नार्को टेस्ट क्या होता है? Narco Test कैसे होता है (What is Narco Test in Hindi)

What is Narco Test, Narco Test Kya Hota Hai | नार्को टेस्ट क्या होता है और यह टेस्ट कैसे होता है Narco Full Form & Price नार्को परीक्षण के नियम व जानकारी हिंदी में

क्या आपने कभी नार्को टेस्ट का नाम सुना है यदि आप इस टेस्ट के बारे में नहीं जानते हैं तो आज के लेख के माध्यम से आपको नार्को टेस्ट से संबंधित सभी जानकारी लेख के माध्यम से प्रदान की जाएगी Narco Test में व्यक्ति को ड्रग नाम की एक साइक्लो एक्टिव मेडिसन दी जाती है या फिर उसको सोडियम पेंटोथल नाम का इंजेक्शन दिया जाता है| व्यक्ति के शरीर में इस दवा का असर पहुंचते ही व्यक्ति एक अवस्था में पहुंच जाता है जिसमें व्यक्ति पूरी तरह से बेहोश भी नहीं होता और पूरी तरह से होश में भी नहीं रहता है कई अपराधिक मामलों में इस टेस्ट का प्रयोग किया जाता है| कई बार पुलिस अपराधी से सच का पता नहीं लग पाता तब इसी टेस्ट की मांग पुलिस द्वारा या फिर पीड़ित द्वारा की जाती है|

नार्को टेस्ट छोटे अपराधों में प्रयोग नहीं किया जा सकता है यह टेस्ट केवल बड़े और संगीन अपराधों में ही प्रयोग किया जा सकता है| यदि आप Narco Test Kya Hota Hai से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे साथ अंत तक बने रहे|

Narco Test Kya Hota Hai

NCBI के अनुसार नारको टेस्ट 1 डिस्पर्शन डिटेक्शन टेस्ट होता है जिस कैटेगरी में पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग टेस्ट भी आते हैं अपराध से जुड़ी सच्चाई और सबूतों को ढूंढने में नारको परीक्षण बहुत मदद करता है|



क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट विकास खन्ना के मुताबिक यह टेस्ट व्यक्ति को हिप्नोटिज्म की स्थिति में ले जाता है जहां उसका चेतन मन कमजोर हो जाता है वह ना पूरी तरह से बेहोश होता है और ना ही सही प्रकार से होश में होता है| और वह जानकारी देने से पहले सोचने समझने की स्थिति में नहीं रहता है NCBI कहता है कि न्यायालय में नार्को टेस्ट की रिपोर्ट मान्य नहीं है लेकिन जांच एजेंसियां थर्ड टॉर्चर के मानवीय विकल्प के रूप में इसके लिए अनुमति लेती है|

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Narco full form

  • NARCO – Narcotics Commission
  • NARCO – Normal Adventure Some Reliable Comforting Opinionated
  • NARCO – National Rear Commodore
  • NARCO – North American Railcar Operators Association

नार्को परीक्षण के नियम व जानकारी

टेस्ट से पहले व्यक्ति का परीक्षण

किसी भी व्यक्ति का नारको टेस्ट होने से पहले उसका पूरा शारीरिक परीक्षण किया जाता है जिसमें यह भी देखा जाता है कि क्या व्यक्ति का शरीर इस टेस्ट के लायक है भी या नहीं यदि व्यक्ति बीमारियां अधिक उम्र यह शारीरिक और दिमागी रूप से कमजोर पाया जाता है तो नार्को टेस्ट नहीं किया जाएगा|

इसके अतिरिक्त व्यक्ति की सेहत आयु और जेंडर के बेस पर उसको नारकोटेस्ट की दवाइयां खिलाई जाती है| कई बार दवाई की डोर अधिक होने के कारण परीक्षण असफल भी हो जाता है इसलिए इस टेस्ट को करने में बहुत अधिक सावधानियां बरतनी चाहिए|

बहुत से ऐसे मामले देखे गए हैं कि टेस्ट के दौरान दवाई की मात्रा अधिक हो जाने के कारण व्यक्ति कोमा में भी जाने का खतरा हो जाता है| कभी-कभी व्यक्ति की मौत का भी खतरा होता है इस कारण टेस्ट को बहुत सोच विचार करके ही किया जाता है|

Narco Test कैसे होता है

  • Narco Test करने के लिए व्यक्ति को पहले बेहोश किया जाता है जिससे इंसान से में कौन सी ऐसी स्थिति में पहुंच जाता है| यदि आसान भाषा में कहा जाए तो सेमी कॉन्शियस का मतलब होता है व्यक्ति ना तो पूरा होश में होता है और ना ही पूरी तरह से बेहोश होता है|
  • ऐसी कंडीशन में इंसान चाह कर भी झूठ नहीं बोल सकता है शायद आप एक बार पहले से जानते होंगे कि हम आपको झूठ बोलने के लिए कल्पना ओं का सहारा लेना पड़ता है|
  • यदि किसी व्यक्ति पर यह सब केमिकल का इंजेक्शन दिया जाता है तो ऐसे में वह कल्पना नहीं कर सकता है जब वह अपने मस्तिष्क में कल्पना नहीं कर पाएगा तो ऐसी स्थिति में झूठ बोलना उसके लिए लगभग नामुमकिन होगा|
  • आपने भी देखा होगा कि जो लोग दारू पीकर बेहोशी में रहते हैं वह कल्पना नहीं कर पाते हैं यही कारण है कि उनके मुंह से कई बार सच निकल जाता है|
  • अपराधी या कोई अन्य व्यक्ति के आसपास जो भी घटनाएं होती हैं वे उनके दिमाग के कल्पनाओं में होती है यदि कोई व्यक्ति बेहोश ना हो तो अपनी कल्पनाओं को घुमा फिरा करके गलत तरीके से बता सकता है लेकिन यह टेस्ट होने के बाद व्यक्ति कल्पना नहीं कर सकता और वह सच बोल सकता है|
  • इस टेस्ट के दौरान व्यक्ति का कल्पना पूरी तरह से खत्म हो जाता है यही कारण है कि वह चाह कर भी झूठ नहीं बोल सकता हैं|

नार्को टेस्ट का कानून

वर्ष 2010 में KG बालकृष्णन वाली तीन जजों की बेंच ने बताया था कि जिस व्यक्ति का नार्को टेस्ट या पॉलीग्राफ टेस्ट लिया जाना है उसकी सहमति आवश्यक है| हालांकि CBI और अन्य एजेंसियों को किसी का नारको टेस्ट लेने के लिए कोर्ट की अनुमति लेना जरूरी नहीं है|

Narco Test के दौरान सबसे पहले व्यक्ति को नॉर्मल विजुअल जैसे पेड़ फूल और फल इत्यादि चीजें दिखाई जाती है इसके बाद इस मामले से जुड़ी तस्वीरें सामने लाई जाती है फिर व्यक्ति के शरीर का रिएक्शन जांच आ जाता है| इस दौरान यदि दिमाग और शरीर की कुछ अलग प्रतिक्रिया होती है तो इससे पता चल जाता है कि व्यक्ति उस घटना या मामले से संबंधित रखता है या नहीं|

नार्को टेस्ट कराने में कितना खर्च आता है

अभी तक की जानकारी के मुताबिक यह टेस्ट आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है इस टेस्ट को पहले मुंबई में कराया जाता था| अब रोहिणी स्थित डॉ बाबासाहेब आंबेडकर अस्पताल में शुरू होने वाला है अब तक कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही Narco Test किया जाता है|

Narco Test Side Effect

नार्को टेस्ट के मनोवैज्ञानिक दुष्प्रभावओ के बारे में डॉक्टर विकास खन्ना ने बताया कि यह टेस्ट व्यक्ति में अभियंता का भाव पैदा करता है जिससे चिड़चिड़ापन चिंता जैसी मनोवैज्ञानिक समस्याएं देखने को मिलती है कुछ मामलों में Narco Test के बाद लंबे समय तक एंजाइटी और कमजोर याददाश्त भी रिपोर्ट हुई है| हालांकि इसका कोई चिकित्सीय प्रमाण नहीं है|

न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर कुमार ने बताया कि एक स्वास्थ्य व्यक्ति पर नारकोटेस्ट में इस्तेमाल हुई दवा का दुष्प्रभाव होना ना के बराबर है लेकिन हिप्नोटिक्स ड्रग की हाई डोज के कारण जैसे रेस्पिरेटरी और हार्ट पेशेंट का ब्लड प्रेशर बहुत अधिक गिर सकता है| जिस कारण सांस लेने में मुश्किल हो सकती है और कमाया मृत्यु जैसी स्थिति भी पैदा हो सकती है यही कारण है कि नारकोटेस्ट लेने से पहले व्यक्ति का फिटनेस टेस्ट किया जाता है|

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