Airplane Mode Kya Hota Hai: आज के लेख द्वारा हम आपको बताएंगे एरोप्लेन मोड क्या होता है? एरोप्लेन मोड को फ्लाइट मोड भी कहा जाता है। आप सभी ने मोबाइल में एरोप्लेन मोड या फ्लाइट मोड को देखा ही होगा।जब भी आप विमान से सफर करते हैं प्लेन में उड़ान भरने से पहले फ्लाइट में भी यात्रियों को मोबाइल फ़ोन को फ्लाइट मोड पर रखने के लिए बोल दिया जाता है। इसे लेकर विमान में कई बार घोषणा भी की जाती है। तो उड़ान के पहले विमान के चालक दल के सदस्ये आपको कुछ बातों को बताते हैं। जिसमें से एक जरूरी जानकारी यह भी होती है कि फ्लाइट उड़ाने के दौरान आपको अपने मोबाइल फ़ोन को फ्लाइट मोड में रखना होगा है।जो लोग लगातार प्लेन से जाते रहते है।वो तो प्लेन में चढ़ने के साथ ही अपना फॉर्म फ्लाइट मोड में डाल देते हैं। और जो लोग पहली बार प्लेन में बेटते हैं।वे निर्देशन सुनकर ऐसा कर लेते हैं। यह फीचर्स आपको सस्ते से लेकर महंगे सभी मोबाइल फ़ोन में दिया जाता है।
तो आप भी जानना चाहते होंगे कि आखिर इस फीचर की जरूरत क्या है? ये हम आपको आगे बताने वाले हैं,आज के वर्तमान समय में ऐसे बहुत से लोग जो के एरोप्लेन मोड का इस्तेमाल नहीं करते लेकिन यह जानने के लिए इच्छुक रहते है की आखिर एरोप्लेन मोड क्या होता है अगर आप भी Airplane Mode Kya Hota Hai के बारे में कुछ नहीं जानते तो चिंता करने की कोई बात नहीं है, क्योंकि आज हम अपने इस लेख के माध्यम से आपको एरोप्लेन मोड की पूरी जानकारी प्रदान करने जा रहे है, तो हमारे द्वारा लिखे गए इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़े और एरोप्लेन मोड की पूरी जानकारी प्राप्त कर।
Airplane Mode Kya Hota Hai
एयरोप्लेन मोड फ्यूचर हवाई जहाज़ में नेटवर्क रोकने के लिए प्रयोग किये जाते हैं। यह किस तरह कार्य करता है। एयरोप्लेन मोड एक ऐसा मोड़ होता है जो कि मोबाइल फ़ोन में सभी सिलवाते, वाइब्रेट ट्रांसलेशन जैसेकि ब्लूटूथ, वाईफाई, रेडियो ,कोल आदि को बंद कर देता है। अगर आसान भाषा में कहा जाए तो एयरोप्लेन मोड को ऑन करने के बाद कॉल नेटवर्क बंद हो जाएगा उसके बाद आप नाही तो किसी को कॉल कर पाएंगे और न ही आपके पास किसी की कॉल आएगी।
एयरोप्लेन मोड का काम क्या होता है
जैसा कि आप लोग जानना चाहते है की एरोप्लेन या फ्लाइट मोड का क्या काम होता है। यह सवाल बहुत से लोगों के मन में रहता है। तो आज हम आपको इस सवाल का जवाब देने वाले हैं।तो हम आपको बता दें कि आप चाहे किसी भी डिवाइस का फोन यूज़ कर रहे हो जैसे कि जॉय I phone, एंडरोइड ,आईपेड, विन्डोज़ केबल्स यह कोई भी अन्य डिवाइस हो लेकिन जब आप कभी भी एयरोप्लेन मोड फ्लाइट मोड ऐक्टिवेट करते हैं तो तब यह फोन में कुछ फ़्यूचर को बंद कर देता है और इन फ्यूचर्स में शामिल होते हैं। Cellular Networks ,Bluetooth ,Wi Fi ,GPS
Cellular Networks – आपका फ़ोन हमेशा कनेक्शन खोजता रहता है। फ्लाइट मोड इस को रोक देता है जिससे आप न तो किसी को कॉल कर पाएंगे और न ही टैक्स भेज पाएंगे। और ना ही आपके पास किसी की कॉल आ पाएगी और न ही आपके पास किसी का टैक्स आएंगे।
WiFi – वो आपके फ़ोन को वाइफाई नेटवर्क स्कैन करने से रोक देता है। और आप किसी वाईफाई नेटवर्क से कनेक्ट है तो वह डिसएबल हो जाएगा और आपका वाईफाई कनेक्शन पूरी तरीके से बंद हो जाएगा।
Bluetooth – अगर आपका ब्लूटूथ ऑन है तो यह डिसेबल हो जाएगा लेकिन डिवाइस में अगर आप ब्लूटूथ डिवाइस से कनेक्ट से लेकर एरोप्लेन मोड ऑन करते हैं तो भी आपका कनेक्शन नहीं टूटता है। कई डिवाइस में आपका मैनुअली ब्लूटूथ को दोबारा से एनेबल ब्लूटूथ कर सकते हैं।
GPS – अगर GPS की बात करें, तो वो किसी रेडियो वेव को ट्रांसमिट नहीं करता है आपका डिवाइस के हिसाब से एयरप्लेन मोड में जीपीएस डिवाइस हो भी सकता है और नहीं भी ऐसा कुछ ही डिवाइस में होता है। यह आपके डिवाइस पर कनेक्ट करता है।
एयरोप्लेन मोड का इस्तेमाल करना जरूरी क्यों होता है
आप लोग जानते है की एरोप्लेन मोड का प्रमुख उपयोग हवाई यात्रा के दौरान करा जाता है ताकि एरोप्लेन के सिस्टम से कोई परेशानी ना हो। लेकिन आपको बता दें कि एयरोप्लेन मोड के इसके अलावा भी बहुत से फायदे होते हैं। जिनका लाभ हम उठा सकते हैं।
आपको बता दें कि एयरप्लेन मोड ऑन करने के बाद भी वाईफाई को ऑन किया जा सकता है और इसका इस्तमाल यह होता है कि हमारे पास कोई कॉल नहीं आता जिससे हम बार बार परेशान नहीं होते। और हम अपने वाईफाई के जरिये इंटरनेट भी यूज़ कर सकते हैं।
मोबाइल फ़ोन में एरोप्लेन मोड ऑन करने पर मोबाइल फ़ोन जल्दी चार्ज होता है। इसका मतलब है कि हम अपने मोबाइल में एरोप्लेन मोड ऑन करके मोबाइल फ़ोन को जल्द जांच कर सकते हैं।
अगर आपके फ़ोन का नेट बंद हो जाता है तो भी आप एरोप्लेन मोड ऑन करके कुछ ही सेकंड में अपना नेट ठीक कर सकते हैं।
एयरोप्लेन मोड ऑन रखने के बाद भी हम अपने मोबाइल फ़ोन में इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं और ऐसा हम वाईफ़ाई के द्वारा कर सकते हैं। हालांकि अब एरोप्लेन मोड ऑन करने के बाद हमारे मोबाइल के सभी फ्यूचर बंद हो जाते हैं। जिससे हमारे पास किसीकी भी कॉल नहीं आ पाती और न ही किसी का एसएमएस।
फ्लाइट मोड को एरोप्लेन मोड क्यों कहा जाता है
फ्लाइट मोड को एरोप्लेन मोड इसलिए कहा जाता है क्योंकि इन्हें डिजाइन किया गया है आपके डिवाइस को सेफ रखने के लिए जवाब फ्लाइट में सफर कर रहे होते हैं हमारी फोन के भीतर स्थित radios emit करती हैं| electromagnetic interference. यह interference से Plane की equipments और उसके ऑपरेशन पर इससे असर पड़ता है| वही Federal Aviation Administration (FAA) के हिसाब से जमीन पर स्थित cellular towers की service पर भी बाधा पहुंच सकती है|
यात्रा करते समय अपने फ़ोन को फ्लाइट मोड में ना रखने से क्या होगा
अगर हम अपने मोबाइल में एरोप्लेन मोड ऑन नहीं करते है तो कंट्रोल रूम से भेजी गई सभी जानकारी पायलेट को साफ सुनाई नहीं दे पाती, इस वजह से प्लेन को उड़ाने में भी दिक्कत होती है। यह विमान के क्रैश होने की संभावना बढ़ा देती है। फिलाइट उड़ाते वक्त मोबाइल कनेक्शन ऑन रखने से मोबाइल के सिग्नल विमान के संचार तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं। इससे पायलट को मुश्किल हो सकती है फ्लाइट उड़ाने के दौरान पायलट हमेशा रद्दर और कंट्रोल रूम में संपर्क में रहते हैं। लेकिन अगर फ़ोन ऑन रहता है तो उन्हें दिक्कत होती है। और इससे परेशानी भी खड़ी हो सकती है।
FAQ‘s
फ्लाइट मोड ऑन करने से आपका डिवाइस सेल्यूलर सिगनल ट्रांसमिट करना बंद कर देता है|
डिवाइस का उपयोग हवाई जहाज़ मोड में या सेल्युलर कनेक्शन अक्षम होने पर किया जाना चाहिए।
प्लेन में फोन उपयोग करने की अनुमति है लेकिन सीमित तौर पर यानी इसका मतलब यह है कि यात्री आसमान में उड़ान भरते समय गेम खेल सकते हैं, ई-किताबें पढ़ सकते हैं| पॉडकास्ट सुन सकते हैं, तस्वीरें ले सकते हैं और बहुत कुछ कर सकते हैं, बशर्ते कि डिवाइस के सेलुलर कनेक्शन का उपयोग नहीं किया जा रहा हो।