Raksha Bandhan Kyu Manaya Jata Hai: यह तो आप सभी जानते हैं कि रक्षाबंधन आने वाला है रक्षाबंधन आने की बात सुनकर बहुत ही बहनों के चेहरों पर खुशी आ जाती है और आए भी क्यों नहीं क्योंकि यह भाई बहन का रिश्ता ही बहुत खास होता है इस रिश्ते को किसी शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है| यह रिश्ता इतना अधिक पवित्र होता है कि इसका सम्मान पूरी दुनिया में किया जाता है ऐसे मैं शायद कई लोग ऐसे हैं जिनको यह जानकारी नहीं होती है कि रक्षाबंधन का क्या अर्थ है| यदि आपको भी रक्षाबंधन के बारे में सभी जानकारियां प्राप्त नहीं है तो आपको चिंता की जरूरत नहीं है क्योंकि आज केले में हम आपको Raksha Bandhan Kyu Manaya Jata Hai के बारे में बताने वाले हैं|
रक्षाबंधन क्या है
रक्षाबंधन एक पारंपरिक भारतीय त्योहार है जो भाई-बहन के प्रेम और बंधन का प्रतीक होता है। यह त्योहार हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जिसका मतलब होता है कि यह अक्षय तृतीया के दिन मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, जिसका अर्थ होता है कि वह अपने भाई की सुरक्षा की कामना करती है और भाई बहन रिश्ते की महत्वपूर्णता को समझते हैं।
राखी एक परिधान होती है जिसमें धागा और सजावट समेटी जाती है, और बहन इसे अपने भाई की कलाई पर बांधती है। इसके साथ ही वे भाई को राखी की पूजा के लिए तिलक लगाती हैं और उसे मिठाई देती हैं। भाई भी अपनी बहन को उपहार देते हैं और उनकी कामना करते हैं कि उनका आशीर्वाद हमेशा उनके साथ रहे। इस त्योहार के माध्यम से भाई-बहन के प्यार और संबंध का महत्व दर्शाया जाता है, और यह एक खुशी का और परिवार के बंधन को मजबूत करने का मौका प्रदान करता है।
Raksha Bandhan Kyu Manaya Jata Hai
रक्षाबंधन मनाए जाने के संबंध में अनेक पौराणिक एवं ऐतिहासिक प्रसंगों का उल्लेख मिलता है कहा जाता है कि देवराज इंद्र बार-बार राक्षसों के हाथों देवताओं की हार से निराश हो गए इसके बाद इंदिरानी ने कठिन तपस्या की और अपने तपोबल से एक रक्षा सूत्र तैयार किया| यह रक्षा सूत्र इंद्राणी ने देवराज इंद्र की कलाई पर बांधा तपोबल से युक्त इस रक्षा सूत्र के प्रभाव से देवराज इंद्र राक्षसों को परास्त करने में सफल हुए तब से रक्षाबंधन पर्व की शुरुआत हुई|
उन्हें यह भी है कि भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेने के बाद ब्राह्मण का वेश धारण कर अपनी दान शील प्रवृत्ति के लिए तीनों लोको मै प्रसिद्ध राजा बलि से तीन पग भूमि दान में मांगी बलि के मांग स्वीकार कर लिए जाने पर भगवान वामन ने अपने पद से संपूर्ण पृथ्वी को नापते हुए बलि को पाताल लोक भेज दिया कहा जाता है कि उसी की याद में रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है|
रक्षाबंधन किस दिन मनाया जाता है
यह पर्व हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है भाई की कलाई पर बांधे जाने वाले इन्हीं कच्चे धागों से रिश्ते पक्के बनते हैं| पवित्रता और स्नेह को सूचक यह पर्व भाई-बहन को के बंधन में बांधने का पवित्र एवं यादगार दिवस है इस फर्म को भारत के कई हिस्सों में श्रावणी के नाम से भी जाना जाता है|
Raksha Bandhan को और किन नामों से जाना जाता है
रक्षाबंधन का यह त्योहार और भी कई नामों से जाना जाता है इन नामों के बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है हम आपको बता दें कि रक्षाबंधन को पश्चिम बंगाल में ‘’गुरु महा पूर्णिमा’’ दक्षिण भारत में ‘’नारियल पूर्णिमा’’ और नेपाल में इसे ‘’जनेऊ पूर्णिमा’’ के नाम से भी जाना जाता है|
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राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और पंचांग कब है
जानिए राखी का त्यौहार इस बार 30 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन होने वाला है इस दिन बुधवार पड़ रहा है यदि हम शुभ मुहूर्त की बात करें तो इस वर्ष रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त काफी लंबा है| रक्षाबंधन 2023 का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त 2023 रात्रि 09:01 से 31 अगस्त सुबह 07:05 तक रहेगा इस समय बहने अपने भाई को सुबह से शाम तक कभी भी राखी बांध सकते हैं|
FAQ‘s Raksha Bandhan Kyu Manaya Jata Hai
शिवजी की पूजा रक्षाबंधन पर धूमधाम से की जाती है|
राखी पूर्णिमा रक्षाबंधन का दूसरा नाम है|
भगवान गणेश को उनकी बहन मनसा ने राखी बांधी थी|
भारत में रक्षाबंधन 1905 में शुरू हुआ|