Solar Panel Kya Hai और कैसे काम करता है, सोलर पैनल कितने प्रकार के होते हैं

दोस्तों आज हम सोलर पैनल के विषय में बताएंगे आप सभी ने सोलर पैनल का नाम तो सुना ही होगा लेकिन ऐसे बहुत कम लोग हैं जिनको इस बारे में जानकारी है कि Solar Panel Kya Hai और यह कैसे काम करता है| यदि आप इस बारे में या यह कहे कि आप सोलर पैनल के बारे में सभी जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं तो आज के हमारे लेख को अंत तक ध्यान पूर्वक जरूर पढ़ें| क्योंकि आज के हमारे लेख में आपको सोलर पैनल के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारियां जानने को मिलेगी आज के लेख में आप Solar Panel के उपयोग, फायदे तथा इसके प्रकार के बारे में भी जानेंगे| तो चलिए आगे बढ़ते हुए जानते हैं सोलर पैनल से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां|

Solar Panel Kya Hai

सोलर पैनल (सौर पैनल) इसको सोलर सिस्टम भी कहा जाता है सौर सेलो का एक संतुलित परस्पर संबंध संयोजन है जिनको फोटोवॉल्टिक से लोग के रूप में जाना जाता है| यह एक प्रकार का ऐसा उपकरण है जो सूर्य से मिलने वाली ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है यानी कि सूर्य से निकलने वाली किरणों को अवशोषित करके उनको ऊष्मा बिजली में बदलने का कार्य करता है इसके लिए किसी भी प्रकार के इंधन जैसे- पेट्रोल, डीजल आदि की आवश्यकता नहीं होती है बल्कि यह केवल सूर्य की रोशनी का प्रयोग करता है| सौर पैनल का प्रयोग एक बड़े फोटोवॉल्टिक प्रणाली में एक घटक के रूप में वाणिज्य और अनुप्रयोगों के लिए बिजली प्रदान करने के लिए किया जाता है|

सोलर पैनल कैसे काम करता है

सौर पैनल के काम करने की प्रक्रिया बहुत सरल है आपको बस इतना करना होता है कि इस सौर पैनल को सूर्य की रोशनी वाली दिशा में लगाना होता है और इसको एक Converter की सहायता से इसे घर में प्रयोग करने के लायक बना लिया जाता है सोलर पैनल का इस्तेमाल करने के लिए आप इसको छत पर या किसी ऐसी जगह पर सेट करना चाहिए जो बिल्कुल सटीक कोण पर लगाया जाए जिससे इसकी गुणवत्ता अच्छी हो और यह अधिक से अधिक प्रकाश अवशोषित कर सकें|

सोलर पैनल में कई सोलर सेल लगे होते हैं इन सोलर सेल को सोलर बैटरी भी कहा जाता है यह Solar Sell Silicon (सिलिकॉन) की परत से बने होते हैं जो एक अर्धचालक प्रकृति की धातु है| जिसके साथ फास्फोरस और बोरोल का इस्तेमाल भी किया जाता है जब फोटॉन सोलर पैनल की सतह से टकराते हैं तब Electron अपने Atomic Orbit से निकलकर सोलर सेल द्वारा उत्पन्न किए गए इलेक्ट्रिक फील्ड में चले जाते हैं जो इनको एक दिष्ट धारा में खींचता है इस पूरी प्रक्रिया को Photovoltaic फोटोवॉल्टिक प्रभाव कहा जाता है और कुछ इस तरह से हमें सोलर पैनल की सहायता से बिजली की प्राप्ति होती है|



Solar Panel Kya Hai
Inverter Kya Hai
इन्वर्टर एसी और नॉन इन्वर्टर एसी

सोलर पैनल के प्रकार

(Solar Panel) सोलर पैनल मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं|

  1. Monocrystalline Solar Panel (मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल)
  2. Polycrystalline Solar Panel (पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल)
  3. Thin Film Solar Panel (थिन फिल्म सोलर पैनल)

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल

इस प्रकार के सोलर पैनल सबसे पुराने और सबसे अधिक विकसित सोलर पैनल है इसको बनाने के लिए लगभग 40 मोनोक्रिस्टलाइन सोलर सेल्स का प्रयोग किया जाता है यह शुद्ध सिलिकॉन के क्रिस्टल से बनी पतली परत होती है इन्हें बनाने की प्रक्रिया को Czochralski method कहा जाता है| यह परत कीमत में काफी महंगी होती है लेकिन इनमें किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं होती है माइक्रोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल सौर ऊर्जा को विद्युत धारा में परिवर्तित करने में बहुत सक्षम होते हैं इसके लिए इसका कम साइज भी बहुत फायदा देता है| इसके अलावा यह पैनल मौसम खराब होने और बारिश के मौसम में भी अपना कार्य करते हैं|

पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल

पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल कई क्रिस्टलो से मिलकर बने होते हैं इस प्रकार के सोलर पैनल एक नया Development है लेकिन यह बहुत अधिक तेजी के साथ Popular हो रहे हैं| यह पैनल अन्य सोलर पैनल के मुकाबले बेहतर तरीके से कार्य करते हैं और यह माइक्रोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल के मुकाबले सस्ते भी होते हैं तथा पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल भी माइक्रोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल की तरह ही सिलिकॉन से बने होते हैं लेकिन पॉलीक्रिस्टलाइन सेल्स 17 पिघले हुए सिलिकॉन क्रिस्टल के टुकड़ों से बनाते हैं इनको बनाने के लिए सीड क्रिस्टल को पिघली हुई सिलिकॉन के टब में रखा जाता है धीरे-धीरे बाहर करने की बजाय इस दिल के टुकड़े ठंडे होने दिया जाता है जब क्रिस्टल अपने सांचे में ठंडा हो जाता है उसके बाद सिलिकॉन के टुकड़े को पतले पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर वेफर में काटा जाता है अब इन सभी वेफर को जोड़कर पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल तैयार किए जाते हैं|

इन सोलर पैनल से माइक्रोक्रिस्टलाइन के मुकाबले कम ऊर्जा उत्पन्न होती है और यह बारिश होने या बादल होने पर ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर पाते हैं|

थिन फिल्म सोलर पैनल

इस प्रकार के सोलर पैनल Industry में एक बिल्कुल नया Development है| इस सोलर पैनल की अन्य सोलर पैनलों से अलग विशेषता यह है कि इसको हमेशा सिलिकॉन से नहीं बनाया जाता है| थिन फिल्म सौर पैनलों पर एक से अधिक सामग्री की पतली परत होती है जिसे कांच और अन्य धातु की एक पतली फिल्म चढ़ाकर बनाया जाता है सोलर सेल्स को बनाने के लिए मुख्य मटेरियल को कंडक्टिव मटेरियल की पतली Sheets के बीच रखा जाता है इस Sheet की Protection के लिए शीशे की पतली परत लगी होती है| इन सोलर पैनल को Third Generation Solar Sell और Low Cost Photovoltaic के नाम से भी जाना जाता है|

Solar Panel के उपयोग

सोलर पैनल का उपयोग बहुत से कार्यों के लिए किया जाता है|

  • सोलर पैनल का उपयोग अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले स्पेसक्राफ्ट में लगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को सोलर पैनल के इस्तेमाल से बिजली प्रदान की जाती है|
  • इसका उपयोग हम अपने घर की छत पर लगाकर आसानी से बिजली प्राप्त कर सकते हैं|
  • बहुत से ऐसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और घड़ियां होती है जिनमें बैटरी चार्ज के लिए सोलर पैनल का उपयोग किया जाता है|
  • सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइट को दिन के समय सूर्य की किरणों द्वारा ही चार्ज किया जाता है और रात के समय में यह रोशनी प्रदान करती हैं|
  • सौर पैनल का उपयोग एक बड़े फोटोवॉल्टिक प्रणाली में एक घटक के रूप में वाणिज्यिक और आवासीय अनुप्रयोगों के लिए बिजली प्रदान करने के लिए किया जाता है|

सोलर पैनल के फायदे

Solar Panel इस्तेमाल करने के बहुत से फायदे हैं जिनके बारे में हम आपको आगे बताने वाले हैं|

  • सोलर पैनल लगाने के लिए केवल एक बार ही पैसा खर्च होता है लेकिन बाद में आपको बिल्कुल मुफ्त में बिजली मिलती है|
  • इसका इस्तेमाल करने पर आपके प्रति माह आने वाले भारी बिजली बिल से छुटकारा मिलता है|
  • इसका इस्तेमाल करना बहुत आसान और सुरक्षित होता है|
  • सोलर पैनल का उपयोग आप कहीं पर भी कर सकते हैं यदि आप चाहे तो इसको अपने घर के लिए तथा रोड पर लगी लाइटों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं|
  • ग्रामीण इलाके या फिर ऐसी जगह जहां बिजली नहीं पहुंच सकती या बिजली सप्लाई बहुत कम है वहां पर सोलर पैनल का इस्तेमाल करके बिजली प्राप्त की जा सकती है|
  • सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से बिजली प्राप्त करना अन्य सभी संसाधनों की तुलना में बहुत सस्ता है|
  • यह कम धूप या बादल होने पर भी कार्य करता है|
  • सोलर पैनल की देखभाल और रखरखाव करना बहुत आसान होता है|
  • यह है अपनी खपत और जरूरत के हिसाब से बाजार में उपलब्ध है जिसको आप आसानी से खरीद सकते हैं|
  • यह वातावरण को ना ही प्रदूषित करता है और ना ही इसको किसी प्रकार की हानि पहुंचाता है|

Conclusion – Solar Panel Kya Hai

आशा है कि आप सभी को आज का हमारा लेख Solar Panel Kya Hai और कैसे काम करें जरूर पसंद आया होगा क्योंकि इस लेख के अंतर्गत हमने आपको सोलर पैनल के विषय में बहुत सी जानकारियां प्रदान की| आज की हमारी सभी जानकारियों को जानने के बाद आपके मन में सोलर पैनल को लेकर कोई भी सवाल नहीं होगा लेकिन अगर अभी भी आपके मन में सोलर पैनल के विषय में कोई भी सवाल यह सुझाव है तो आप हमें कमेंट करके कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं| और अगर आपको हमारे द्वारा दी गई सभी जानकारियां पसंद आई हो तो लेट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें|

FAQ’s

सोलर पैनल से क्या होता है?

सूर्य की रोशनी को बिजली में कन्वर्ट कर देता है|

तीन प्रकार के सोलर पैनल कौन से हैं?

मनो क्रिस्टल लाइन
पाली क्रिस्टलाइन
थिन फिल्म पैनल

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