इंद्रधनुष (Rainbow) कैसे बनता है? इंद्रधनुष किस कारण बनता है जाने|

Indradhanush Kaise Banta Hai: आप सभी ने बरसात के मौसम के दिनों में आकाश में सात रंगों की एक धनुष्कार पट्टी देखी होगी जिसको लोग आम भाषा में इंद्रधनुष कहते हैं| लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इंद्रधनुष कैसे बनते हैं? इंद्रधनुष में कितने रंग होते हैं आदि यदि आपके मन में भी यह सवाल है कि Indradhanush Kaise Banta Hai और आप इस विषय से संबंधित सभी जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं तो आज का हमारा आर्टिकल आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होने वाला है क्योंकि आज हम आपको इस विषय से संबंधित जानकारियां प्रदान करने वाले हैं|

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इंद्रधनुष क्या है?

Indradhanush Kaise Banta Hai

इंद्रधनुष एक प्राकृतिक स्पेक्ट्रम है जो बारिश की बौछार के बाद आकाश में दिखाई देता है| यह वातावरण में मौजूद पानी की छोटी बूंद द्वारा सूर्य के प्रकाश के फैलाव के कारण होता है| इंद्रधनुष हमेशा सूर्य के विपरीत दिशा में बनता है| पानी की बूंदे छोटे प्रिज्म की तरह काम करती है| वह आपतित सूर्य के प्रकाश को परिवर्तित और तीतर भीतर करते हैं फिर इसे आंतरिक रूप से परिवर्तित करते हैं और अंत में वर्षा की बूंद से बाहर आने पर इसे फिर से अपवर्तित करते हैं| प्रकाश के परिक्रमण और आंतरिक परावर्तन के कारण अलग-अलग रंगप्रेक्षक की आंखों तक पहुंचाते हैं|

Indradhanush Kaise Banta Haiइंद्रधनुष कैसे बनता है?

यदि हम इंद्रधनुष को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझे तो सूर्य का प्रकाश जब धरती पर पड़ता है तो यह देखने में श्वेत यानी सफेद दिखाई देता है| लेकिन अगर हम उसे किसी प्रिज्म में से निकलेंगे तो हमें उसकी रोशनी अलग-अलग रंगों में दिखाई देगी| इस प्रकाशीय विक्षेपण की घटना से ही इंद्रधनुष बनता है|

इसके अलावा आपको सरल शब्दों में बताते हैं कि जब बारिश होती है तो कभी-कभी बारिश की कुछ बंदे आकाश में बड़े आकार में रह जाती है और जब सूर्य की किरण इन बादलों में से होकर गुजरती है तो धरती पर आते समय साथ अलग-अलग रंग में परिवर्तित हो जाती है जो आपको नीचे से देखने पर सतरंगी इंद्रधनुष के रूप में दिखाई देती है इंद्रधनुष को सुबह के समय पश्चिम दिशा में और शाम के समय पूर्व दिशा में देखा जा सकता है इंद्रधनुष हमेशा बरसात के समय में दिखाई देता है वही इंद्रधनुष तभी दिखाई देता है जब सूरज आपके पीछे की तरफ हो ना कि सामने की तरफ|

इंद्रधनुष में सात रंग होते हैं जैसे- लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, जामुनी, बैंगनी अधिकतर लाल सबसे बाहर और बैंगनी सबसे अंदर होता है| कई बार दो-दो रेनबो दिखाई देते हैं ऐसा तब होता है जब एक ही जगह मौजूद बंदे धूप के संपर्क में आ जाती है पहले इंद्रधनुष से निकली रंगीन रोशनी जैसे ही सफेद में बदलता है वैसे ही उसका संपर्क दूसरी बूंद से हो जाता है और फिर प्रकाश अलग-अलग रंगों में बिखर जाता है लेकिन उसके रंग उल्टे क्रम में होते हैं|

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इंद्रधनुष में कितने रंग होते हैं?

जैसा कि हमने आपके ऊपर भी बताया कि इंद्रधनुष सात रंगों से मिलकर बना है इंद्रधनुष में लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, जामुनी, बैंगनी रंग होता है इंद्रधनुष में लाल रंग सबसे ऊपर और बैंगनी रंग सबसे नीचे होता है सबसे साफ इंद्रधनुष तब नजर आता है जब आसमान में काले बादल हो और सूरज बिल्कुल आपके पीछे हो|



इंद्रधनुष के प्रकार (Types of Rainbow)

इंद्रधनुष दो प्रकार के होते हैं|

  1. प्राथमिक इंद्रधनुष
  2. द्वितीयक इंद्रधनुष

प्राथमिक इंद्रधनुष- प्राथमिक इंद्रधनुष में लाल रंग बाहर की ओर बैंगनी रंग अंदर की ओर होता है| और शेष रंगीन दोनों रंगों के बीच में होते हैं प्राथमिक इंद्रधनुष में बैंगनी किरण आंख पर 40.8 डिग्री तथा बाहर वाली लाल किरण आंख पर 42.8 डिग्री का कोण बनाती है| यह एक साधारंटी है दिखाई देने वाला इंद्रधनुष होता है क्योंकि जब वर्ष की बूंदे पर आप अतीत होने वाली सूर्य की करने का दो बार अपवर्तन में एक बार परिवर्तन होता है तो प्राथमिक इंद्रधनुष बनता है|

द्वितीयक इंद्रधनुष- द्वितीयक इंद्रधनुष प्राथमिक इंद्रधनुष की तुलना में धुंधला दिखाई देता है वहीं द्वितीय इंद्रधनुष में बाहर वाली बैंगनी किरण आंख पर 54.52 डिग्री और अंदर वाली लाल किराना 50.8 डिग्री का कोण बनाती है यह जब बनता है जब वर्ष की बूंदे पर सूर्य की करने का दो बारअपवर्तन पर परिवर्तन होता है द्वितीय इंद्रधनुष में बाहर की ओर बैंगनी रंग तथा अंदर की ओर लाल रंग रहता है|

FAQ’s

इंद्रधनुष की खोज कब हुई थी?

सन 1965 में|

इंद्रधनुष कितने प्रकार के होते हैं?

दो प्रकार के|

इंद्रधनुष में कैसे-कैसे रंग होते हैं?

बैंगनी, इंडिगो, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल|

क्या रात में इंद्रधनुष दिखाई देते हैं?

इंद्रधनुष रात में इसलिए दिखाई नहीं देते क्योंकि रात में सूरज भी नहीं होता है|

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