Formal Letter in Hindi: दोस्तों पत्र हमेशा सभी के लिए संचार का एक प्रभावी माध्यम रहा है जैसे-जैसे प्रतिदिन विकसित होती जा रही है लोगों को पारंपरिक पोस्ट के बजे ईमेल के माध्यम से पत्र भेजने सुविधाजनक लगता है| औपचारिक पत्र हिंदी में (Formal Letter in Hindi) और अनौपचारिक पत्र हिंदी में अक्षर विभिन्न प्रयोजनों के लिए विचारों को संप्रेषित करने या साझा करने के लिए उपयोग किए जाते हैं| विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पत्र लेखन से संबंधित प्रश्न होते हैं यह प्रश्न उम्मीदवार की भाषा में लेखन कौशल और प्रवाह का परीक्षण करने के लिए पूछे जाते हैं|
हिंदी में औपचारिक पत्र प्रारूप व्यक्तिगत संपर्क को दोस्तों या परिवार के बजाय अधिकारियों गाना माननीय व्यक्तियों से कोमियो वृष्टो आदि को आधिकारिक और महत्वपूर्ण संदेश देने के लिए लिखे जाते हैं| यदि आप औपचारिक पत्र लिखने के बारे में नहीं जानते हैं तो आपको इस विषय में सभी जानकारी प्राप्त होनी चाहिए क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति को औपचारिक पत्र लिखना आना चाहिए| इसलिए आज हम आपको औपचारिक पत्र लिखने के बारे में सभी जरूरी जानकारियां प्रदान करेंगे इन सभी जानकारी को जानने के लिए हमारे साथ अंत तक बने रहें|
औपचारिक पत्र क्या होते हैं| Formal Letter in Hindi
वह पत्र जो किसी व्यवसाय से जुड़े व्यक्ति को भेजे जाते हैं या ऐसे व्यक्ति को जो व्यावसायिक जीवन से जुड़े हो ‘’औपचारिक पत्र’’ कहलाते हैं| औपचारिक पत्र लिखने के लिए औपचारिक शब्दों जैसे कि श्रीमान, श्रीमती, निवेदन आदि का प्रयोग किया जाता है| Formal Letter In Hindi लिखते समय अनौपचारिक (Informal) भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाता है|
पत्र की आवश्यकता क्यों होती है
दूर रहने वाले संबंधियों अथवा मित्रों की कुशलता जानने के लिए और अपनी कुशलता का समाचार देने के लिए पत्र लिखे जाते हैं| आजकल हमारे पास बातचीत करने के लिए हाल-चाल जाने साधन उपलब्ध है जैसे कि टेलीफोन मोबाइल फोन ईमेल आदि|
लेकिन अब सवाल यह है कि फिर भी पत्र लेखन सीखना क्यों जरूरी है पत्र लिखना महत्वपूर्ण ही नहीं अत्यंत आवश्यक भी है फोन आदि पर बातचीत अस्थाई होती है| इसके विपरीत लिखित दस्तावेज स्थाई रूप से ले लेता है उदाहरण जब आप विद्यालय नहीं जा पाते हैं तब अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र लिखना पड़ता है|
पत्रों के प्रकार (Types of Latter)
- औपचारिक पत्र
- अनौपचारिक पत्र
- औपचारिक पत्र– औपचारिक पत्र उन्हें कहा जाता है जिसे हमारा कोई निजी संबंध ना हो व्यवसाय से संबंधित प्रधानाचार्य को लिखे प्रार्थना पत्र आवेदन पत्र सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र संपादक के नाम पत्र आदि औपचारिक पत्र कहलाते हैं| औपचारिक पत्रों की भाषा सहज और सिस्टम पूर्ण होती है इन पत्रों में केवल काम या अपनी समस्या के बारे में ही बात कही जाती है|
- अनौपचारिक पत्र– अनौपचारिक पत्र उन लोगों को लिखे जाते हैं जिनसे हमारा व्यक्तिगत संबंध रहता है| अनौपचारिक पत्र अपने परिवार के लोगों को माता-पिता संबंधियों और मित्रों को उनका हाल जानने निमंत्रण देने और सूचना आदि देने के लिए लिखे जाते हैं| इन पत्रों में भाषा के प्रयोग में थोड़ी ढ़ील की जा सकती है इन पत्रों में शब्दों की संख्या असीमित हो सकती है क्योंकि इन पत्रों में इधर-उधर होता है|
औपचारिक पत्र से संबंधित ध्यान रखने योग्य बातें
- औपचारिक पत्र जो होते हैं वह नियमों में बंधे हुए होते हैं जिसके अंतर्गत बहुत ही सहज एवं शिष्यचर भाषाओं का इस्तेमाल किया जाता है|
- औपचारिक पत्र लिखते समय किसी भी अनावश्यक बातों का उल्लेख न करें इसे गलत प्रभाव पड़ता है जब भी आप कोई फॉर्मल लेटर लिख रहे हैं तो उसके शुरू और अंत में प्रभावशाली बातें लिखी होनी चाहिए जिससे सामने वाले तुरंत आपकी बातों को मान सके|
- जब भी आप कोई फॉर्मल लेटर लिख रहे हैं तो उसके शुरू और अंत में प्रभावशाली बातें लिखी होनी चाहिए जिससे सामने वाले तुरंत आपकी बातों को मान सके|
- कक्षा 5 से कक्षा 10 तक से संबंधित फॉर्मल लेटर लिखते समय विद्यार्थियों को स्पष्ट एवं सुंदर लेखन और सरल भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए जो बहुत जरूरी होता है|
- औपचारिक पत्र लिखते समय कम से कम शब्दों का प्रयोग करके अपनी भाषा में अपनी बात को समझने का प्रयास करना चाहिए जिससे सामने वाला आसानी से आपकी बात को समझ सके|
- यदि कोई विद्यार्थी फॉर्मल लेटर लिख रहा है तो अंत में अपना नाम, कक्षा, रोल नंबर और दिनांक अवश्य तौर पर लिखें|
Formal Latter लिखने का फॉर्मेट कैसा होता है
- पत्र की शुरुआत में सेवा में लिखकर पत्र प्राप्त का पद नाम तथा पता लिखना अनिवार्य है|
- इसके बाद आपको अपने विषय के बारे में उल्लेखित करना होगा जो कि केवल एक वाक्य में लिखा होना चाहिए|
- पत्र में सबसे जरूरी संबोधन होता है जो कि महोदय और महोदया के रूप में लिखा जाता है जो की एक प्रकार का शिष्टाचार पूर्ण शब्द होता है|
- इसके बाद पहले आपको ‘’सविनय निवेदन’’ से शुरू करके अपनी समस्या के बारे में सामने वाले को अवगत कराना है|
- फिर आपको एक लाइन छोड़कर दूसरे क्रम में ‘’आपसे विनम्र अनुरोध है’’ लिखकर उनसे अपने कार्यों की उम्मीद करनी है|
- फिर आपको नीचे धन्यवाद संबोधन करते हुए हस्ताक्षर और अपना नाम लिखना है|
- और अंत में आपको अपना पता पिन कोड आदि को लिखने के बाद दिनांक भी लिखती है|
कक्षा 5 से 10 के लिए औपचारिक पत्र का फॉर्मेट-1
सेवा में,
प्रधानाचार्य जी
दक्ष आदर्श वैदिक इंटर कॉलेज
नंदगंज
गाजीपुर
विषय: बीमारी के कारण घर पर ऑनलाइन पढ़ाई करने हेतु
महोदय
से विनय निवेदन है कि मैं राकेश कुमार आपके स्कूल का कक्षा नवी का छात्र हूं और मैं लगातार 3 वर्षों से अपनी कक्षा में प्रथम स्थान हासिल कर रहा हूं परंतु एक सप्ताह से मैं चिकनगुनिया बीमारी से ग्रस्त हो जिस कारण से मैं विद्यालय भी नहीं आ पा रहा हूं| जिससे मेरी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है और डॉक्टर को दिखाने पर पता चला है कि मुझे 15 दिन और बेड रेस्ट करना होगा ऐसी स्थिति में मेरी पढ़ाई पीछे छूट जाएगी|
अतः आप श्रीमान जी से मेरा विनम्र अनुरोध है कि कॉलेज में गत वर्षो से ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा शुरू की जा रही है और मुझे भी घर पर ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई को पूरी करने की कृपा करें जिससे मेरी पढ़ाई पीछे ना छुटे| ऐसे में प्रार्थी सदैव आपका आभारी रहेगा|
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी छात्र
राकेश कुमार
कक्षा 9B
रोल नंबर 87
दिनांक 08/10/2023
कक्षा 5 से 10 के लिए औपचारिक पत्र फॉर्मेट -2
सेवा में,
प्रधानाचार्य जी
कैंब्रिज इंटरनेशनल
स्कूल, मुरादाबाद
पीली कोठी
विषय: बहन की शादी के लिए अवकाश
महोदय
सविनय निवेदन इस प्रकार है कि मैं अभिषेक मिश्रा कक्षा आठवीं का छात्र हूं और आपको अपनी स्थिति से अवगत कराना चाहता हूं कि मेरी मौसी की बेटी की शादी 04/11/23 को है| जिसके लिए मुझे से सह परिवार बनारस जाना होगा और ऐसे में मैं विद्यालय आने में असमर्थ रहूंगा| हालांकि मैं अपने सभी होमवर्क को पूरा करूंगा और समय पर अपनी कॉपी भी वापस आकर चेक कर लूंगा|
आते आप श्रीमान जी से विनम अनुरोध है कि मुझे 04/11/23 से 07/11/23 तक का अवकाश देने की कृपा करें| जिससे मैं अपनी बहन की शादी में परिवार सहित शामिल हो सकू और ऐसे में प्राची सदैव आपका आभारी रहेगा|
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी छात्र
अभिषेक मिश्रा
कक्षा 8B
रोल नंबर:24
दिनांक: 04/11/23
Formal Letter in Hindi FAQ’s
यदि आप किसी स्कूल कॉलेज या यूनिवर्सिटी में अध्ययन कर रहे हैं तो ऐसे में आपको अपने प्रधानाचार्य कुलपति के नाम और यदि सरकारी एवं केंद्र सरकारी संस्था के अंतर्गत नौकरी कर रहे हैं| तो अपने प्रबंधक एवं मैनेजर के नाम पर आपको औपचारिक पत्र लिखना होता है|
सबसे पहले सादे कागज पर बाई और जिसके द्वारा पत्र लिखा जा रहा है उसका पता वह दिनांक लिखी जाती है इसके बाद बाई और सेवा में लिखने के बाद पत्र भेजने के लिए संपादक समाचार पत्र का नाम शहर का नाम लिखा जाता है|
औपचारिक पत्र वह होते हैं जिनसे हमारा कोई संबंध नहीं होता है|
पत्र दो प्रकार के होते हैं|1.औपचारिक पत्र 2.अनौपचारिक पत्र