MLC Kya Hota Hai: अधिकतर लोगों को राजनीति के बारे में जानकारी होती ही है क्योंकि राजनीति दुनिया में सदियों से चलती आ रही है विधान परिषद राज्य सरकार के मुख्य अंग होते हैं वर्तमान समय में भारत में केवल 6 राज्यों में ही विधान परिषद मौजूद है लेकिन क्या आप में से कोई एमएलसी के बारे में जानता है क्योंकि आज की पोस्ट में आप जलेंगे की एमएलसी क्या होता है (MLC Kya Hota Hai) और एमएलसी का चुनाव कैसे होता है विधान परिषद को कैसे चुना जाता है विधान परिषद का कार्यकाल एवं योग्यता तथा एमएलसी कैसे बने यदि आप एमएलसी बनना चाहते हैं या इस विषय से संबंधित सभी विस्तारपूर्वक जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं तो आज की हमारी पोस्ट को पढ़कर आप इस विषय से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं|
एमएलसी क्या होता है – MLC Kya Hota Hai
एमएलसी विधान परिषद राज्य विधानमंडल का उच्च सदन माना जाता है विधानसभा के सदस्यों को विधान परिषद का एक सदस्य स्थानीय निकाय राज्यपाल और राज्य विधानसभा स्नातक और शिक्षकों द्वारा 6 साल की अवधि के लिए चुना जाता है| प्रत्येक 2 वर्ष में सदस्यों को रिटायर कर दिया जाता है एमएलसी भारत के नागरिक होते हैं|
भारत में केवल 6 राज्यों में विधान परिषद गठित किए गए हैं जैसे कि कर्नाटक, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, क्षेत्र रोजगार विधान परिषद में प्रत्येक वर्ष एक तिहाई सदस्य अपने पद से त्याग देते हैं| जिनके स्थान पर नए सदस्य नियुक्त होते हैं| विधान परिषद के सदस्य यानी एमएलसी को भी विधायक शक्ति मिलती है|
MLC Full Form
MLC Full Form in English | Member Of Legislative Council |
MLC Full Form in Hindi | विधान परिषद् के सदस्य |
विधान परिषद क्या है
किसी भी राज्य के विधान मंडल में दो सदन हो सकते हैं जिसमें उच्च सदन को विधान परिषद कहा जाता है और निम्न सदन को विधानसभा कहा जाता हैं|
विधान परिषद राज्य के विधान मंडल का स्थाई सदस्य होता है इस सदन को भंग नहीं किया जा सकता है|
भारत के कुल 31 राज्यों में से कुल 6 राज्य बिहार उत्तर प्रदेश कर्नाटक तेलंगाना आंध्र प्रदेश एवं महाराष्ट्र में विधान परिषद में विधान परिषद की व्यवस्था है| विधान परिषद सदस्य की संख्या उस राज्य की विधानसभा सदस्यों की संख्या का एक तिहाई हो सकता है|
MLC कैसे बनते हैं
विधान परिषद के सदस्य बनने के लिए उम्मीदवार को राज्य के भीतर अधीनस्थ संस्था बनाने वाली होती है जिससे वह विधान परिषद के सदस्य बनने के लिए चुने जाते हैं MLC बनने के लिए कुछ सदस्यों के नामों को बहुमत से पारित किया जाता है जिसे सबसे पहले संसद में भेजा जाता है विधान परिषद बनने के लिए एक तिहाई सदस्य राज्य की नगर प्राप्त करेंगे जिला बोर्ड और स्थानीय कार्यवाही द्वारा निर्वाचित हो जाते हैं और कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जो कम से कम 30 साल तक ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी कर चुके हो|
विधानसभा क्षेत्र में वोटर हो अनुच्छेद 171 के अनुसार लोकसभा और राज्यसभा के बहुमत के आधार पर इस प्रस्ताव को पारित किया जाता है इस प्रस्ताव को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाता है|
हस्ताक्षर कराने के बाद राज्य परिषद का गठन करने के लिए वह मंजूरी देते हैं राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद एमएलसी का गठन होता है एमएलसी में सदस्यों की संख्या अधिक नहीं होती है|
MLC का चुनाव कैसे होता है
एमएलसी यानी विधान परिषद सदस्य का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है इसलिए एमएलसी के चुनाव में जनता वोट नहीं देती है बल्कि कुछ एमएलसी सदस्यों को जनता के प्रतिनिधि वोट देकर चयन करते हैं विधान परिषद के एक तिहाई सदस्यों को विधानसभा के सदस्य ने विधायक चुनते हैं| जबकि एक तिहाई सदस्य को जनता के प्रतिनिधि जैसे नगर निगम और नगर पालिका एवं नगर पंचायत प्रतिनिधि के सदस्य चुनते हैं|
इसके अतिरिक्त 1/22 सदस्यों को ग्रेजुएट और 1/12 सदस्यों को राज्य के शिक्षक चयन करते हैं बाकी बचे सदस्य को राज्यपाल चुनते हैं| उदाहरण के लिए आपको बता दें कि यदि आपको उत्तर प्रदेश के 100 एमएलसी सदस्यों को चुनना हो तो इनमें से 38 सदस्यों को विधायक 36 सदस्यों को जनता के प्रतिनिधि 16 सदस्यों को शिक्षक और ग्रेजुएट और 10 सदस्यों को राज्यपाल द्वारा चुना जाता है|
MLC का चुनाव पार्टी के सिंबल पर नहीं होता है तथा चुनाव चिन्ह भी नहीं होता है बल्कि चुनाव में एमएलसी उम्मीदवार के आगे पहली प्राथमिकता लिखना होता है जिस एमएलसी उम्मीदवार को सबसे अधिक प्राथमिकता प्राप्त होती हैं वह चुनाव जीत जाता है|
विधान परिषद किस-किस राज्य में मौजूद हैं
वर्ष 2020 से पहले भारत में 7 विधान परिषद वाले राज्य थे लेकिन जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किए जाने के बाद वर्तमान में कुल 6 राज्य मैं विधान परिषद है जिसमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना शामिल है इसके अतिरिक्त भारतीय संसद ने असम, राजस्थान और उड़ीसा को विधान परिषद के लिए मंजूरी दे दी है|
एमएलसी बनने के लिए योग्यता
- विधानसभा सदस्य यानी एमएलसी बनने के लिए उम्मीदवार को उस राज्य का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है|
- विधान परिषद का सदस्य बनने के लिए उम्मीदवार की आयु 30 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए|
- विधान परिषद का सदस्य बनने के लिए उम्मीदवार को मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए|
- उम्मीदवार मानसिक रूप से पागल या दिवालिया ना हो|
- एमएलसी उम्मीदवार सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए यदि कोई सरकारी पद पर है तो उसको एमएलसी बनने के बाद सरकारी पद या एमएलसी पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है|
- एमएलसी उम्मीदवार को अपने क्षेत्र की मतदाता सूची में नाम होना आवश्यक है|
एमएलसी के कार्य
- विधान परिषद के कार्यों पर विशेष रूप से एमएलसी ही ध्यान देता है|
- एमएलसी में विधान मंडल के सदस्य भी शामिल होते हैं|
- MLC के कार्य मंत्रिमंडल में कानून बनाना और समस्याओं पर चर्चा करना और अपना प्रत्युत्तर भी है|
- एमएलसी का कार्य बिलो को स्वीकार करना और अस्वीकार करना है|
विधान परिषद का कार्यकाल
एमएलसी का कार्यकाल 6 वर्ष होता है लेकिन प्रत्येक 2 वर्ष में राज्य परिषद के एक तिहाई या कुछ सदस्य खत्म हो जाते हैं| एमएलसी के कुछ सदस्यों को राज्यों के राज्यपाल द्वारा मनोनीत किया जाता है|