Indian Scientist Name in Hindi : आज के लेख के माध्यम से हम आपको भारतीय वैज्ञानिक के नाम और उनके आविष्कार के बारे में बताने वाले हैं क्योंकि भारत के बहुत से वैज्ञानिकों ने अपने जीवन का अधिकांश भाग खोज करने में लगा दिया| भारत में बहुत से ऐसे वैज्ञानिक हुए हैं जिन्होंने अलग-अलग विश्व में अविष्कार किए हैं इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को भारतीय वैज्ञानिक और उनके आविष्कार के बारे में जानकारी होना चाहिए क्योंकि बहुत से ऐसे लोग हैं जिनको इस विषय में जानकारी नहीं है|
यदि आपको भी इस विषय में जानकारी नहीं है और आप Indian Scientist Name in Hindi के बारे में सभी जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे लेख को अंत तक जरूर पढ़ें| क्योंकि इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किस वैज्ञानिक ने किसकी खोज की है या किस चीज का आविष्कार किया है इन सभी जानकारियों को विस्तार पूर्वक जाने के लिए हमारे को ध्यान पूर्वक जरूर पढ़ें|
Indian Scientist Name in Hindi
दोस्तों जिस प्रकार दुनिया विभिन्न वैज्ञानिकों के द्वारा साइंस के फील्ड में अपना योगदान दिया है उसी प्रकार से भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा भी साइंस के फील्ड में अलग-अलग खोज की गई है और कई प्रकार के अविष्कार भी किए गए हैं| जिनका इस्तेमाल देश के अलावा और भी कई देशों के लोग कर रहे हैं हमारे देश में भी ऐसे ऐसे वैज्ञानिक हुए हैं जिन्होंने ऐसी चीजों की खोज की है जो खुद अधिक काम की साबित हुई है और हो रही है| जिसके लिए हम उन वैज्ञानिकों का आभार मानते हैं और नीचे हम उन सभी वैज्ञानिकों के नाम और अविष्कारों के बारे में बताने वाले हैं|
भारतीय वैज्ञानिक के नाम और उनके आविष्कार
S.No | भारतीय वैज्ञानिक के नाम | आविष्कार |
1 | जगदीश चंद्र बोस | पौधों में वृद्धि को मापने के लिए क्रेस्कोग्राफ का आविष्कार |
2 | एपीजे अब्दुल कलाम | भारत का पहला सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV) विकसित करने में अहम किरदार |
3 | सी.वी रमन | भौतिकी में रमन प्रभाव की खोज |
4 | सत्येंद्र नाथ बोस | बोस-आइंस्टीन सांख्यिकी और बोस-आइंस्टीन कंडेनसेट के सिद्धांत के लिए नींव विकसित करने में अल्बर्ट आइंस्टीन के साथ अहम साझेदारी |
5 | सुब्रमण्यम चंद्रशेखर | अविष्कार के रूप पता लगाया कि एक स्थिर सफेद बौने तारे का अधिकतम द्रव्यमान है |
6 | होमी जे भाभा | भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के संस्थापक और भारत के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख |
7 | प्रफुल्ल चंद्र राय | नए यौगिक मर्क्यूरस नाइट्राइट की खोज की |
8 | श्रीनिवास रामानुजन | (Pi)पीआई, विश्लेषण, संख्या सिद्धांत, निरंतर अंशों के लिए अनंत श्रृंखला पर निष्कर्ष |
9 | एस.एस अभ्यंकरी | बीजीय ज्यामिति के क्षेत्र में अहम योगदान |
10 | हर गोबिंद खुराना | इन्होने पता लगाया कि न्यूक्लिक एसिड में न्यूक्लियोटाइड प्रोटीन के संश्लेषण को कैसे नियंत्रित करते हैं |
भारतीय वैज्ञानिकों के नाम और उनके बारे में जानकारी
Indian Scientist Name in Hindi
प्रफुल्ल चंद्र राय
प्रफुल्ल चंद्र राय, जिनका जन्म 1881 में हुआ था और मृत्यु 1944 में हुई थी, एक प्रमुख भारतीय गणितज्ञ और शिक्षाविद थे। उन्होंने गणित में अपने महत्वपूर्ण योगदानों के लिए भारतीय गणित समुदाय में विशिष्ट पहचान बनाई।
प्रफुल्ल चंद्र राय ने अपनी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की और फिर केम्ब्रिज विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट प्राप्त किया। उन्होंने अपने जीवन में विभिन्न विश्वविद्यालयों में शिक्षा दी और गणित के क्षेत्र में अनुसंधान किया।
प्रफुल्ल चंद्र राय का योगदान विशेष रूप से त्रिभुज ज्यामिति और त्रिकोणमिति के क्षेत्र में था। उन्होंने अनेक गणितीय विचारधाराओं को बढ़ावा दिया और नए तरीकों का प्रस्ताव किया जिनसे त्रिकोणमिति के सिद्धांतों को सरल और समझने में मदद मिलती है।
सलीम अली
सालिम अली को पर्यावरण से काफी लगाव था और इसी लगाव के चलते उन्होंने पक्षी विज्ञान को बहुत कुछ प्रदान किया। यही कारण है कि सालिम अली को एक बार फिर भारतीय बोलियों में बर्ड मैन ऑफ इंडिया के नाम से जाना जाता है। उन्होंने पक्षीविज्ञान से संबंधित विविध प्रकार के शोध और निष्कर्षों को पूरा किया था।
पक्षियों के बारे में सिलसिलेवार जानकारी हासिल करने के लिए सालिम अली इस काम में लगभग 65 साल की उम्र में सफल रहे और उन्होंने पक्षियों के बारे में गहन जानकारी हासिल करने में सफलता हासिल की। उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किये जाने की अधिक संभावना है। वह सुलेमानी बोहरा मुस्लिम परिवार में जन्मजात थे।
श्रीनिवास रामानुजन
वैज्ञानिक श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 1887 में हुआ था और उनकी मृत्यु 1920 में हुई थी। उनके पास अंकगणित जैसे विषयों के बारे में परम तथ्य थे। यही कारण है कि उन्हें समकालीन आधुनिक समय के महान गणितज्ञ के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने गणित में कुछ हद तक तैयारी नहीं की, लेकिन इसकी परवाह किए बिना उन्होंने अंकगणित के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान दिया और संख्या सिद्धांत में लगे रहे। श्रीनिवास रामानुजन ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से अपनी डिग्री प्राप्त की
चंद्रशेखर वेंकट रामन
चंद्रशेखर वेंकट रामन (C. V. Raman) भारतीय भौतिकशास्त्री थे जिन्होंने आपतित फैलने वाली प्रकीर्ण परियों की रे प्रसारण के एक प्रकार को “रमन प्रसारण” के नाम से पहचाना। उन्होंने 1930 में इसके लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया।
रामन जन्म 7 नवम्बर 1888 को तिरुवनंतपुरम, मद्रास प्रांत (अब तमिलनाडु, भारत) में हुआ था और 21 नवम्बर 1970 को बंगलोर, कर्नाटक, भारत में उनका निधन हुआ। उन्होंने चेन्नई विश्वविद्यालय में पढ़ाई की और फिर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट प्राप्त किया।
होमी जहांगीर भाभा
होमी जहांगीर भाभा, जिनका जन्म 30 अक्टूबर 1909 को हुआ था और मृत्यु 24 जनवरी 1966 को हुई थी, भारतीय विज्ञानी और अभियांत्रिक थे जिन्होंने भारतीय परमाणु कारख़ाना की स्थापना की और भारतीय परमाणु प्रोग्राम को प्रारंभ किया। उन्होंने भारतीय परमाणु क्षमता को बढ़ाने के लिए ब्रह्मोस समर और प्रिथ्वी मिसाइल विकसित की। उनका प्रमुख लक्ष्य भारतीय सुरक्षा को मजबूत बनाना और विश्वभर में भारत को एक विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण देश बनाना था। भाभा को “भारतीय परमाणु योजना के पिता” के रूप में सम्मानित किया गया है। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय योगदान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
होमी जहांगीर भाभा का योगदान भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अद्वितीय रहा है और उन्हें भारतीय विज्ञान के महान व्यक्तियों में से एक रूप में याद किया जाता है।
जगदीश चंद्र बसु
जगदीश चंद्र बसु (Jagadish Chandra Basu) भारतीय वैज्ञानिक और जीवविज्ञानी थे जिन्होंने विशेष रूप से विविध प्रकार के पौधों की चर्मद्धारण क्षमता की अध्ययन किया था। उन्होंने प्राथमिक रूप से पौधों की प्रतिरक्षण शक्ति की अनुसंधान में अपनी योगदान की वजह से उन्हें “पौधों के जादूगर” के रूप में जाना जाता है।
बसु 30 जुलाई, 1858 को कोलकाता, भारत में पैदा हुए थे। उन्होंने जीवविज्ञान में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की और फिर कोलकाता विश्वविद्यालय से विज्ञान डॉक्टर की डिग्री भी प्राप्त की। उनके अनुसंधानों में पौधों की प्रतिरक्षण शक्ति, पौधों के जीवन चक्र, और उनके उत्थान के अध्ययन शामिल थे। उन्होंने सूर्य की किरणों के प्रभाव को भी अध्ययन किया और सूर्य की किरणों के पौधों पर प्रभाव की खोज की।
विक्रम साराभाई
विक्रम साराभाई भारतीय वैज्ञानिक, शिक्षाविद् और उद्यमी थे जिन्होंने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की नींव रखी और उसे मानव अंतरिक्ष यातायात में नए दिशानिर्देश देने का सपना देखा। उन्हें ‘भारतीय अंतरिक्ष पिता’ के रूप में भी जाना जाता है।
विक्रम साराभाई का जन्म 12 अगस्त 1919 को अहमदाबाद, गुजरात, भारत में हुआ था। उन्होंने कैलिफोर्निया टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (Caltech) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से उपाधि हासिल की।
उन्होंने 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की स्थापना की और पहले भारतीय उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ का सफल प्रक्षेपण करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
डॉ. अब्दुल कलाम
डॉ. अब्दुल कलाम (Dr. Abdul Kalam) भारतीय वैज्ञानिक, शिक्षक, और भारतीय राष्ट्रपति रहे हैं। वे 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु, भारत में पैदा हुए थे और 27 जुलाई 2015 को उनके निधन हो गए।
अब्दुल कलाम ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और डीआईएचआरई (DRDO) में विभिन्न वैज्ञानिक और अध्यापन पदों पर काम किया। उन्होंने भारतीय मिसाइल प्रोग्राम को भी महत्वपूर्ण दिशा में नेतृत्व प्रदान किया और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने योगदान से मशहूर हुए।
उन्होंने 2002 से 2007 तक भारतीय राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। उनके प्रशासन काल में वे “पीपल्स प्रेसिडेंट” के रूप में भी जाने जाते थे, क्योंकि वे आम जनता के बीच काफी पॉपुलर थे और उनका व्यक्तिगत तात्पर्य और सादगी के साथ संवाद करने का तरीका आकर्षित करता था।
हरगोविंद खुराना
हरगोविंद खुराना (Hargobind Khorana) एक प्रमुख भारतीय-अमेरिकी बायोकेमिस्ट थे जिन्होंने जीवशास्त्र, खाद्य और पोषण, और नुकलेइक एसिड के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने अपने योगदानों के लिए 1968 में नोबेल विज्ञान पुरस्कार प्राप्त किया था।
खुराना का जन्म 9 जनवरी 1922 को पाकिस्तान के एक छोटे से गांव में हुआ था, जो अब पाकिस्तान के हिसार जिले में स्थित है। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से बीएससी की डिग्री प्राप्त की और फिर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की।
खुराना का सबसे महत्वपूर्ण काम उनके डीएनए की श्रृंखला के साथ था, जिसमें उन्होंने जीवों में गुणवत्ता को बढ़ाने वाले नुकलेइक एसिड की तरह के केमिकल रिबन्स की स्थापना की। इस काम ने उन्हें 1968 में नोबेल विज्ञान पुरस्कार के साथ-साथ कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया।
श्री राम शंकर अभ्यंकर
श्री राम शंकर अभ्यंकर का जन्म 1930 में हुआ था बीजगणित में इनके द्वारा विशेष तौर पर योगदान दिया गया था| इसके अलावा आपको बता दें कि बीजगणित गणित की ही एक शाखा है मुंबई यूनिवर्सिटी से इन्होंने वर्ष 1951 में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की और हावर्ड यूनिवर्सिटी से इन्होंने 1952 में इन्होंने a.m. की डिग्री प्राप्त की और 1955 में इन्होंने पीएचडी की डिग्री हावर्ड यूनिवर्सिटी से हासिल की|
FAQ’s Indian Scientist Name in Hindi
यदि बात करें भारत के कुल वैज्ञानिकों की तो भारत में वैज्ञानिकों की संख्या अनगिनत है हालांकि अंदाज़ के तौर पर भारत में 15 से भी अधिक वैज्ञानिक हुए है|
सर जगदीश चंद्र बोस भारत के प्रथम वैज्ञानिक माने जाते हैं|
भारत में मिसाइल एवं परमाणु हथियार के क्षेत्र में शोध करने वाले वैज्ञानिक डॉक्टर अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन ऑफ इंडिया कहा जाता है|