Globe Kya Hai – ग्लोब किसे कहते हैं, अविष्कार और इतिहास जानिए पूरी जानकारी

Globe Kya Hai – ग्लोब (Globe) का नाम आप सभी ने कहीं ना कहीं जरूर सुना होगा और आपको इस बारे में बहुत सी जानकारियां भी प्राप्त होंगी क्योंकि इसको आपने अपने स्कूल या कॉलेज में जरूर देखा होगा यह आज भी बहुत से अपने घर या ऑफिस में रखते हैं साथ ही आपने अपनी पढ़ाई के दौरान यह भी जरूर जाना होगा कि पृथ्वी को समझने के लिए ग्लोब को समझना जरूरी होता है| यदि आपको अभी तक ग्लोब के बारे में जानकारी नहीं है तो इस लेख में ग्लोब से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की गई है यह जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे लेख को जरूर पढ़ें यहां आपको जानने को मिलेगा कि Globe Kya Hai ग्लोब किसे कहते हैं ग्लोब के प्रकार अविष्कार और इतिहास आदि|

Globe Kya Haiग्लोब क्या है

ग्लोब को हम पृथ्वी का एक लघु प्रतिरूप कह सकते हैं जिस पर हमारी धरती के विभिन्न भौतिक प्रतिरूप ओ महादीप महासागरों विभिन्न देशों दीपू आदि की आकृति स्थिति उनकी दिशा आधी अंकित होती है इन्हीं सब जानकारियों को यदि हम किसी समतल कागज पर बनाएं तो यह उतना बेहतर नहीं होगा जबकि हम इसे ग्लोब पर अधिक बेहतर तरीके से दर्शा सकते हैं इसलिए ग्लोब पर बने मैप मानचित्र अधिक सटीक और सही होते हैं|

आपको बता दें कि Globe शब्द की उत्पत्ति लेटिन भाषा के Globus से हुई इस शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है गोला या गोलाकार| ग्लोब को देखने पर आप यह पाएंगे कि ग्लोब एक तरफ को झुका होता है जिस पर प्रकार हमारी पृथ्वी भी एक तरफ हो झुकी हुई होती है इसके आर पार से गुजरने वाली एक कल्पनीय रेखा होती है जिसे हम लोग पर देख सकते हैं जिस पर ग्लोब आसानी से पश्चिम की तरफ से पूरब की ओर घूमता है इसे पृथ्वी की एक्सिस यानी धुरि या अक्ष कहते हैं हमारी पृथ्वी भी पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है|

ग्लोब का आविष्कार

Globe Kya Hai – यदि हम बात करें ग्लोब के अविष्कार की तो ऐसा माना जाता है कि इसका आविष्कार वर्ष 1442 में हुआ था| कहा जाता है कि इस दौरान जब पृथ्वी को अंतरिक्ष में देखा गया तो वह पूरी तरह से गोल दिखाई दी इसके बाद एक पेंटर की मदद से जिस तरह से पृथ्वी दिखाई दी थी उसी तरह से ग्लोब को पेंट कर दिया गया| पृथ्वी के गोल होने के कारण इसे ग्लोब कहा जाता है लेकिन ग्लोब अंग्रेजी भाषा का शब्द नहीं है यह एक लैटिन शब्द है जिसका यदि हिंदी में अर्थ निकाला जाए तो मतलब होता है गोलाकार लेकिन इसके बाद से लगातार ग्लोब में छोटे-मोटे बदलाव होते रहे इसलिए यह तय करना बहुत कठिन काम है कि आखिरकार ग्लोब का आविष्कार किसने किया|



हालांकि ऐसा भी कहा जाता है कि इससे पहले भी ग्लोब को 17 साल पहले बना दिया गया था लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि ग्लोब को जिसने भी बनाया हूं पर आज इसका फायदा पूरी दुनिया उठा रही है|

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ग्लोब के प्रकार (Types of Globe)

अब हम ग्लोब के प्रकार के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे ग्लोब मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं जिसमें पहला स्थलीय ग्लोब होता है| जबकि दूसरा और दूसरा आकाशीय ग्लोब होता है नीचे हम आपको इनके बारे में विस्तार से बताएंगे|

स्थलीय ग्लोब (Terrestrial Globe)

इस प्रकार के ग्लोब का सबसे अधिक प्रयोग होता है इसके अंदर यदि आप किसी भी देश के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको उससे संबंधित सभी जानकारी प्राप्त हो जाती है जैसे कि किसी देश के राज्य नदियां पहाड़ पर्वत आदि जो लोग भूगोल में दिलचस्पी रखते हैं| आमतौर पर उनके घर पर इस तरह के ग्लोब को देख सकते हैं साथ ही स्कूल में अध्यापक किसी की मदद से बच्चों को समझाते हैं|

आकाशीय ग्लोब (Celestial Globe)

इस प्रकार का ग्लोब आम आदमी बेहद कम प्रयोग करते हैं क्योंकि इसके अंदर आपको खगोलीय पिंडों की जानकारी दी गई होती है इसकी मदद से आप का गोल के बारे में जानकारी जुटा सकते हैं| इसलिए इसका प्रयोग केवल वही लोग करते हैं जो कि खगोल शास्त्र में दिलचस्पी रखते हैं और इससे संबंधित जानकारी जुटाना चाहते हैं|

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Globe और Map में अंतर (Difference of Globe and Map)

                     Globe                   Map  
ग्लोब एक त्रिविमीय प्रदर्शन है|जबकि मानचित्र किसी क्षेत्र का द्विविमीय प्रदर्शन होता है|
ग्लोब एक प्रकार का पृथ्वी का डुप्लीकेट कॉपी है  मानचित्र में किसी विशिष्ट क्षेत्र की भौतिक विशेषताएं आप विस्तृत और व्यापक तौर पर देख सकते हैं|  
ग्लोब के साथ इस जानकारी को देखना मुश्किल होता है|किसी भी समतल मैप पर किसी क्षेत्र विशेष की जानकारी आसानी से देख सकते हैं|
ब्लॉग में आप नवनिर्मित बदलावों को नहीं देख सकते हैं|मानचित्र में आप किसी क्षेत्र से जुड़ी अधिक से अधिक डिटेल प्राप्त कर सकते हैं|
ग्लोब केवल दो प्रकार के होते हैं|  जबकि मानचित्र कई प्रकार के होते हैं|
ग्लोब को पूरी दुनिया को ध्यान में रखकर बनाया गया है|जबकि मानचित्र को किसी एक चीज को लेकर बनाया गया है|
ग्लोब में आप एक साथ पूरी दुनिया का नक्शा देख सकते हैं|जबकि मैप में सामान्य तौर पर एक आप साथ इतनी जानकारियां नहीं देख सकते हैं|

ग्लोब की उपयोगिता और विशेषताएं

ग्लोब की मदद से आप पूरे विश्व में सभी महाद्वीपों और वहां मौजूद सभी देशों और उनके भौगोलिक क्षेत्रों को देख सकते हैं|

(Globe) ग्लोब का उपयोग विभिन्न विद्यालयों और कॉलेजों में विद्यार्थियों को बेहतर जानकारी प्रदान करने के लिए और उनकी बेहतर समाज प्रदान करने के लिए किया जाता है|

पृथ्वी पर जल और थल के वितरण अर्थात महासागर और महाद्वीपों के विस्तार व पृथ्वी पर उनकी स्थिति को देख वह समझ पाते हैं|

ग्लोब में दिखाई गई जानकारी सटीक होती है जिससे आप कोई भी जानकारी बेफिक्र होकर चेक कर सकते हैं|

ग्लोब की मदद से आप यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि आपके देश और दुनिया में कौन-कौन सी नदियां हैं इसके उद्गम स्थल कहां है और यह कहां जाकर समाप्त है| महासागर के आसपास बसे देश और वाहन स्थित महत्वपूर्ण शहरों स्थानों आदि के बारे में देख सकते हैं|

globe ग्लोब देखने पर आप अपने देश से जुड़ी बहुत सी विशेष जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं|

ग्लोब सबसे अधिक उपयोगी भूगोल (Geography) के विद्यार्थियों के लिए होता है ग्लोब की मदद से ही वह अपनी पूरी पढ़ाई करते हैं उनके लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है|

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