ट्रांसफार्मर क्या है? ट्रांसफार्मर का उपयोग, प्रकार व कार्य| Transformer Kya Hai

Transformer Kya Hai – ट्रांसफार्मर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन या विद्युत यंत्र है यह एक ऐसा विद्युत यंत्र है जो कि एसी सप्लाई की फ्रीक्वेंसी को बिना बदले उसे कम या ज्यादा करने के लिए प्रयोग किया जाता है इसका इस्तेमाल उन DC उपकरणों पर किया जाता है जोकि AC सप्लाई द्वारा चलाए जाते हैं| जैसे कि एंपलीफायर, बैटरी चार्जर इत्यादि DC उपकरण ऐसी उपकरण के मुकाबले बहुत कम बिजली से चलते हैं जैसे की Audio Amplifier 12 वोल्ट डीसी से कार्य करता है|

यही कारण है कि ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल करके पहले AC Volt को 220 वोल्ट से 12 वोल्ट में बदला जाता है और फिर इसे रैपिड फायर की मदद से एसी से डीसी में बदला जाता हैं| ट्रांसफार्मर का हर जगह केवल एक ही कार्य होता है बिजली को कम या फिर अधिक करना इसलिए आज के आर्टिकल में हम आपको Transformer Kya Hai के बारे में बताएंगे इसके अतिरिक्त हम आपको ट्रांसफार्मर के भाग, प्रकार और ट्रांसफार्मर कैसे कार्य करता है आदि के बारे में आपको सभी जानकारियां प्रदान करेंगे|

ट्रांसफार्मर क्या है (Transformer Kya Hai)

जैसा कि हमने आपको बताया कि ट्रांसफार्मर एक प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो विद्युत ऊर्जा को इसके वोल्टेज स्तर में परिवर्तन करने के साथ एक सर्किट से दूसरे सर्किट में ट्रांसफर करता है इस ऊर्जा ट्रांसफर में विद्युत ऊर्जा के Frequency में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं होता है| ट्रांसफार्मर में विद्युत ऊर्जा का एक सर्किट से दूसरे सर्किट में ट्रांसफर एक चुंबकीय क्षेत्र की उपस्थिति में होता है माना चुंबकीय क्षेत्र के उपस्थिति विद्युत ऊर्जा का ट्रांसफर संभव नहीं है क्योंकि ट्रांसफार्मर में किसी भी प्रकार का घूमने वाला भाग नहीं होता है| इसलिए इसमें किसी भी प्रकार का घर्षण उत्पन्न नहीं होता है जिससे घर जा उड़ जा के रूप में उर्जा हानि नहीं होती है इसलिए ट्रांसफार्मर की दक्षता सबसे अधिक होती है|

ट्रांसफार्मर की परिभाषा (Definition of Transformer)

जो उस यंत्र में दी गई फ्रीक्वेंसी और पावर में बदलाव किए बिना वोल्टेज को कम या ज्यादा करके देता है उस स्तर यंत्र को ट्रांसफार्मर कहा जाता है|



ट्रांसफार्मर के माध्यम से एक सर्किट की फ्रीक्वेंसी और पावर को उसी प्रेग्नेंसी और पावर में कायम कर दूसरे सर्किट में स्थानांतरित (ट्रांसफर) किया जाता है|

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ट्रांसफार्मर किस सिद्धांत पर कार्य करता है

ट्रांसफार्मर का कार्य सिद्धांत बहुत ही सरल है यह दो या दो से अधिक कोइल में उत्पन्न म्युचुअल इंडक्शन सिद्धांत पर कार्य करता है म्युचुअल इंडक्शन सिद्धांत फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिद्धांत को ही कहा जाता है| इस सिद्धांत के अनुसार किसी विद्युत परिपथ में यदि एक प्रत्यावर्ती विद्युत धारा वह आरोपित किया जाए तो उसमें एक प्रत्यावर्ती प्रकृति का ही चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है| जब यह चुंबकीय क्षेत्र किसी दूसरे परिपथ के संपर्क में आता है तब उसमें भी प्रत्यवर्ती प्रकृति का एक ईएमएफ अर्थात वोल्टेज उत्पन्न कर देता है|

ट्रांसफार्मर के प्रकार (Types Of Transformer)

  • सिंगल फेज ट्रांसफॉर्मर
  • थ्री फेज ट्रांसफार्मर
  • स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर
  • स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर
  • ऑटो ट्रांसफॉर्मर
  • कोर टाइप ट्रांसफॉर्मर
  • शेल टाइप ट्रांसफॉर्मर
  • बेरी टाइप ट्रांसफॉर्मर
  • इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफॉर्मर
  • करंट ट्रांसफॉर्मर
  • पोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर

वोल्टेज के आधार पर ट्रांसफार्मर दो प्रकार के होते हैं

  1. स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर (Step Up Transformer)
  2. स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर (Step Up Down Transformer)

ट्रांसफार्मर के मुख्य भाग

वैसे तो ट्रांसफार्मर के निर्माण में कई प्रकार के कॉन्पोनेंट का उपयोग किया जाता है लेकिन ट्रांसफार्मर अंदर विद्युत ऊर्जा का प्रवाह निम्न तीन भागों से होता है|

  • प्राइमरी वाइंडिंग (Primary Vainding) 
  • सेकेंडरी वाइंडिंग (Secondary Vainding)
  • मैग्नेटिक कोर (Magenetic Core)

प्राइमरी वाइंडिंग

यह ट्रांसफार्मर का पहला भाग होता है जिसमें विद्युत स्रोत से विद्युत ऊर्जा को ट्रांसफार्मर से जोड़ा जाता है यह ट्रांसफार्मर के लिए इनपुट की तरह कार्य करता है| ट्रांसफार्मर में चुंबकीय फ्लक्स प्राइमरी वाइंडिंग में ही उत्पन्न होता है जब प्राइमरी वाइंडिंग को AC वोल्टेज से जोड़ा जाता है तब उसमें एक ऐसी विद्युत धारा का प्रवाह होने लगता है जिससे प्राइमरी वाइंडिंग में एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है|

सेकेंडरी वाइंडिंग

यह ट्रांसफार्मर में कोर के दूसरे साइड में जुड़ा हुआ एक कोई होता है जिसे सेकेंडरी वाइंडिंग कहा जाता है सेकेंडरी वाइंडिंग ट्रांसफार्मर में आउटपुट की तरह कार्य करता है| प्राइमरी वाइंडिंग में उत्पन्न चुंबकीय फ्लक्स मैग्नेटिक कोर से होते हुए जब सेकेंडरी वाइंडिंग से लिंक करता है तब इसमें फैराडे के म्युचुअल इंडक्शन सिद्धांत एक EMF उत्पन्न हो जाता है जिसकी प्रकृति आरोपित प्राइमरी वाइंडिंग में आरोपित AC Voltage के समान ही होता है|

मैग्नेटिक कोर

यह एक प्रकार के हाई ग्रेड सिलिकॉन तथा आयरन का बना हुआ कौन होता है जिसका मुख्य कार्य प्राइमरी वाइंडिंग में उत्पन्न हुए चुंबकीय फ्लक्स के लिए कम प्रतिरोध का रास्ता तैयार करना है जिससे यह बिना किसी हानि के सेकेंडरी वाइंडिंग से लिंक हो सके| अर्थात मैग्नेटिक और चुंबकीय फ्लक्स के लिए एक बंद चुंबकीय पांच का निर्माण करता है|

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ट्रांसफार्मर का उपयोग

अगर हम बात करें ट्रांसफार्मर के उपयोग की तो ट्रांसफार्मर का उपयोग विद्युत परिपथ में कई प्रकार के कार्य करने के लिए उपयोग किया जाता है लेकिन अधिकतर सर्किट में यह वोल्टेज को घटाने या बढ़ाने के लिए ही उपयोग किया जाता है इलेक्ट्रिकल पावर सिस्टम में ट्रांसफार्मर का उपयोग बहुत किया जाता है| पावर सिस्टम में उपयोग किया जाने वाला ट्रांसफार्मर स्टेप अप या स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर होता है क्योंकि हमें मालूम है कि विद्युत ऊर्जा का उत्पादन क्षेत्र उनसे सुदूर होता है तथा उत्पादित विद्युत ऊर्जा का वोल्टेज लेवल बहुत कम होता है|

यदि ट्रांसमिशन लाइन में मोटे चालक उपयोग किए जाए तो खर्चा बढ़ जाएगा इसके विपरीत अगर हाई वोल्टेज पर विद्युत ऊर्जा को स्थानांतरित करें तो यह कार्य आसानी से पतले चालक से हो जाएगा| इसी कारण पावर प्लांट में उत्पादित विद्युत ऊर्जा का वोल्टेज लेवल को पहले स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर की सहायता से स्टेप अप किया जाता है| इसके बाद उसे ट्रांसमिशन लाइन की सहायता से उपयोग करने वाले स्थान पर भेजा जाता है उपयोग के स्थान पर विद्युत ऊर्जा का उपयोग कम वोल्टेज लेवल पर होता है इसके लिए पुनः स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर का उपयोग कर वोल्टेज लेवल को कम किया जाता है|

FAQs – Transformer Kya Hai

स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर क्या होता है?

यह एक ऐसा ट्रांसफार्मर होता है जो Low Voltage को High Voltage में बदलता है|

स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर क्या होता है?

स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर एक ऐसे ट्रांसफॉर्मर होता है जो High Voltage को Low Voltage में बदलता है|

Transformer का उपयोग क्यों किया जाता है?

Transformer का उपयोग AC Voltage Level को बढ़ाने या घटाने के लिए किया जाता है|

ट्रांसफार्मर क्या परिवर्तित करता है?

ट्रांसफार्मर धारा एवं वोल्टेज परिवर्तित करता है|

Transformer का सबसे अधिक गर्म होने वाला भाग कौन सा है?

Transformer का सबसे अधिक गर्म होने वाला भाग कुंडलियां है|

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