित, क्षमिता, तितिक्षु, प्रभूष्णु, शक्त, शान्तियुक्त, सह, सहन, सहिष्णु।
- क्षत्राणी- क्षत्राणी, क्षत्रिय पत्नी, क्षत्रिया, क्षत्रियाणी, क्षत्रियी, क्षत्री पत्नी, महारानी, राजपत्नी, रानी, वीरपत्नी, वीरमाता, वीरस्नुषा, वीरा ।
- क्षण- अदिष्ट, अवसर, उत्सव, काल, घड़ी, छन, छिन, मौका, दण्ड, निमेष, प्रसंग, पल, बेला, मुहूर्त, वक्त, विरियाँ, समय, समय भाग ।
- क्षत- आघात, काटना, क्षति, घायल, घाव, जख्म, नाश, पीड़ित, मारना, फोड़ा, व्रण ।
- क्षत्रिय- क्षत्र, क्षत्री, द्विजलिंगी, नाभि, नृप, पार्थिव, बाहुज, मूर्द्धक, मूद्र्धाभिषिक्त, राजन्य, राजा, वर्म, विराज, विराट, वीर, सार्वभौम।
- क्षितिज- अंबरांत, अंबरारंभ, आकाश, आकाश रेख, आकाश षीर्ष, उत्कर्ष, उफुक, उर्ध्वबिन्दु, केंचुआ, खमध्य, खस्वस्तिक, चक्षुपथ, चरमबिन्दु, चोटी, ध्वनिगाही आकाश, नभशीर्ष, निकट आकाश, पराकाष्ठा, पराकोटि, पृथ्वीय आकाश, मंगल ग्रह, दिगंत, दिशान्त, दिशामण्डल, नरकासुर, पेड़, वातावरण, वियत, वृक्ष, शफ़क, शब्दवाही आकाश, शिरोबिन्दु, शीर्षाकाश, सुबिन्दु।
- क्षति- क्षय, घाटा, नाश, हानि, नुकसान।
- क्षण- भंगुर अनित्य, अस्थिर, क्षणिका, नश्वर, नाशवान।
- क्षीण- अल्प, कमजोर, कृष, क्षाम, थोड़ा, दुबला-पतला, बलहीन, बारीक, सूक्ष्म ।
- क्षमता- ताकत, पहुँच, बल, शक्ति, सामर्थ्य,योग्यता।
- क्षय- अतिरोग, ऊष्मा, गदाग्रणी, छई, तपेदिक, दिक, नृपामय, यक्ष्मा, राज्यक्षमा, रोगराज, शोष।
- क्षर- अज्ञान, जल, जीवात्मा, नाशवान्, मेघ, शरीर।
- क्षिति- आवास, क्षय, गोरोचन, जगह, पृथ्वी, प्रलय-काल ।
Paryayvachi Shabd – पर्यायवाची शब्द के उदाहरण
- पानी– जल, वारि, नीर, तोय, सलिल, अंबु, सर।
- हवा– पवन, वायु, समीर, अनिल, वात, मरुत्, पवमान, बयार, प्रकंपन, समी
- जंगल– वन, कानन, बीहड़, विटप, विपिन।
- असुर– राक्षस, दैत्य, दानव, निशाचर, दनुज, यातुधान, निशिचर, रजनीचर।
- अश्व– घोड़ा, हय, तुरंग, वाजी, घोटक, सैंधव, तुरंग।
- आँख– नेत्र, दृग, नयन, लोचन, चक्षु, अक्षि, अंबक, दृष्टि, विलोचन।
- इंद्र– सुरेश, देवेंद्र, देवराज, पुरंदर, सुरपति, मघवा, वासव, महेंद्र।
- ईश्वर– प्रभु, परमेश्वर, भगवान, परमात्मा।
- गरमी– ग्रीष्म, ताप, निदाघ, ऊष्मा।
- गृह– घर, निकेतन, भवन, आलय,निवास, गेह, सदन, आगार, आयतन, आवास, निलय, धाम।
- चंद्र– चाँद, चंद्रमा, विधु, शशि, राकेश, हिमांशु, सुधांशु, सुधाकर, सुधाधर, सारंग, निशाकर, निशापति, रजनीपति,मृगांक, कलानिधि।
- पवन– वायु, समीर, हवा, अनिल।
- पत्नी– भार्या, दारा, अर्धांगनी, वामा, गृहिणी, बहू, वधू, कलत्र, प्राणप्रिया।
- दोस्त– बन्धु, मित्र, साथी, यार, सखा, हितैषी, अंतरंग, साखी, जीवन-साथी, मीत, सहायक।
- बिजली– चपला, चंचला, दामिनी, सौदामनी, विधुत्, तड़ित, बीजुरी, क्षणप्रभा।
- राजा– नृप, नृपति, भूपति, नरपति, भूप, महीप, महीपति, नरेश, राव, सम्राट्।
- रजनी– रात्रि, निशा, यामिनी, विभावरी।
- सर्प– साँप, अहि, भुजंग, विषधर, व्याल, फणी, उरग, पन्नग, नाग।
- सागर– समुद्र, उदधि, जलधि, वारिधि, पारावार, सिंधु, नीरनिधि, नदीश, पयोधि, अर्णव, पयोनिधि, रत्नाकर, अब्धि, वारीश, जलधाम, नीरधि।
- सिंह– शेर, वनराज, शार्दूल, मृगराज, व्याघ्र, पंचमुख, मृगेंद्र, केशरी, केहरी, केशी, महावीर।
- सूर्य– रवि, दिनकर, सूरज, भास्कर, मार्तंड, मरीची, प्रभाकर, सविता, पतंग, दिवाकर, हंस, आदित्य, भानु, अंशुमाली।
- स्त्री– ललना, नारी, कामिनी, रमणी, महिला, वनिता, कांता।
- शिक्षक– गुरु, अध्यापक, आचार्य, उपाध्याय।
- हाथी– कुंजर, गज, द्विप, करी, हस्ती।
- सिर– शीश, मुंड, माथा।
- आनंद– मोदी, प्रमोद, हर्ष, आमोद, सुख, प्रसन्नता, आह्लाद, उल्लास।
- आश्रम– मठ, विहार, कुटी, स्तर, अखाड़ा, संघ।
- कपड़ा– वस्त्र, पट, वसन, अंबर, चीर , परिधान।
- कमल– सरोज, जलज, अब्ज, पंकज, अरविंद, पद्म, कंज, शतदल, अंबुज, सरसिज, नलिन, तामरस।
- किरण– मरीचि, मयूख, अंशु, कर, रश्मि, प्रभा, अर्चि।
- कुबेर– किन्नरेश, यक्षराज, धनद, धनाधिप, राजराज।
- चोर– तस्कर, दस्यु, रजनीचर, मोषक, कुंभिल, खनक, साहसिक।
- यमुना– सूर्यसुता, सूर्यतनया, कालिंदी, अर्कजा, कृष्णा।
- तालाब– सर, सरोवर, तड़ाग, हृद, पुष्कर, जलाशय, पद्माकर।
- दास– अनुचर, चाकर, सेवक, नौकर, भृत्य, किंकर, परिचारक।
- दु:ख– पीड़ा, व्यथा, कष्ट, संकट, शोक, क्लेश, वेदना, यातना, यंत्रणा, खेद।
- देवता– सुर, अमर, देव, निर्जर, विबुध, त्रिदश, आदित्य, गीर्वाण।
- द्रव्य– धन, वित्त, संपदा, विभूति, दौलत, संपत्ति।
- नौका– नाव, तरिणी, जलयान, जलपात्र, तरी, बेड़ा, डोंगी, पतंग।
- पति– भर्ता, वल्लभ, स्वामी, आर्यपुत्र।
- पक्षी– विहंग, विहग, खग, पखेरू, परिंदा, चिड़िया, शकुंत, अंडज, पतंग, द्विज।
- पंडित– सुधी, विद्वान, कोविद, बुध, धीर, मनीषी, प्राज्ञ, विचक्षण।
- पुष्प– फूल, सुमन, कुसुम, प्रसून।
- बाण– तीर, शर, विशिख, आशुग, शिलीमुख, इषु, नाराच।
- ब्रह्मा– आत्मभू, स्वयंभू, चतुरानन, पितामह, हिरण्यगर्भ, लोकेश, विधि, विधाता।
- वृक्ष– तरु, द्रुम, पादप, विटप, अगम, पेड़, गाछ।
- मछली– मत्स्य, झख, मीन, जलजीवन, सफरी, झष, जलीय जीव।
- महादेव– शंभु, ईश, पशुपति, शिव, महेश्वर, शंकर, चंद्रशेखर, भव, भूतेश, गिरीश, हर, त्रिलोचन।
- मेघ– घन, जलधर, वारिद, बादल, नीरद, वारिधर, पयोद, अंबुद, पयोधर।
- विष्णु– गरूड़ध्वज, अच्युत, जनार्दन, चक्रपाणि, विश्वंभर, मुकुंद, नारायण, हृषीकेश, दामोदर, केशव, माधव, गोविंद, लक्ष्मीपति, विभु, विश्वरूप।
- समूह– समुदाय, वृंद, गण, संघ, पुंज, दल, झुंड, मंडली, टोली, जत्था।
- सरस्वती– ब्राह्मी, भारती, भाषा, वाक्, गिरा, शारदा, वीणापाणि, वागीशा।
- सोना– सुवर्ण, स्वर्ण, कंचन, हाटक, कनक, हिरण्य, हेम, जातरूप।
- सुंदर– रुचिर, चारु, रम्य, सुहावना, मनोहर, रमणीक, चित्ताकर्षक, ललित।
- अतिथि– मेहमान, अभ्यागत, आगन्तुक, पाहुना।
- अहंकारी– गर्वित, अकडू, मगरूर, अकड़बाज, गर्वीला, आत्माभिमानी, ठस्सेबाज, घमंडी।
- अश्व– हय, तुरंग, वाजि, घोडा, घोटक।
- अग्नि– आग, ज्वाला, दहन, धनंजय, वैश्वानर, रोहिताश्व, वायुसखा, विभावसु, हुताशन, धूमकेतु, अनल, पावक, वहनि, कृशानु, वह्नि, शिखी।
- इंद्र का वज्र– कुलिश, वज्र, पवि, अशनि, भिदुर, भेदी शतकोटि।
- इंद्र का हाथी– अभ्रमातंग, गजेन्द्र, ऐरावत।
- इन्द्र– सुरेश, अमरपति, वज्रधर, वज्री, शचीश, वासव, वृषा, सुरेन्द्र, देवेन्द्र, सुरपति, शक्र, पुरंदर, देवराज, महेन्द्र, मधवा, शचीपति, मेघवाहन, पुरुहूत, यासव।
- इंद्र का पुत्र– जयंत, उपेन्द्र, ऐंद्रि।
- इन्द्राणि– इन्द्रवधू, मधवानी, शची, शतावरी, पोलोमी।
- इच्छा– अभिलाषा, अभिप्राय, चाह, कामना, ईप्सा, स्पृहा, ईहा, वांछा, लिप्सा, लालसा, मनोरथ, आकांक्षा, अभीष्ट।
- इंद्रधनुष– इन्द्रायुध, शक्रधनु, ऋजुरोहित।
- इंद्रपुरी– अमरावती, देवपुरी, इंद्रलोक, देवलोक।
- इंसान– मनुष्य, आदमी, मानव, मानुष।
- इंसाफ– न्याय, फैसला, अद्ल।
- इनकार– अस्वीकृति, निषेध, अनंगीकरण, नकार, खंडन, प्रत्याख्यान, निवर्तन, प्रत्याख्या, अनंगीकार, अस्वीकार।
- इच्छुक– अभिलाषी, आतुर, चाहने वाला, आकांक्षी।
- उत्कृष्ट– उत्तम, उन्नत, श्रेष्ठ, अच्छा, बढ़िया, उम्दा।
- उत्कोच– घूस, रिश्वत।
- उच्छृंखल– उद्दंड, अक्खड़, आवारा, अंडबंड, निरकुंश, मनमर्जी, स्वेच्छाचारी।
- उजला– उज्ज्वल, श्वेत, सफ़ेद, धवल।
- उजाड– जंगल, बियावान, वन।
- उत्थान– उत्कर्ष, प्रगति, उत्क्रमण, आरोह, आरोहण, ऊर्ध्वगमन, उद्गमन, उपरिगमन, चढ़ाव, उठाव, उभार, उन्नयन।
- उदार– फ़राख़दिल, क्षीरनिधि, दरियादिल, सरल, सीधा, विनीत, शिष्ट, उदारचित्त, उदारचेता, सहृदय, विशाल, हृदय, सज्जन, महामना, सदाशय, महाशय, दाता, उदारशील, दानशील, दानी।
- उद्धार– मुक्ति, छुटकारा, निस्तार, त्राण, परित्राण, विमुक्ति, बचाव, मोक्षण, रिहाई।
- उपाय– युक्ति, साधन, तरकीब, तदबीर, यत्न, चेष्टा, कोशिश, तरीका, उपचार, विधि, जुगत, ढंग, पद्धति, प्रयत्न।
- उद्यान– बगीचा, बाग, वाटिका, उपवन।
- ऊँचा– तुंग, उच्च, बुलंद, उर्ध्व, उत्ताल, उन्नत, ऊपर, शीर्षस्थ, उच्च कोटि का, बढ़िया, अच्छा, चोटी का, गगनस्पर्शी।
- ऊँघ– तंद्रा, अर्द्ध-निद्रा, झपकी, ऊँघाई।
- ऊधम– उत्पात, उपद्रव, दंगा, फ़साद, हुल्लड़, हंगामा, होहल्ला, धमाचौकड़ी।
- ऊसर– अनुपजाऊ, बंजर, अनुर्वर, वंध्या, भूमि।
- ऊधम– उपद्रव, उत्पात, धूम, हुल्लड़, हुड़दंग, धमाचौकड़ी।
- उषाकाल– प्रातः काल, सवेरा, तड़का, उदयकाल, सुबह, अमृतबेला, सूर्योदय।
- ऊल–जलूल– अव्यवस्थित, बेढंगा, बेतुका, बेमेल, अक्रमिक, अविचारित, अस्तव्यस्त।
- ऊष्मा– तपन, गर्मी, ताप, जलन।
- ऋणी– कर्जदार, देनदार।
- ऋतु– रुत, मौसम, मासिक धर्म, रज:स्राव।
- ऋण– कर्ज, कर्जा, उधार, उधारी।
- ऋषभ– वृष, वृषभ, बैल, पुंगव, बलीवर्द, गोनाथ।
- ऋष्यकेतु– कामदेव, मकरकेतु, मकरध्वज, मदन, मनोज, मन्मथ।
- एकदंत– गणेश, गजानन, विनायक, लंबोदर, विघ्नेश, वक्रतुंड।
- एषणा– इच्छा, आकांक्षा, कामना, अभिलाषा, हसरत।
- एकतंत्र– राजतंत्र, एकछत्र, तानाशाही, अधिनायकतंत्र।
- एकता– मेल, मेलजोल, मेलमिलाप, संगठन, बराबरी, सामंजस्य, समन्वय, एकरूपता, एकसूत्रता, एकत्व, संश्रय, सद्भाव, सुमति।
- एकरूप– समरूप, तुल्यरूप, अभिन्न, अनुरूप, समानता, सादृश्य, अभेद।
- एहसान– कृपा, अनुग्रह, उपकार।
- खोजने वाला– अनुसंधानकर्त्ता, अन्वेषणकर्त्ता, तलाश करने वाला।