दुनिया के सात अजूबे कौन-कौन से है और कहां-कहां है (Seven Wonders of The World in Hindi)
आज के आर्टिकल में हम आपको एक बहुत अहम जानकारी प्रदान करेंगे आर्टिकल के अंतर्गत हम आपको बताएंगे कि दुनिया के सात अजूबे कौन-कौन से है और कहां कहां स्थित है| यदि आपको दुनिया के सात अजूबों के बारे में जानकारी नहीं है तो कोई बात नहीं क्योंकि आर्टिकल के अंतर्गत हम आपको Seven Wonders Of The World की सभी विस्तारपूर्वक जानकारियां प्रदान करने वाले हैं| हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आप दुनिया के सात अजूबों के नाम फोटो सहित जान पाएंगे इसके अलावा आपको इन अजूबों के इतिहास के बारे में भी आपको जानने को मिलेगा लेकिन आपसे निवेदन है कि यह सभी जानकारी जाने के लिए हमारे साथ अंत तक बने रहे|
विश्व (दुनिया) के सात अजूबों के बारे में अधिक जानकारी
Seven Wonders of The World – यह तो आप सभी जानते ही होंगे कि दुनिया के सात अजूबे का इतिहास बहुत ही प्राचीन है वैसे तो सदियों से ही विश्व में प्राचीन इमारते रही है सबसे पहले इसका विचार ग्रीक इतिहासकार हेरोडोटस और विद्वान कल्लिमचुस को आज से करीब 22 साल पहले आया था इन दोनों महान व्यक्तियों ने दुनिया को 7 अजूबों से अवगत कराया जैसा कि हम आपको बता दें की अधिकतर पुरानी इमारतें टूट गई है यानी 6 पुराने अजूबे नष्ट हो चुके हैं और वर्तमान समय में सिर्फ एक गिजा का पिरामिड ही सुरक्षित है इसलिए इसकी सूची को यूनानी विद्वानों द्वारा दोबारा से संशोधित किया गया|
विश्व के सात अजूबों को चुनने की पहल सबसे पहले 1999 में शुरू की गई थी जिसका आरंभ सर्वप्रथम स्विट्जरलैंड से किया गया इन सात अजूबों का चयन करने हेतु एक फाउंडेशन (Foundation)की स्थापना की गई तथा उस फाउंडेशन के द्वारा एक नई साइट बनवाई गई जिसमें पूरे विश्व की 200 धरोहर की एक सूची तैयार हुई तथा इस लिस्ट के माध्यम से उन सात अजूबों को चुनने के लिए वोटिंग कराई गई जो कि Internet और Telephone के द्वारा संपन्न की गई| लोगों द्वारा 10 करोड़ वोट डाले गए हैं 7 जुलाई 2007 को चुने गए सात अजूबों की घोषणा लिस्बन पुर्तगाल में “कैनेडियन–स्विस बर्नार्ड वेबर”के नेतृत्व में सर्वेक्षण को पूरा करने के बाद किया गया जिसको New 7 Wonders Foundation द्वारा स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख शहर में आयोजित किया गया जो आज पूरी दुनिया में सात अजूबों के रूप में जाने जाते हैं|
दुनिया के सात अजूबों के नाम – Seven Wonders of The World
- चीन की दीवार
- ताजमहल
- पेट्रा
- क्राइस्ट रिडीमर
- माचू पिच्चू
- कोलोसियम
- चिचेन इत्जा
दुनिया के सात अजूबे (Seven Wonders Of The Words)
अजूबे के नाम (हिंदी) | अजूबे के नाम (अंग्रेजी) | निर्माण वर्ष | स्थान |
चीन की दीवार | China Wall | 700 BC | चीन |
ताजमहल | Taj Mahal | 1648 AD | भारत |
पेट्रा | Petra | 312 BC | जॉर्डन |
क्राइस्ट रिडीमर | Christ Redeemer | 1931 AD | ब्राज़ील |
माचू पिच्चू | Machu Picchu | 1450 AD | पेरू |
कोलोसियम | Colosseum | 80 AD | इटली |
चिचेन इत्जा | Chichen Itza | 600 AD | मैक्सिको |
दुनिया के सात अजूबों के नाम और फोटो
चीन की दीवार (China Wall)
चीन की दीवार सात अजूबों में से एक अजूबा है इसका निर्माण 7वीं शताब्दी से लेकर 1600 वी शताब्दी तक चीन के विभिन्न शासकों के द्वारा बाहरी आक्रमणों से बचने के लिए किया गया था चीन ने अपनी सुरक्षा के लिए अपनी सभी सीमाओं को एक दीवार से घेर दिया था इसका निर्माण कार्य अलग-अलग राज्यों के कई शासकों द्वारा किया गया जिसे चीन की दीवार कहा जाता है| इसकी कुल लंबाई 6400 किलोमीटर है एवं ऊंचाई लगभग 35 फीट है अगर इसकी चौड़ाई की बात करें तो इस दीवार पर 10 लोग एक साथ आराम से चल सकते हैं और यह चीन के पूर्वी हिस्से से लेकर पश्चिमी हिस्से तक फैली हुई है इस दीवार के बारे में कहा जाता है कि इसको अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है इस दीवार को बनाने में 20 से 30 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई थी|
ताजमहल (Taj Mahal)
ताजमहल भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा में स्थित है ताजमहल (Taj Mahal) एक मकबरा है यह ऐतिहासिक धरोहर प्यार की निशानी मानी जाती है इसका निर्माण शाहजहां ने 1632 ईस्वी से लेकर 1653 ईस्वी तक हुई इसकी ऊंचाई 73 मीटर है ऐसा कहा जाता है कि इस इमारत को बनाने में लगभग 15 साल का समय लगा था मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था| इसलिए यह मुगल साम्राज्य का एक बेहतरीन उदाहरण भी है ताजमहल को बनवाने के लिए शाहजहां ने दुनिया भर से संगमरमर का पत्थर मंगवाया था| यह एक अनोखी कलाकृति और खूबसूरती का जबरदस्त नमूना है संगमरमर से बना ताजमहल पूरी तरह से सफेद है तथा इसका निर्माण लगभग 20,000 कारीगरों द्वारा किया गया और इसे बनवाने में तकरीबन 15 वर्ष का समय लगा था|
पेट्रा Petra
पेट्रा जॉर्डन एक ऐतिहासिक नगरी में स्थित है यह एक अनोखी कलाकृति और बड़ी-बड़ी चट्टानों और पत्थरों से तारासी गई इमारतों का बना हुआ है जो बेहद मशहूर भी है इस इमारत के सारे पत्थर लाल रंग के हैं इसलिए इसको रोज सिटी के नाम से भी जाना जाता है| इसे दुनिया के सात अजूबे में शामिल किया गया है इसका निर्माण तकरीबन 312 BC में किया गया था लाखों की संख्या में प्रतिवर्ष विदेशी पर्यटक इस नायाब खूबसूरती को देखने आते हैं इसे सन1985 में यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल किया था|
क्राइस्ट द रिडीमर (Christ Redeemer)
क्राइस्ट द रिडीमर स्टेच्यू या क्रिस्टो रिडेंटोर जीसस की आर्ट डेको स्टाइल प्रतिमा है जो ब्राजील की राजधानी रियो जेनेरियो में माउंट कोरकोवाडो के ऊपर स्थित ईसा मसीह की एक विशाल प्रतिमा है यह दुनिया की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है इसकी ऊंचाई 130 फुट और चौड़ाई 98 फीट है इसका वजन लगभग 635 टन है इस मूर्ति को मूर्तिकार Heitor da Silva Costa, Carlos Oswald, नए डिजाइन किया और फ्रेंच के Paul Landowski के द्वारा इसे बनवाया गया था इस मूर्ति का निर्माण 1926 में शुरू हुआ और 5 वर्षों में साल 1931 में यह मूर्ति बनकर तैयार हो गई दुनियाभर के ईसाई धर्म के लोगों का यह एक प्रतीक स्थल के रूप में हैं|
माचू पिच्चू (Machu Picchu)
माचू पिच्चू दक्षिण अमेरिका देश पैरों में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है जहां कोलंबस पूर्व युग इंका सभ्यता कर रही थी यह भी दुनिया के सात अजूबों में शामिल है समुद्र तल से इस ऐतिहासिक स्थल की ऊंचाई 2430 मीटर एंडीज पर्वत पर स्थित है इसका निर्माण राजा पचाकूति 1400 ईसवी के आसपास करवाया था| जिस पर बाद में स्पेन ने अधिपत्य कर लिया था ऐसा कहा जाता है कि स्पेन के आक्रमण से पहले यह नगरी संपन्न थी परंतु आक्रमणकारी अपने साथ चेचक जैसी बीमारी लाए और यह शहर पूरी तरह तबाह हो गया और फिर इसे ऐसे ही छोड़ दिया था जिसके बाद यहां की सभ्यता समय के साथ लुप्त हो गई लेकिन 1911 में अमेरिका के हीरम विमहैम ने इसकी खोज की और इस ऐतिहासिक स्थल को इतिहासकार ने दुनिया के सामने लाया था इसको “लूस्ट सिटी ऑफ़ द इंका“ के नाम से भी जाना जाता है|
कोलोसियम (Colosseum)
कोलोसियम इटली देश के रोग नगर के मध्य में प्राचीन विशाल स्टेडियम है इसका निर्माण 70 वी सदी में सम्राट वेस्पेशियन द्वारा कराया गया था यह स्टेडियम कंक्रीट और रेत से बनाया गया है| जिसमें एक साथ लगभग 50,000 80000 दर्शक साथ बैठकर जंगली जानवरों और गुलामों की लड़ाई ओ का खूनी खेल देखते थे यह विश्व का बहुत ही पुराना स्टेडियम है| हालांकि प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप उसे इसका कुछ हिस्सा टूट गया है लेकिन इसकी नकल कर ऐसा स्टेडियम बनाना आज भी नामुमकिन है|
चिचेन इट्ज़ा (Chichen Itza)
चिचेन इट्ज़ा मेक्सिको का विश्व प्रसिद्ध मयान मंदिर है यह इमारत माया सभ्यता काल की गाथा गाती है इस मंदिर का निर्माण 600 ईसवी पूर्व हुआ यह मेक्सिको के सबसे पुराने स्थलों में से एक है यह कुल 5 किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ ब्राह्मण के आकार का यह 79 फिट ऊंचा है इसके चारों ओर सीढ़ियां बनाई गई है इसकी हर दिशा में 91 सीढ़ियां है इस तरह कुल मिलाकर इसमें 365 सीढ़ियां है जो 1 साल के 365 दिन का प्रतीक माना जाता है और 365 वा देना ऊपर बना चबूतरा है जिसे कुकुल्कन का मंदिर कहते हैं यह बीचो बीच में और इसकी ऊंचाई 79 फिट है
Conclusion – Seven Wonders of The World
आज के आर्टिकल से आपने दुनिया के सात अजूबे कौन-कौन से हैं (Seven Wonders of The World) के बारे में सभी जानकारियां प्राप्त की आपको बता दें कि दुनिया के सात अजूबों के बारे में प्रत्येक व्यक्ति को पता होना चाहिए| क्योंकि यह आपके सामान्य ज्ञान में आता है यदि सात अजूबों से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां आपको पसंद आई हो तो हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें|