Maulik Adhikar Kya Hai: आज के लेख के माध्यम से हम मौलिक अधिकार के बारे में बताएंगे क्योंकि बहुत से ऐसे लोग हैं जिनको इन अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं होती है जबकि मौलिक अधिकार के विषय में प्रत्येक व्यक्ति को ज्ञान होना बहुत जरूरी है यही कारण है कि आज हम आपको मौलिक अधिकार क्या है से संबंधित जानकारियां प्रदान करेंगे हम आपको बता दें कि मौलिक अधिकार व अधिकार होते हैं जो व्यक्ति की भलाई के लिए जरूरी है इसलिए मौलिक अधिकारों के बारे में प्रत्येक व्यक्ति को जानकारी होना भी जरूरी है Maulik Adhikar Kya Hai कि अलावा हम आपको इस लेख के अंतर्गत यह भी बताएंगे कि मौलिक अधिकार किसे कहते हैं मौलिक अधिकार के महत्व, अर्थ एवं विशेषताएं तथा मौलिक अधिकार कौन-कौन इन सभी जानकारियों को जानने के लिए लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें|
Maulik Adhikar Kya Hai
मौलिक अधिकार व अधिकार होते हैं जो व्यक्ति को उसकी भलाई के लिए आवश्यक होते हैं और उन्हें नैतिक बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से विकसित करने में भी सहायता करते हैं भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों को संयुक्त राज्य अमेरिका के बिल ऑफ राइट्स से प्रेरित होकर जोड़ा गया था|
Maulik Adhikar भारत के संविधान में निहित बुनियादी मानवाधिकार के सभी नागरिकों को गारंटी के मौलिक अधिकारों को जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव के बिना लागू किया जाता है इसी के साथ ही मौलिक अधिकार कुछ शर्तों के अधीन अदालतों द्वारा लागू किए जा सकते हैं|
मौलिक अधिकार किसे कहते हैं
मौलिक अधिकार व मूल अधिकार होते हैं जो किसी भी देश के संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदान किए जाते हैं यह अधिकार देश के प्रत्येक नागरिक को के व्यक्तित्व के पूर्ण विकास हेतु बहुत आवश्यक माने जाते हैं| मौलिक अधिकारों को देश के संविधान में एक विशेष दर्जा प्राप्त है जिस में संशोधन की प्रक्रिया के अतिरिक्त अन्य कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकता है यह अधिकार एक व्यक्ति को हर क्षेत्र में विकास करने का अवसर प्रदान करते हैं मौलिक अधिकार का संबंध न्याय पद्धति से होता है जिसके माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति को समान रूप से अधिकार प्राप्त होते हैं मौलिक अधिकार देश के संविधान सभा द्वारा लागू किया जाता है और इसे संविधान सभा द्वारा ही सुरक्षित भी किया जाता है|
Maulik Adhikar – मौलिक अधिकार का अर्थ
मौलिक अधिकार उन अधिकारों को कहा जाता है जो व्यक्ति के जीवन के लिए मौलिक होने के कारण संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदान किए जाते हैं और जिनमें राज्य द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है| यह ऐसे अधिकार है जो व्यक्ति के व्यक्तित्व के पूर्ण विकास के लिए जरूरी होते हैं और जिनके बिना मनुष्य अपना पूर्ण विकास नहीं कर सकता है|
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मौलिक अधिकार का महत्व
- यह राजनीतिक लोकतंत्र का आधार है|
- यह नागरिकों को सामाजिक एवं नैतिक सुरक्षा प्रदान करता है|
- इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता की दीवार माना जाता है|
- भारतीय राज्य के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को करता है|
- सरकार के पूर्ण अधिकार के लिए एक जांच के रूप में कार्य करता है|
- मौलिक अधिकार कानून के शासन की स्थापना को सुगम बनाता है|
Features of Fundamental Rights (विशेषताएं)
- मौलिक अधिकार की विशेषताएं निम्न प्रकार है|
- इनमें से कुछ अधिकार केवल भारत के नागरिकों को प्रदान किए जाते हैं जबकि अन्य विदेशियों के साथ-साथ भारतीयों को भी प्रदान किए जाते हैं|
- इन अधिकारों के उल्लंघन के मामले में कोई व्यक्ति जिसकी प्रवर्तन के लिए हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है|
- राष्ट्रीय आपातकाल की अवधि के दौरान अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर सभी मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए जाते हैं|
- सुप्रीम कोर्ट मौलिक अधिकारों का संरक्षक है|
- अनुच्छेद 31A, 31B और 31C उनके संचालन के दायरे को सीमित करता है|
- किसी विशेष क्षेत्र में सैन्य शासन के दौरान मौलिक अधिकारों को प्रतिबंधित किया जा सकता है|
भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध अधिकार
- भारतीय संविधान के तहत मौलिक अधिकार|
- धर्म नस्ल जाति लिंग यह जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव के खिलाफ (अनुच्छेद 15)
- सार्वजनिक के मामले में अवसर की समानता का अधिकार (अनुच्छेद 16)
- भाषण और अभिव्यक्ति सभा संघ आंदोलन की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19)
- संस्कृति और शैक्षिक अधिकार (अनुच्छेद 29 और 30)
मौलिक अधिकार कौन–कौन से है
भारतीय संविधान मुख्य रूप से मौलिक अधिकारों को प्रदान करता है जिनके बारे में नीचे बताया गया है|
- समानता का अधिकार
- स्वतंत्रता का अधिकार
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
- शोषण के विरुद्ध अधिकार
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार
- संस्कृति एवं शिक्षा संबंधी अधिकार
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मौलिक अधिकार पर नई अपडेट
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 में निहित मौलिक अधिकार ना केवल राज्य और इसकी बल्कि अन्य लोगों के खिलाफ भी लागू किया जा सकता है|
- आम नागरिक के खिलाफ इन अनुच्छेद का उपयोग किया जा सकता है|
- भारत के संविधान का अनुच्छेद 19 भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है और आमतौर पर लागू होता है|
FAQs
(Maulik Adhikar) मौलिक अधिकार अधिकार है जो व्यक्ति की भलाई के लिए जरूरी होते हैं और उनको नैतिक बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से विकसित करने में सहायता करते हैं|
मौलिक अधिकार 6 प्रकार के हैं-
समानता का अधिकार
स्वतंत्रता का अधिकार
धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
शोषण के विरुद्ध अधिकार
संवैधानिक उपचारों का अधिकार
संस्कृति एवं शिक्षा संबंधी अधिकार
भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताओं के रूप में मौलिक अधिकार संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से लिया गया था|