होली कब है: होली एक सांस्कृतिक धार्मिक और पारंपरिक त्यौहार है पूरे भारत में इस त्यौहार का अलग ही जश्न और उत्साह देखने को मिलता है होली भाईचारे आपसी प्रेम और सद्भावना का त्यौहार है| इस दिन लोग एक दूसरे को रंगों में सरोवर करते हैं| सभी हिंदू धर्म के लोगों को होली का बहुत इंतजार रहता है| यही कारण है कि आज के लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि होली कब है (Holi Date 2024) क्योंकि ऐसे बहुत से लोग हैं| जो इस बारे में जानना चाहते हैं यदि आप भी होली कब है और होली से संबंधित सभी जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे लेख के माध्यम से सभी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं|
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होली कब है (Holi Date 2024)
इस बार होली का दहन 24 मार्च रविवार को होगा होलिका के अगले दिन होली मनाई जाती है इसलिए इस वर्ष 25 मार्च को होली है इस दिन देश भर में धूमधाम से होली मनाई जाएगी| होलिका दहन के दिन इस बार 10:28 बजे तक भद्रा का योग रहेगा भद्रा में होलिका दहन नहीं करना चाहिए| इसलिए भद्र समाप्ति के बाद होलिका दहन रात 10:28 के बाद किया जाएगा उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक डॉक्टर प. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वचली के अनुसार पूर्णिमा तिथि रविवार को सुबह 9:23 बजे शुरू हो जाएगी होलिका दहन के एक सप्ताह पूर्व 17 मार्च से होलाष्टक शुरू हो जाएगा| इसी के साथ होलिका को बढ़ाने और सजाने का कार्य शुरू होगा पर्व को लेकर बाजार में भी रौनक छाने लगी है|
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होलिका दहन 2024
24 मार्च को होलिका दहन है इस दिन होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त देर रात 11:13 27 मिनट तक है ऐसे में होलिका दहन के लिए आपको कल 1 घंटे 14 मिनट का समय मिलेगा|
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होली का इतिहास और महत्व
मान्यताओं के अनुसार होलीका राजा हिरण्यकश्यप की राक्षसी बहन थी हिरण्यकश्यप का बेटा प्राणहद भगवान विष्णु का भक्त था| जो हिरण्यकश्यप को बिल्कुल पसंद नहीं था इसलिए उसने उसे करने के लिए होलिका की गोद में बिठा दिया लेकिन भगवान की कृपा से होली का जिसे आज में ना जलने का वरदान था वह आग में जल गई और प्राणहद बच गया| यही कारण है कि यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई का जीत का प्रतीक है होली वसंत के आगमन का प्रतीक है जो सर्दियों की निराशता पर रंगों की विजय का प्रतीक है|
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होलिका दहन पूजा की विधि
- होलिका दहन की पूजा करने के लिए सबसे पहले स्नान करना जरूरी है|
- स्नान के बाद होलिका की पूजा वाले स्थान पर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाएं|
- पूजा करने के लिए गाय के गोबर से होली का और प्रहलाद की प्रतिमा बनाएं|
- वही पूजा की सामग्री के लिए होली,, फूल फूलों की माला, कच्चा दूध, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, 5 या 6 तरह के अनाज और एक लोटे में पानी रखें|
- इसके बाद इन सभी पूजन सामग्री के साथ पूरे विधि विधान से पूजा करें|
- मिठाइयां और फल चढ़ाएं|
- होलिका की पूजा के साथ ही भगवान नरसिंह की भी विधि विधान से पूजा करें और फिर होलिका के चारों ओर 7 बार परिक्रमा करें|
FAQ’s
होली सोमवार 25 मार्च 2024 को मनाई जाएगी और होलिका दहन रविवार 24 मार्च 2024 को होगा|
होली बुराई पर अच्छाई की जीत और वसंत के आगमन का उत्सव है जो लोगों में एकता और खुशी को बढ़ाता है|
होलिका दहन के समय जलाए जाने वाली अग्नि बुराई और नकारात्मकता को जलाने का प्रतीक है जो रोग बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है|
हिंदू धर्म|
होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है क्योंकि इसमें रंगीन पाउडर और पानी की चंचल बौछारें शामिल होती है जो खुशी और आनंद का प्रतीक है|