Garibi Rekha Kya Hai: गरीबी सबसे विकराल समस्याओं में से एक है गरीबी एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक व्यक्ति या परिवार के पास न्यूनतम जीवन स्तर को वहन करने के लिए वित्तीय संसाधनों की कमी होती है लेकिन गरीबों का प्रतिनिधित्व करने वाली धरना समय के साथ और राष्ट्रों में उतार-चढ़ाव कर सकती है| गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों की संख्या से गरीबी का अंदाजा लगाया जा सकता है|
आज के इस लेख के अंतर्गत हम आपको गरीबी रेखा क्या है के बारे में बताने वाले हैं इसके अलावा हम आपको गरीबी रेखा का कारण परिभाषा एवं भारत में गरीबी का आकलन का महत्व आदि जानकारियां प्रदान करेंगे| Garibi Rekha Kya Hai से संबंधित सभी जानकारियां जानने के लिए हमारे लेख को अंत तक जरूर पढ़ें|
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Garibi Rekha Kya Hai
गरीबी एक ऐसी रेखा होती है जिसे एक स्थिति के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो लोग गरीबी रेखा के अंतर्गत आते हैं वह व्यक्ति जीवन यापन के लिए बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ होते हैं जैसे भोजन कपड़ा और मकान इन लोगों के पास नहीं होते हैं गरीबी एक भ्रामक जाल बन जाती है जो धीरे-धीरे समाप्त होती है| लेकिन कई बार गरीबी ही लोगों की मौत का कारण बन जाती है क्योंकि लोगों के पास व्यवस्था उपलब्ध नहीं हो पाती जो आम लोगों के पास होती है|
इसलिए इस प्रकार की गरीबी को दूर करने के लिए और गरीब जनता को सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार की तरफ से कई योजनाएं चलाई जाती हैं जिससे गरीबी रेखा के अंतर्गत जीवन यापन करने वाले लोगों को सुविधा प्रदान की जा सके जिससे उनका जीवन आसान हो जाए|
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भारत में गरीबी का आकलन (Poverty Estimation in india)
जब आय या खपत का स्तर एक निश्चित न्यूनतम स्तर से नीचे गिर जाता है तो एक परिवार को गरीबी रेखा से नीचे (BPL) कहा जाता है जो भारत में गरीबों को मापने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक सामान्य दृष्टिकोण है|
गरीबी रेखा की गणना (Calculation of Poverty Line)
नीति आयोग की टास्क फोर्स अब राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) द्वारा एकत्रित जानकारी का उपयोग करके भारत की गरीबी स्टार का अनुमान लगती है जो सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MOSPI) के तहत काम करता है|
नीति आयोग ने योजना आयोग को प्रतिस्थापित किया है जो पहले भारत में गरीबी रेखा की गणना के लिए जवाबदेह था|
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गरीबी का कारण
देश में मौजूद गरीबी का एक प्रमुख कारण देश की मौसम की स्थिति है क्योंकि वर्तमान समय में गैर अनुकूल जलवायु खेतों में काम करने के लिए लोगों की क्षमता को काम करती है इसके अलावा देश में बाढ़, दुर्घटनाएं, भूकंप और चक्रवात उत्पादन को बाधित करने का कार्य करते हैं इसके साथ ही देश की बढ़ती जनसंख्या भी गरीबी का मुख्य कारण है|
जनसंख्या वृद्धि प्रति व्यक्ति की आय को काम करती है इसके अतिरिक्त एक परिवार का आकार बड़ा काम प्रति व्यक्ति आय है| भूमि और संपत्ति का आसमान वितरण एक दूसरी समस्या होती है जो किसानों के हाथ में जमीन के एकाग्रता को समान रूप से रोकने का कार्य करती है|
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भारत में गरीबों की पहचान का महत्व (Importance of Identifying the Poor in India)
भारत में गरीबी का आकलन निम्नलिखित कारणों से आवश्यक है|
- गरीबों की पहचान या गरीबों का अनुमान गरीबी उन्मूलन योजना का एक हिस्सा है जो समाज से गरीबी उन्मूलन को सुनिश्चित करता है|
- यह गरीबों को दूर करने के लिए शुरू की गई कई सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता पर नजर रखने में सहायता करता है यह इन योजनाओं को किसी भी प्रकार की कमियों को दूर करने के लिए ट्रिक करने में भी सहायता करता है|
- भारत का संविधान एक निष्पक्ष और न्याय संगत समाज की गारंटी देता है इसलिए गरीबी का आकलन समाज के कमजोर वर्गों की पहचान को आसान काम बनाकर ऐसे समाज का मार्ग प्रशस्त करता है|
गरीबी की परिभाषा (Definition of Poverty)
गरीबी लोगों को हर मुश्किलों का सामना कर देती है क्योंकि गरीबी में लोगों के पास ना तो खाने की व्यवस्था होती है और ना ही रहने के लिए घर और ना ही पहनने के लिए कपड़े होते हैं| जिससे उनका जीवन यापन करना बहुत ही कठिन हो जाता है क्योंकि उन लोगों को हर तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है|
यही कारण है कि गरीब लोगों को सरकार द्वारा भी कई प्रकार की सुविधा प्रदान की जाती है जिसमें लोगों को राशन प्रदान किया जाता है रहने के लिए मकान की भी व्यवस्था की जाती है जिससे लोगों की कुछ समस्याओं को काम किया जा सके और उनको जीवन यापन करने में कुछ मदद मिल सके|
FAQ’s
गरीबी रेखा या निर्धनता रेखा आई के उसे स्तर को कहते हैं जिससे कम आमदनी होने पर इंसान अपनी आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ होता है|
बढ़ती जनसंख्या दर|
जो लगभग 180 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से कमाता है वह गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाला माना जाता है|