Polio Vaccine 2024: पोलियो वैक्सीन की खोज, फायदे, दुष्प्रभाव एवं पोलियो का टीका कब लगता है|

Polio Vaccine: पोलियो या पोलियोमाइलाइटिस एक अपंग करने वाली और संभावित घातक बीमारी है यह बीमारी पोलियो वायरस के कारण होती है| यह वाइरस व्यक्ति से व्यक्ति में फैला है और संक्रमित व्यक्ति के मस्तिष्क और रीड की हड्डी पर हमला कर सकता है जिससे पक्षी गत होने की आशंका होती है पक्ष घाट यानी शरीर को हिलाया नहीं जा सकता है|

टीकाकरण लोगों को पोलियो से बचा सकता है| भारत पिछले 7, 8 वर्षों से पोलियो मुक्त हो चुका है लेकिन यह है अभी भी दुनिया के अन्य हिस्सों में होता है|

यदि हम टीकाकरण करवा कर इस वायरस से सुरक्षित नहीं रहते हैं तो इस बीमारी को वापस आने के लिए किसी अन्य देश से आने वाले पोलियो से संक्रमित केवल एक व्यक्ति की ही आवश्यकता होगी|

इसलिए पोलियो वैक्सीन लगाना बहुत जरूरी है बहुत से लोग अपने बच्चों के पोलियो वैक्सीन लगवाने में लापरवाही कर देते हैं| तो ऐसा बिल्कुल ना करें और अगर आप Polio Vaccine के बारे में कोई भी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं जैसे पोलियो वैक्सीन क्या है, यह कैसे काम करता है, पोलियो वैक्सीन की खोज किसने की, इसके फायदे आदि सभी जानकारियां हम आपको आज के लेख में बताएंगे|

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पोलियो वैक्सीन क्या है – Polio Vaccine Kya Hai

टीका एक ऐसी दवा होती है जिसे आपको किसी बीमारी से बचने के लिए दिया जाता है पोलियो का टीका, पोलियो नमक तंत्रिका तंत्र की संक्रामक बीमारी को रोकने के लिए पोलियो वायरस से तैयार किया जाने वाला एक टिका है|

पहले पोलियो का टीका, जिसको निष्क्रिय पोलियो वायरस टीका (आईपीवी:IPV या साल्क टीका के रूप में जाना जाता है) 1950 के दशक में अमेरिकी चिकित्सक जोनास साल्क द्वारा विकसित किया गया था| इस तक में मारे गए वायरस होते हैं और यह इंजेक्शन द्वारा आपके शरीर में इंजेक्ट किया जाता है|

आईपीवी का बड़े पैमाने पर उपयोग फरवरी 1954 में शुरू हुआ जब इसे अमेरिकी स्कूली बच्चों के लिए उपयोग किया गया था| अगले कुछ वर्षों में ही संयुक्त राज्य अमेरिका में पोलियो की घटनाएं 1,00,000 लोगों पर 18 मामलों से कम होकर 1,00,000 लोगों पर 2 मामलों तक आ गई|

1960 के दशक में एक अन्य प्रकार का पोलियो टीका बना जिसे मौखिक या ओरल पोलियो वैक्सीन ओपीवी या साबिन का कहा जाता है|, आविष्कारक अमेरिकी चिकित्सक और सूक्ष्मजीव विज्ञानी अल्बर्ट सबीन के नाम पर रखा गया था|ओपीवी में जीवित कमजोर वायरस होता है और इसे मुंह से ड्रॉप के रूप में दिया जाता है|

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पोलियो वैक्सीन कैसे काम करता है?

पोलियो का टीका, टिक नमक दावों की श्रेणी से संबंध रखता है| पोलियो के तक में जीवित दुर्बल या निष्क्रिय पोलियोमाइलाइटिस वायरस होता है| जो पोलियो वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी के उत्पादन को प्रेरित करता है, और भविष्य में अप्रत्याशित संक्रमण से लड़ने में शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र की सहायता करता है|

Polio Vaccine की खोज किसने की?

खराब की खोज की बात करें तो इसकी खोज 1955 में की गई थी| पोलियो के तक की खोज जोनास साल्क की टीम ने की थी यदि पोलियो में संक्रमित मामलों की बात करें तो यह है 1980 में देखे गए थे| इस बीमारी से बचने के लिए बचाव बहुत जरूरी होता है| इसी कारण लोगों में जागरूकता लाने के लिए विश्व पोलियो दिवस मनाने की शुरुआत रोटरी इंटरनेशनल ने की प्रत्येक 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है इसके पीछे का कारण यह है कि जोनास साल का जन्म 24 अक्टूबर को हुआ था|

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पोलियो का टीका कब लगता है?

सभी बच्चों को उनके लिए बनाई गई नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में पोलियो के तक की चार खुराक की आवश्यकता होती है बच्चों को निम्नलिखित आयु में खुराक की आवश्यकता होती है-

  • 2 महीने की आयु में पहली खुराक|
  • 4 महीने की आयु में दूसरी खुराक|
  • 6 से 18 मीना के बीच में तीसरी खुराक|
  • 4 से 6 वर्ष की आयु में चौथी खुराक दी जानी चाहिए|

क्योंकि अधिकांश वयस्कों को उनके बचपन में टीका लगाया जाता है इसलिए 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए पोलियो के नियमित टीकाकरण की सिफारिश नहीं की जाती है|

लेकिन वयस्कों के निम्नलिखित तीन समूहों के पोलियो वायरस के संपर्क में आने का जोखिम अधिक हो सकता है इसलिए उनको पोलियो का टीका लगाने पर विचार करना चाहिए-

  • दुनिया के उन हिस्सों में यात्रा करने वाली यात्री जहां पोलियो अभी भी आम है|
  • वह लोग जो प्रयोगशालाओं में ऐसे नमूनों को संभालते हैं जिनमें पोलियो वायरस हो सकते हैं|
  • स्वास्थ्य देखभाल करने वाले वह कर्मचारी जो किसी ऐसे व्यक्ति के साथ संपर्क में रहते हैं जो पोलियो वायरस संक्रमित हो|

यदि आप इन तीन समूहों में से किसी भी श्रेणी में आते हैं तो आपको पोलियो के टीके लगाने के बारे में अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए यदि आपको पोलियो के खिलाफ कभी टिका नहीं लगाया जाता है तो आपको आईपीवी की तीन खुराक दी जानी चाहिए जो इस प्रकार है-

  • पहली खुराक किसी भी समय पर|
  • दूसरी खुराक पहले से एक से दो महीने बाद|
  • तीसरी खुराक दूसरी से 6 से 12 महीने बाद दी जानी चाहिए|

यदि आपको पहले एक या दो खुराक दी जा चुकी थी तो आपको शेष एक या दो खुराक लेनी चाहिए इसमें कोई फर्क नहीं पड़ता है की पहली खुराक या अंतिम खुराक के बाद से अब तक कितना समय हो गया है|

हालांकि निम्नलिखित श्रेणी के किसी व्यक्ति को पोलियो टीका नहीं लगाया जाना चाहिए-

  • ऐसे लोग जिनका गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया का मेडिकल इतिहास रहा है|
  • यदि आपको नई मशीन पॉलीमैक्सीन बी, भी स्ट्रेप्टोमाइसिन के प्रति एलर्जी की परेशानी है तो आपको पोलियो का टीका नहीं लगवाना चाहिए|
  • यदि आपके माध्यम या गंभीर स्टार की कोई बीमारी है तो आपको बोलियां का टीका लगवाने के लिए इस बीमारी के ठीक होने का इंतजार करना चाहिए|

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पोलियो वैक्सीन के दुष्प्रभाव

जिन लोगों को एंटीबायोटिक स्ट्रेप्टोमाइसिन, नियोमायकिन या पॉलीमिक्सिन से एलर्जी होती है| उन्हें पोलियो वैक्सीन से एलर्जिक प्रतिक्रिया हो सकती है| वैक्सीन में इन एंटीबायोटिक दावों की थोड़ी मात्रा हो सकती है|

पोलियो की शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?

पोलियो की शुरुआती लक्षण निम्नलिखित है जिसे प्रभावित व्यक्ति काम से कम 10 दिनों तक लक्षणों के साथ रह सकता है जैसे-

  • उल्टी के साथ सर दर्द
  • अकड़न और पीठ दर्द, गर्दन दर्द
  • मांसपेशियों में कोमलता या कमजोरी
  • हाथ और पैर में दर्द और जकड़न
  • गले में खराश
  • थकान
  • मैंजाइटिस

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Polio के क्या कारण होते हैं?

पोलियो वायरस संक्रमित व्यक्ति के घटक मामले से वातावरण में प्रवेश करता है| अनहेल्दी और दुष्ट स्थान पोलियो वायरस के फैलने के मूल कारण होते हैं| क्योंकि पोलियो संक्रामक है संक्रामक व्यक्ति के सीधे संपर्क बीमारी को आसानी से ग्रहण करता है|

एक बार पोलियो वायरस व्यक्ति में प्रवेश करने के बाद यह हाथ और गले की कोशिकाओं को संक्रमित करना शुरू कर देता है शरीर के अन्य भागों में फैलने से पहले वायरस आंतों में रहता है अंत में वायरस रक्त प्रवाह में चला जाता है जहां से पूरा शरीर प्रभावित होता है|

पोलियो वैक्सीन के फायदे – Polio Vaccine Benefit in Hindi

पोलियो वैक्सीन के निम्न फायदे हैं जिनके बारे में नीचे बताया गया है|

  • पोलियो वैक्सीन ही पोलियो को रोकने का एकमात्र तरीका है, जो अगर नहीं रोका जाए तो घातक हो सकता है| पोलियो का टीका पोलियो वायरस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है यह एक ऐसा वायरस है जो पक्षाघात और मृत्यु तक का कारण बन सकती है|
  • पोलियो का टीका पोलियो जैसी गंभीर और कभी-कभी घातक बीमारी के खिलाफ न केवल आपकी सुरक्षा करता है बल्कि जब आप टीका लगवाते हैं तो आप दूसरों की सुरक्षा में भी मदद करते हैं क्योंकि यह एक संक्रमण वाली बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे में फैल जाती है|
  • आईपीवी का उपयोग जीवित वायरस वाली ओरल पोलियो वैक्सीन या पोलियो ड्राप लेने के बाद पोलियो के विकास के बाकी बचे जोखिम को भी समाप्त कर देता है|

FAQ’s

पोलियो के वायरस का नाम क्या है?

पोलियो वायरस एक विष्णु है यह मानव में पोलियो रोग का कारण है यह एक आरएनए वायरस है और पिकोर्नविरिडी परिवार में एंटीवायरस से प्रजाति का एक सीरोटाइप है|

बच्चों को पोलियो के कितने टीके लगते हैं?

तीन टीके लगते हैं|

पोलियो का पूरा अर्थ क्या है?

वायरस के कारण होने वाली एक अक्षम्य और जीवन घातक बीमारी है|

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