Guru Gobind Singh Jayanti 2024: आज के लेख में हम आपको गुरु गोविंद सिंह की जयंती के बारे में जानकारियां प्रदान करने वाले हैं| गुरु गोविंद सिंह को तो आप सभी जानते ही होंगे क्योंकि यह है केवल एक आध्यात्मिक गुरु ही नहीं बल्कि योद्धा और कई भी थे| उन्होंने अपने जीवन काल में ऐसे उपदेश दिए जो आपकी जिंदगी बदल सकते हैं| आज Guru Gobind Singh Jayanti 2024 के शुभ मौके पर हम आपको इनके बारे में बहुत सी जानकारियां प्रदान करने वाले हैं और उनके उपदेश के बारे में भी बताने वाले हैं| इसलिए आप हमारे लेख को अंत तक जरूर पढ़ें|
Guru Gobind Singh Jayanti 2024
आज यानी 17 जनवरी 2024 को सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह की जयंती मनाई जा रही है गुरु गोविंद सिंह सिक्खों के दसवें और अंतिम गुरु थे| प्रतिवर्ष पोस्ट मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को उनके जन्म दिवस के तौर पर मनाया जाता है हालांकि गुरु गोविंद सिंह का प्रकाश पर्व सिखों के नानकशाही कैलेंडर के आधार पर हुआ था| प्रतिवर्ष गुरु गोविंद सिंह की जयंती को प्रकाश पर्व के तौर पर मानते हैं गुरु गोविंद सिंह ने अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा और सच्चाई के मार्ग पर चलते हुए बिताया साथ ही अपने जीवन से दूसरों के जीवन को भी प्रकाशित किया आज उनके जन्मदिन के मौके पर आपको बताते हैं गुरु गोविंद सिंह के जीवन से जुड़ी कुछ हम और खास बातें|
बचपन का नाम गोविंद राय
गुरु गोविंद सिंह का बचपन में नाम गोविंद राय रखा गया था उसे समय मुगलों का शासन था और दिल्ली के तहत पर औरंगजेब का शासन था वह ऐसा समय था जब तमाम लोगों को धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था| बचपन से ही गोविंद राय काफी शरारती थे लेकिन वह कोई एक भी ऐसी शर्त नहीं करते थे| जिस किसी का दिल दुखे जब वह थोड़े बड़े हुए तो खिलौने छोड़कर तलवार बार्शी कतर वगैरा से खेलने लगे का अभ्यास करने लगे यह देखकर उनके माता-पिता को भी आश्चर्य हुआ|
पिता की शहादत के बाद बने गुरु गोविंद सिंह
एक दिन गोविंद राय के पिता और सिखों के नवे गुरु तेग बहादुर को औरंगजेब का बुलावा आया गुरु तेग बहादुर जब अपने तीन अनुयायियों के साथ औरंगजेब के दरबार में पहुंचे तो धर्म परिवर्तन करने के लिए कहा गया| जब वह लोग नहीं माने तो गुरु तेग बहादुर समेत उनके अनुयायियों को कठोर दंड सुनकर उनकी जान ले ली गई| जब गोविंद राय को पिता की शहादत की खबर मिली तो उनका सिर गर्व से उठ गया| इसके बाद 12 वर्ष की आयु में गुरु गोविंद सिंह को सिखों का दसवां गुरु नामित किया गया उसके बाद वह गोविंद राय से सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह बन गए|
गुरु गोविंद सिंह सिक्खों के दसवें और आखिरी गुरु थे गुरु गोबिंद सिंह ने गुरु प्रथा को समाप्त किया और गुरु ग्रंथ साहिब को सर्वोच्च बताया| इसके बाद से गुरु ग्रंथ साहिब की पूजा की जाने लगी और गुरु प्रथा खत्म हो गई|
गुरु गोविंद सिंह जी के उपदेश
- गुरु गोविंद सिंह जी का कहना था कि व्यक्ति को अपने जीवन में वचन का पालन जरूर करना चाहिए यदि आप किसी को वचन दे रहे हैं तो उसे पर खरे उतरे|
- गुरु गोविंद सिंह जी ने कहा है कि मनुष्य को हमेशा लोगों की सेवा में तत्पर रहना चाहिए विशेष तौर पर परदेसी, परेशान, विकलांग और जरूरतमंदों लोगों का सेवन करने से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए|
- गुरबाणी को कांथूस्थ करना सबसे जरूरी है सिख समुदाय में गुरु वाणी को याद करना और उसके नियमों का पालन जरूर करना चाहिए|
- व्यक्ति को जीवन में कभी जवानी, जाति, धर्म, कुल और धन का नहीं करना चाहिए क्योंकि अहंकार आपको हमेशा नीचे गिरता है|
- गुरु गोविंद सिंह जी ने कहा है कि व्यक्ति को अपनी कमाई का दसवां हिस्सा हमेशा दान करना चाहिए दान करना सबसे बड़ा पुण्य होता है|
- गुरु गोविंद सिंह जी ने यह भी कहा है कि व्यक्ति को किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए नशे से हमेशा दूर रहना चाहिए|
- कभी भी किसी की चुगली या निंदा ना करें इससे बेहतर है कि अपने काम पर ध्यान दें और खूब मेहनत करें|
- व्यक्ति को जीवन में हमेशा इमानदारी से ही कमाई करनी चाहिए इमानदारी से कमाई गई जीविका से जीवन यापन करने में परम सुख है|
- अपने काम के प्रति मेहनत और लगन रखें काम करते समय किसी भी तरह की कोताहि नहीं बरतनी चाहिए|
- काम के साथ ही स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है|
गुरु गोविंद सिंह जयंती को कैसे मनाया जाता है?
श्री गुरु गोविंद सिंह जयंती के दिन खालसा पंथ के लोग सुबह जल्दी उठकर प्रभात फेरी निकालते हैं घरों और गुरुद्वारों में गुरु गोविंद जी की झांकियां सजाई जाती हैं लोग इस दिन गुरुद्वारे जाकर गुरु ग्रंथ के सामने माथा टेकते हैं इस दिन गुरुद्वारे में बना भोज जिसे लंगर कहा जाता है को प्रसाद के रूप में प्रत्येक व्यक्ति ग्रहण करता है|
Guru Gobind Singh Jayanti 2024 Hindi Wishes
- वाहेगुरु का खालसा
वाहेगुरु की फतेह
गुरु गोविंद जी की कृपा आप पर हमेशा बनी रहे|
प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं|
- सर पर मेरे हैं गुरु का हाथ
हर पल हरदम वह मेरे साथ
विश्वास वहीं राह दिखाएंगे
मेरे सारे बिगड़े काम बन जाएंगे
हैप्पी गुरु गोविंद सिंह जयंती 2024
- गुरु गोविंद तुम हो प्राण प्यारे
तुम बिन मुझे जग से कौन तार
आप ही है वह जो लोगों को
कर दे खुशियों के वारे न्यारे
- इस जग की माया ने मुझको है घेरा,
ऐसी कृपा करो गुरु नाम न भूलूं तेरा
चारों ओर मेरे दुखों का है अंधेरा छाए,
बिना नाम तेरे मेरा एक पल भी ना जाए|
FAQ’s
गुरु गोविंद सिंह जी की पत्नियां माता जीतो जी, माता सुंदरी जी और माता साहिब कौर की थी|
सरहिंद के गवर्नर वजीर खान द्वारा वर्ष 1708 में भेजे गए हथियारों द्वारा उनकी हत्या कर दी गई थी|
गुरु गोविंद सिंह जी के चार पुत्र थे|