FIR Application in Hindi – आज के इस आधुनिक युग में लोगों के साथ-साथ अपराधी भी हाईटेक होते जा रहे हैं जिसके कारण अपराधिक गतिविधियां निरंतर बढ़ती जा रही है नियमानुसार यदि आपके साथ किसी प्रकार की अपराधिक घटना घटित है या बाइक मोबाइल फोन साइकिल दस्तावेज आदि सामान के चोरी हो जाने पर पीड़ित व्यक्ति को अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में लिखित या मौखिक रूप से सूचना देनी होती है यहां सबसे बड़ी बात यह है कि आज भी बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें इस प्रकार की एप्लीकेशन लिखने के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं होती है|
यदि आपको भी एप्लीकेशन लिखने के बारे में जानकारी नहीं है और आप इस विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारा आज का आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा क्योंकि इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको एफ आई आर लिखवाने के लिए एप्लीकेशन लिखने के बारे में बताएंगे FIR Application in Hindi, FIR Application Format जानने के लिए हमारे साथ अंत तक बने रहे
(What is FIR) FIR Kya Hoti Hai
एफआईआर का पूर्ण रूप होता है “First Information Report” जो किसी अपराध की पहली सूचना होती है। यह एक कानूनी दस्तावेज होता है जिसे भारतीय कानून व्यवस्था में अपराध की जानकारी के लिए पुलिस द्वारा दर्ज किया जाता है।
जब कोई अपराध होता है, तो वार्ता को पुलिस स्टेशन में जाकर अपनी सूचना दर्ज करनी होती है जो उस अपराध की पहली सूचना के रूप में जानी जाती है। इस सूचना को आमतौर पर एफआईआर के नाम से जाना जाता है जो पुलिस अधिकारी को उस अपराध के बारे में जानकारी देने के लिए मदद करता है जिससे अपराध के विषय में जानकारी जुटाई जा सकती है और अपराधी को पकड़ा जा सकता है।
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FIR Full Form
- F – First
- I – Information
- R – Report
एफआईआर लिखने से संबंधित जानकारियां – FIR Application in Hindi
- सबसे पहले आपको यह एप्लीकेशन उस पुलिस थाने में देनी हैं जिस थाना क्षेत्र के अंदर घटना घटित हुई है|
- एफ आई आर में अपनी घटनाक्रम लिखने से पहले थाने का नाम और उसका पूरा पता जरूर लिखें|
- आपके द्वारा घटित घटना को अपनी एफ आई आर की कॉपी में अलग से किसी कॉलम में उल्लेख करें|
- इसके बाद रिपोर्ट में अपनी जानकारी प्रदान करें जैसे अपना नाम तथा निवास आदि के बारे में लिखें|
- आपके द्वारा घटित घटना कब हुई और किस स्थान पर हुई इसके बारे में आपको विस्तृत जानकारी प्रदान करनी होगी|
- यदि आपके साथ जब घटना घटी है तो उस समय आपके आसपास कोई व्यक्ति विशेष मौजूद था यह नहीं उसे गवाह के तौर पर जरूर विवरण दें|
- यदि आपके साथ जो अपराधिक घटना घटी है वह किसी परिचित व्यक्ति के द्वारा किया गया करते हैं तो उसे अपनी FIR रिपोर्ट में जरूर लिखें|
- जब आपके साथ अपराधिक घटना हो रही थी उसके प्रमाण के लिए यदि आपके पास किसी प्रकार का ऑडियो या वीडियो है तो उसका ब्यौरा अपनी रिपोर्ट में दर्ज करें|
- आपके साथ हुई अपराधिक घटना से आपको क्या हानि पहुंची इसके बारे में जानकारी प्रदान करें|
- आप घटनाक्रम पर अकेले थे या आपके साथ कोई अन्य व्यक्ति भी था इसके बारे में आपको पूरा विवरण देना होगा|
- यदि जब आप के साथ अपराध हो रहा था और अपराध करने वाले व्यक्ति से आप परिचित नहीं थे तो उसके हुलिए के आधार पर तथा उसके पहनावे के आधार पर उसे पहचान करने के लिए उसका ब्यौरा दर्ज कराएं|
- अपराधिक घटना जब आपके साथ हुई उसके विषय में अन्य किसी प्रकार की अधिक जानकारी है तो उसे भी आपको विस्तार से बताना होगा|
- जब भी आप अपनी एफ आई आर की रिपोर्ट लिखो आते हैं तो उसमें अपना पहचान पत्र की फोटो कॉपी जरूर लगा कर दें|
- जब आपके द्वारा दिया गया FIR Application पूर्ण रूप से हो जाए तो उसके नीचे अपने हस्ताक्षर अवश्य करें|
FIR Application कैसे लिखें
यदि आप भी FIR एप्लीकेशन लिखना चाहते हैं लेकिन आपको एप्लीकेशन लिखना नहीं आता है तो ऐसी स्थिति के लिए हम आपको FIR के Demo दिखाने वाले हैं इन डेमो की मदद से आप आसानी से एफ आई आर दर्ज करा सकते हैं|
Demo1- घर में चोरी होने पर एफआईआर दर्ज कराना
सेवा में,
थाना प्रभारी
नंदगंज थाना
जिला गाजीपुर
विषय- घर में सामान चोरी होने के संबंध में
महोदय
मैं नितिन कुमार राजपुर गांव का निवासी हूं जो कि अपने पूरे परिवार के साथ ही राजपुर मार्केट में दो मंजिला मकान में रहते हैं पिछले 2 दिनों से मैं अपनी पिताजी की बीमारी के कारण उनके इलाज कराने के लिए अपनी बहन के घर बरेली गया हुआ था| जहां पर हम लोग इलाज कराकर आज दोपहर 1:00 बजे रायपुर आए तो देखा कि हमारे घर के मेन गेट का ताला टूटा हुआ है और अंदर सामान बिखरा पड़ा है और अलमारी का लॉक तोड़कर उसके अंदर से जेवर और नगदी भी चोरी कर ली गई है जो कि तकरीबन 7000 तक के थे और नगदी लगभग 20 से 25000 रुपए लॉकर में थे|
चोरी हुए सामानों का विवरण
- एक अदद जोड़ा कान का झुमका
- दो पायल
- एक मंगलसूत्र
- गले की चैन
- नगदी 25000
अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि आप मेरे द्वारा दी गई घर में चोरी की सूचना के आधार पर एक एफ आई आर दर्ज करने की कृपा करें तथा उससे संबंधित उचित कार्यवाही करें|
Demo 2- वाहन चोरी होने पर एफ आई आर दर्ज कराना
सेवा में,
थाना प्रभारी
कोतवाली थाना
जिले का नाम
विषय- बाइक चोरी होने के संबंध में
महोदय
मेरा नाम संजय वर्मा है मेरी आयु 35 वर्ष है मैं कोतवाली का का निवासी हूं आज दोपहर 3:00 बजे मैं अपनी बाइक से जिला अस्पताल में अपने पिताजी के इलाज के लिए गया था पर्किंग में भीड़ अधिक होने के कारण मुझे अपनी बाइक अस्पताल के बाहर ही खड़ी करनी पड़ी जब मैं अस्पताल से वापस आया तो मुझे मेरी बाइक वहां नहीं मिली मैंने आसपास सभी जगह खोजबीन की और अनेक लोगों से पूछताछ भी की लेकिन कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई मेरी बाइक 6 माह पुरानी है और इसका रंग काला है|
(यहां आप घटना से संबंधित पूरी जानकारी प्रदान करें जैसा कि ऊपर दिया गया है)
मेरी बाइक का अन्य विवरण इस प्रकार है|
Make- Hero
Model- Passion Pro
Color- Black
Registration Number- AB44C1234
अतः आपसे निवेदन है कि आप मेरे द्वारा दी गई मोटरसाइकिल की चोरी होने की सूचना के आधार पर एफ आई आर दर्ज कर उचित कार्यवाही करने की कृपा करें|
धन्यवाद
दिनांक
आभारी
निवास स्थान
का नाम
हस्ताक्षर
FIR Application Format
पुलिस द्वारा FIR दर्ज ना करने पर क्या करें
यदि पुलिस द्वारा आपकी शिकायत की प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती है या एफ आई आर दर्ज करने से मना करते हैं तो आप अपनी शिकायत ऑनलाइन रजिस्टर से कर सकते हैं या आप रजिस्टर्ड डाक द्वारा क्षेत्रीय पुलिस उपायुक्त को भेज सकते हैं| इसके साथ ही आप इसकी शिकायत सीनियर ऑफिसर्स जैसे अपर पुलिस अधीक्षक किया पुलिस अधीक्षक से कर सकते हैं इसके बावजूद भी यदि कोई सुनवाई ना होने पर आप अपने क्षेत्र में मजिस्ट्रेट के समक्ष पुलिस को दिशा निर्देश के लिए कंप्लेंट पिटिशन दायर कर सकते हैं|
FAQ’s – FIR Application in Hindi
एक बार एफ आई आर दर्ज होने के बाद पुलिस द्वारा इसकी जांच होना बाध्य हो जाता है पुलिस रिपोर्ट के आधार पर अपनी जांच पड़ताल करती है वह उसी अनुसार अपनी क्राइम रिपोर्ट बनाती हैं|
एक बार एफ आई आर दर्ज होने के बाद f.i.r. को रद्द नहीं किया जा सकता है जबकि शिकायतकर्ता इसके लिए आग्रह करते हैं इसका निस्तारण दंड प्रक्रिया संहिता के तहत निर्धारित तरीके से ही किया जा सकता है| जब सभी संभव प्रयास करने के बाद अपराधी का पता नहीं लगाया जा सकता है और भविष्य में उसे खोजने के लिए कोई बदलाव नहीं किया गया है|
सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के पास एक प्राथमिकी को रद्द करने की शक्ति है जो प्रकृति में तुच्छ है और कथित व्यक्ति के खिलाफ आवश्यक रूप से मामले को आगे बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है| शीर्ष अदालत को एक प्राथमिकी को बहुत सावधानी से और संयम से रद्द करना पड़ता है और एक प्राथमिकी को रद्द करने के मामले में कई कारणों को देखना पड़ता है|